रघुवंश व तेजस्वी का सुर एक, तो मनोज झा अलाप रहे अलग राग
पटना। सवर्ण आरक्षण मुद्दे पर आरजेडी में एका नहीं बन पायी है। संसद में राज्यसभा सदस्य मनोज झा के बयान से पार्टी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह इत्तेफाक नहीं रखते। तेजस्वी भी रघुवंश बाबू के बयान से सहमत हैं। दूसरी ओर मनोज झा ने अपने स्टैंड को पार्टी का अधिकृत स्टैंड माना है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद की अंग्रिम पंक्ति के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह और राज्यसभा सांसद मनोज झा के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मंगलवार को रघुवंश प्रसाद सिंह ने मीडिया से सामान्य जातियों के गरीबों को आरक्षण के मसले पर सदन में राजद के स्टैंड में भूल होने की बात स्वीकारी। उन्होंने कहा था कि राजद सामान्य जातियों के गरीबों के आरक्षण के विरोध में कभी नहीं रहा है। उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू यादव के निजी बयानों का भी जिक्र किया था। इसके ठीक दूसरे दिन सदैव पान खाते और उंगुलियां चमका कर बातें रखनेवाले राज्यसभा सांसद प्रो. मनोज झा ने रघुवंश प्रसाद सिंह पर पलटवार कर दिया। यह कहते हुए कि वह रघुवंश प्रसाद सिंह का यह निजी बयान है।
मनोज झा ने कहा कि मैंने सदन में पार्टी का आधिकारिक बयान रखा है, जो पार्टी के ट्विटर हैंडल पर है। सूत्रों की मानें तो लालू यादव के बोल और मन को समझने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह व्यथित, मगर शांत हैं। मौके पर छक्का मारते हुए उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रघुवंश प्रसाद सिंह पर तंज कसते हुए राजग में शामिल होने का आमंत्रण तक दे डाला है।
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वैसे प्रो. मनोज झा ने रघुवंश प्रसाद सिंह को उम्दा सोच व बेबाक राय रखने वाला समाजवादी नेता बताया। उन्होंने बल देकर कहा कि वे हर मसले पर बेबाक राय रखते हैं। उन्होंने अपने को भी पार्टी का एक आधिकारिक राय रखनेवाला प्रतिनिधि बताया। इससे आगे बढ़ते हुए प्रो. झा ने स्वयं को पार्टी का मैसेंजर होने का दावा भी किया। यानी सवर्ण आरक्षण पर संसद में राजद के स्टैंड को सही ठहराने की कोशिश कर रहे थे। ठीक उसी समय राजद विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव सोशल मीडिया चौपाल में सामान्य वर्ग के गरीबों के आरक्षण के पक्ष में सहमति जता रहे थे।
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सवाल है कि फिर किसके इशारे से मनोज झा ने रघुवंश प्रसाद सिंह को आड़े हाथ लिया। मामले की नजाकत को समझते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने रघुवंश प्रसाद सिंह को राजग में सम्मानपूर्वक शामिल होने का आमंत्रण मीडिया के माध्यम से दे डाला। राजद के दो नेताओं के बयानों के बीच तेजस्वी यादव ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। समझा जाता है कि राजद इसे तुल देने से बचना चाहता है। वहीं, सियासी जगत में रघुवंश प्रसाद सिंह के अपमान की चर्चा महसूस की जा रही है।
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