बिहार के उपमुख्यमंत्री ने एनडीए सरकार के वित्तीय प्रबंधन की तारीफ की

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सुशील मोदी ने लोगों को आगाह किया है कि बिहार में मसूर दाल की किल्लत हो सकती है।आयात होकर बंगाल के बंदरगाह से मसूर दाल आती है।
सुशील मोदी ने लोगों को आगाह किया है कि बिहार में मसूर दाल की किल्लत हो सकती है।आयात होकर बंगाल के बंदरगाह से मसूर दाल आती है।

पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपने ट्वीट में विरोधियों को निशाने पर लिया और कहा कि सूबे की एनडीए सरकार ने इतना शानदार वित्तीय प्रबंधन किया कि 2017-18 में विकास दर 2 फीसद बढ़ी। देश के कई राज्य हमारी अर्थव्यवस्था को फॉलो कर रहे हैं। गैरसरकारी रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में भी हमारी विकास दर 9.9 से बढ़कर 11.9 होने की उपलब्धि की सराहना की गई। उन्होंने कहा कि इसका स्वागत करने के बजाय ईर्ष्यालु, भ्रष्टाचार समर्थक और अविश्वसनीय पार्टियां बजट का विरोध कर रही हैं। इसे खोखला बताने वालों की आर्थिक समझ खोखली है, लेकिन उनका दिवालियापन दूर करने के लिए सरकार कुछ नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार में बिहार का राजकोषीय घाटा लगातार तीन फीसदी से कम रहा। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक विकास पर हमारा व्यय पर बेहतर रहा। सरकार की शराबबंदी नीति ने गरीबों की किस्मत बदल दी। इस साल आर्थिक और सामाजिक सुधार के लिए उसी बिहार को 11 अलग-अलग पुरस्कार मिले, जिसे 15 साल के लालू-राबड़ी राज में बीमारू और पिछड़ा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का यह बढ़ता सम्मान उन लोगों को अच्छा कैसे लगेगा, जो रोज चुनिंदा घटनाओं पर छाती पीट ऱाज्य को बदनाम करने में लगे हैं?

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अपने तीसरे ट्वीट में श्री मोदी ने कहा कि  2004-05 के बजट से आठ गुणा ज्यादा धनराशि के इस बजट में पूंजीगत व्यय पर 45 हजार 270 हजार करोड़ खर्च होंगे। वेतन पेंशन पर भी सरकार का ध्यान है, जिसमें संविदाकर्मी भी शामिल हैं। बिहार की खुदरा महंगाई दर 2.7 पर नियंत्रित है। विरोधियों से महंगाई का मुद्दा छिन गया और जनता को सामान वाजिब दाम पर मिल रहे हैं। क्या इसी लिए बजट खोखला है?

उन्होंने कहा कि वित्तीय साल 2019-20 में 24 हजार 420 करोड़ रुपए का ऋण देने का प्रावधान किया गया है।  केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है। 34 हजार798 करोड़ रुपए शिक्षा पर,लगभग 18 हजार करोड़ रुपए सड़कों पर और ग्रामीण विकास पर 15 हजार 669 करोड़  खर्च किये जांएंगे। राज्य के सभी गांवों में समय से पहले बिजली पहुंच गई है। बिहार लालटेन युग से मुक्ति का जश्न मनाने वाला देश का आठवां राज्य बन गया है। लालटेन युग के लोगों को यह अच्छा कैसे लगेगा?

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