- मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना में 13 हजार युवकों का चयन
- 2018-19 में 42 हजार 315 युवकों को योजना का लाभ मिलेगा
- वितीय वर्ष 2019-20 में करीब एक लाख युवक लाभान्वित होंगे
- सभी प्रखंडों में बस स्टैंड खुलेगा, सड़क सुरक्षा के लिए तीन दूत
- प्रत्येक कालेज से दो सुरक्षा दूतों को तैनात करने की है योजना
- 450 परिवहन सिपाहियों को बहाल करने करने की भी है तैयारी
पटना। वित्तीय वर्ष 2018-19 में मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना में 42 हजार 315 युवकों को इस योजना का लाभ दिया जायेगा। अब तक 13 हजार युवकों का चयन किया जा चुका है। अगले वितीय वर्ष 2019-20 में योजना के आकार में वृद्धि की जाएगी, जिससे करीब एक लाख युवक लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में यात्री परिवहन व्यवस्था सुलभ कराना एवं कमजोर वर्गों के बेरोजगार युवक एवं युवतियों के लिए रोजगार का सृजन करना है। इस योजना से ग्रामीण युवकों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर तो प्राप्त होंगे ही, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन की सुविधा भी बढ़ेगी और इस माध्यम से गाँव को शहरों से जोड़ने की दिशा में भी गति आएगी।
मुख्यमंत्री परिवहन योजना के अंतर्गत हर पंचायत से पांच बेरोजगार युवकों का चयन हो रहा है। बिहार में 8405 पंचायतें हैं और इस वित्तीय वर्ष में कुल 42 हजार 315 युवकों को इस योजना का लाभ दिया जायेगा। इस योजना के लिए इस वित्तीय वर्ष में 421 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।
इस योजना के अंतर्गत लाभुकों को वाहन की कीमत का 50 प्रतिशत या अधिकतम एक लाख रूपये का अनुदान मिल रहा है। आवदेन करते वक्त आवेदकों को अनिवार्य रूप से कुछ कागजात जमा करने हैं, जिनमें जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, शैक्षिणिक योग्यता प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस शामिल हैं। आवेदन प्राप्ति के 7 दिनों के अंदर अनुदान की राशि RTGS (आरटीजीएस) के माध्यम से लाभुकों के खाते में उपलब्ध करा दी जाएगी।
राज्य में वाहनों की बढती संख्या के कारण एक तरफ लोगों को यातायात की सहूलियतें बढ़ी हैं, वहीँ सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ी है। यातायात में सड़क सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं।
सरकार और पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए जितने भी उपाय किये जाएं, अगर लोगों में इसके प्रति जागरूकता न हो तो सारे प्रयास व्यर्थ हो जायेंगे। इसलिए सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा जागरूकता अभियान पर विशेष जोर दिया जा रहा है। राज्य में सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए तीन दूत (अम्बेसडर) बनाये जायेंगे। इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में डेढ़ करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। अगले वितीय वर्ष में रोड सेफ्टी के बजट को बढ़ने का सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है। परिवहन विभाग की योजना है कि सभी कालेजों में भी सड़क सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम कराया जाये। कालेज स्तर पर भी सुरक्षा दूत बनाये जाएं। प्रत्येक कालेज से दो सुरक्षा दूत बनाये जायेंगे, जिनमें से एक छात्र और एक छात्रा होंगे।
नए साल में 450 परिवहन सिपाहियों की बहाली करने की भी योजना है। बिहार पुलिस की बहाली में जो योग्यताएं हैं, वही परिवहन पुलिस की भी बहाली में रहेंगी। ओवरलोड वाहनों की जांच करने के लिए इनकी बहाली की योजना है। इससे खासकर नेशनल हाई वे पर वाहन जांच को और दुरुस्त किया जा सकेगा।
बिहार राज्य पथ परिवहन निगम जल्द ही दरभंगा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में नगर बस सेवा शुरू करेगा। बिहारशरीफ में यह सेवा शुरू हो गयी है। निगम द्वारा दरभंगा के लिए बस रूट का निर्धारण भी कर लिया गया है। राज्य के सभी प्रमुख शहरों में सिटी बस सेवा शुरू करने की सरकार की योजना है और इस पर तेजी से काम भी हो रहा है। अभी राजधानी पटना में 88 नगर बसें चल रहीं हैं, जिसे निकट भविष्य में और लोगों की आवश्यकतानुसार और बढ़ाई जाएगा।
परिवहन के क्षेत्र में शहर को कई सौगात मिलने की उम्मीद है। बैरिया में बन रहे अन्तराष्ट्रीय बस अड्डा दिसंबर 2019 तक तैयार हो जाने की सम्भावना है। इसके अलावा शहर की संकरी सड़कों के लिए भी छोटी बसें नए साल से शुरू होंगी। परिवहन निगम द्वारा जमीनी स्तर पर इसकी पहल भी शुरू कर दी गयी है। पटना से अन्य छोटे शहरों के लिए भी बसें शुरू होंगी। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत सभी प्रखंडों में बस स्टैंड खुलेगा।
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इसके अलावा शहर की ट्रैफिक को एक और सौगात टाइमर लगे ट्रैफिक लाइट शहर को मिलेगी। राजधानी के 20 चौक-चौराहों पर टाइमर लगे ट्रैफिक लाइट शुरू हो जाएँगी। अभी लाइट लाल या हरा होने का पता नहीं चलता है। इससे यह पता चल जायेगा कि कितने समय बाद लाइट हरा या लाल हो जायेगा। नए साल से मनचाहा नंबर रखने की चाह रखने वालों के लिए भी खुशखबरी है कि वीआइपी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी होने लगेगी।
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