- नवीन शर्मा
श्रेया घोषाल हिंदी सिनेमा की सबसे मादक आवाज वाली गायिकाओं में शुमार हैं। वे आशा भोंसले की परंपरा की अगली कड़ी हैं। उनके गाये गाने चिकनी चमेली (अग्निपथ ) में उनकी आवाज की मादकता झलकती है। यह स्क्रीन पर कटरीना के अंदाज में भी दिखाई पड़ता है। श्रेया के नाम सबसे बड़ी उपलब्धि है कि अमेरिका में उनके नाम पर एक दिन डेडिकेट किया गया है। अमेरिका के ऑहियो राज्य के गवर्नर ट्रिक स्ट्रिकलैंड ने 26 जून श्रेया को समर्पित करते हुए इसे श्रेया घोषाल डे के नाम से मनाने का एलान किया था। 2010 में पहली बार श्रेया घोषाल डे मनाया गया था। श्रेया ने चार साल की उम्र से ही अपनी मां से संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। मां से संगीत की प्राथमिक शिक्षा लेने के बाद माता-पिता ने श्रेया घोषाल को महेशचंद्र शर्मा के पास कोटा भेज दिया। महेश चंद्र शर्मा के निर्देशन में श्रेया की हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की विधिवत शिक्षा शुरू हुई। शर्मा की शिक्षा और श्रेया की मेहनत ने अपना रंग दिखाया।
12 मार्च 1984 को पश्चिम बंगाल के ब्रह्मपुर (मुर्शीदाबाद) में जन्मीं श्रेया ने कई बुरे दौर देखे। तमाम परेशानियों के बावजूद श्रेया नाम कमाने में कामयाब हो गईं। सिंगिंग की प्रारंभिक शिक्षा उन्हें अपनी मां से मिली। श्रेया का लालन-पोषण राजस्थान के रावतभाटा में हुआ। उनके पिता भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र इंजीनियर के रूप में काम करते हैं, जबकि मां साहित्य की स्नातकोत्तर हैं और घर संभालती हैं।
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श्रेया को संगीत कार्यक्रम सा रे गा मा के मंच पर अपनी आवाज का जादू दिखाने का मौका मिला। उस समय मशहूर सिंगर सोनू निगम ने कार्यक्रम की मेजबानी की थी जबकि कल्याणजी प्रतियोगिता के निर्णायक थे। गायक-संगीतकार कल्याणजी के कहने पर उनके माता-पिता को मुंबई लाने के लिए मनाया। उन्होंने 18 महीनों तक उनसे शिक्षा ली और मुंबई की मुक्त भिडे़ से शास्त्रीय संगीत की तालीम को जारी रखा।
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श्रेया की जिंदगी में नया मोड़ तब आया जब उन्होंने सा रे गा मा में दूसरी बार भाग लिया। रियलिटी शो में उनकी परफॉर्मेन्स ने फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली का ध्यान अपनी ओर खींचा। भंसाली ने साल 2000 में अपनी फिल्म ‘देवदास’ में गाना गाने का प्रस्ताव रख दिया। इस फिल्म में श्रेया ने इस्माइल दरबार के संगीत निर्देशन में पांच गाने गाए। दुनिया भर के फिल्मी दर्शकों ने ऐश्वर्या राय पर फिल्माया गया, घोषाल का गाना सुना और बहुत ही जल्द श्रेया बॉलीवुड में अलका याज्ञिक, सुनिधि चौहान, साधना सरगम और कविता कृष्णमूर्ति जैसे टॉप के सिंगर्स की लिस्ट में शुमार हो गईं। श्रेया की आवाज़ तो मधुर है ही वे किसी हिरोइन की जैसी खूबसूरत भी हैं।
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देवदास के बैरी पिया गीत के लिए उन्हें उस साल का सर्वश्रेष्ठ गायिका का फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया। साथ ही उभरती प्रतिभाओं के लिए दिया जानेवाला आरडी बर्मन पुरस्कार भी उन्हें उसी पुरस्कार समारोह में दिया गया। देवदास के बाद एआर रहमान, अनु मलिक, हिमेश रेशमिया, मणि शर्मा, एमएम किरावनी, नदीम-श्रवण, शंकर-एहसान-लॉय, प्रीतम, विशाल-शेखर, हंसलेखा, मनो मूर्ति, गुरुकिरण, इल्लया राजा, युवन शंकर राजा और हैरीज जयराज समेत बहुत सारे संगीत निर्देशकों के निर्देशन में बहुत सारी अभिनेत्रियों के लिए गाती रही हैं। उन्होंने उत्तर और दक्षिण फिल्म उद्योगों के लिए बहुत सारे पुरस्कार जीते हैं।
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भूल-भुलैया के ‘मेरे ढोलना’ गीत के लिए भी उन्हें बहुत वाहवाही मिली। लता मंगेशकर को अपना आदर्श मानने वाली घोषाल आज फिल्म उद्योग की एक प्रतिष्ठित गायिका हैं और उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगाली, कन्नड, गुजराती, मेइती, मराठी और भोजपुरी समेत विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए हैं। अमूल स्टार वॉयज ऑफ इंडिया छोटे उस्ताद संगीत कार्यक्रम में वे निर्णायक के रूप में भी आईं। उन्होंने बहुत सारे भारतीय टीवी धारावाहिकों के लिए शीर्षक गीत भी गाए हैं।हाल ही में श्रेया ने एक वेब सीरीज के लिए गाना गाया है।
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श्रेया ने साल 2015 में शिलादित्य मुखोपाध्याय से बंगाली रीति-रिवाज के अनुसार शादी की थी।इससे पहले ये दोनों 10 साल तक रिलेशनशिप में रहे।श्रेया और शिलादित्य की मुलाकात स्कूल के रियूनियन के दौरान हुई थी।
लोकप्रिय गीत
- सुन रहा है न तू (आशिकी 2)
- पियू बोले ( परिणीता)
- ऊ ला ला (डर्टी पिक्चर)
- नगाड़ा संग ढोल
- ये इश्क हाय (जब वी मेट)