बिहार की हाट सीट पटना साहिब, दरभंगा व बेगूसराय बन गयीं हैं

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कांग्रेस के हो गये भाजपा वाले शत्रुघ्न सिन्हा
कांग्रेस के हो गये भाजपा वाले शत्रुघ्न सिन्हा

पटना। बिहार में लोकसभा की तीन सीटों पर देश की नजर है। जाहिर है बिहार में तो ये सीटें मौजूदा हालात में हाट हो गयी हैं। पहली सीट हैं बेगूसराय की है। वहां भारती कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने जेनएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने अपने फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह को टिकट तो दे दिया है, लेकिन उन्होंने भारी जद्दोजहद के बीच उम्मीदवारी कबूल की है। दूसरी सीट पटना साहिब है। भाजपा ने बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट काट कर रविशंकर प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर एसआईएस नाम से सेक्योरिटी कंपनी चलाने वाले राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा टिकट की रेस में थे। तीसरी सीट दरभंगा की है। वहां से राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं, लेकिन कांग्रेस ने भाजपा से कीर्ति झा आजाद को इसलिए दल में शामिल किया कि उन्हें दरभंगा सीट दी जाएगी।

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ताजा हालात ये हैं कि पटना साहिब सीट पर नामांकन के लिए रविशंकर प्रसाद दिल्ली से पटना पहुंचे तो आरके सिन्हा के समर्थकों ने न सिर्फ उन्हें काला झंडा दिखा कर गो बैक के नारे लगाये, बल्कि उनके और आरके सिन्हा के समर्थकों में जम कर झड़प भी हुई। एयरपोर्ट की सुरक्षा संभाल रहे सीआईएसएफ के जवानों को डंडे के बल पर हालात संभालना पड़ा। आरके सिन्हा कहते हैं कि विरोध जताने वाले पार्टी के कार्यकर्ता थे, उनके समर्थक नहीं। कार्यकर्ता पार्टी के होते हैं, किसी व्यक्ति विशेष के नहीं।

पटना साहिब के इस लफड़े में वहां के सिटिंग एमपी शत्रुघ्न सिन्हा मौन साध कर देख रहे हैं। इस पर उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं है। बताया जाता है कि वे कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी में जुटे हैं। 28 मार्च को उनके विधिवत कांग्रेस में शामिल होने की सूचना है। पटना साहिब भाजपा की कायस्थ बहुल सीट है। यानी दो उम्मीदवारों के बीच तितरफा जंग पटना साहिब सीट पर छिड़ी हुई है। दो के झगड़े में बैठे-बिठाये तीसरे की बाजी लग जाये तो कोई आश्चर्य की बात नहीं।

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बिहार की दरभंगा सीट पर राजद अपना दावा जता रहा है तो कांग्रेस भी इसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। भाजपा से कीर्ति झा आजाद को कांग्रेस में शामिल करने का मकसद ही था कि कांग्रेस इस सीट से उन्हें अपना उम्मीदवार बनायेगी। कांग्रेस अड़ी है तो महागठबंधन के अगुआ दल राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने तो 4 स 7 अप्रैल के बीच नामांकन की घोषमा तक कर दी है। मधुबनी सीट पर पेंच फंसा है।

सीधे कहें तो बिहार की चुनावी राजनीति में बने दो गठबंधनों- एनडीए और महागठबंधन में कई सीटों पर पेंच फंसा है। एनडीए उम्मीदवारों की घोषणा कर दो सीटों- बेगूसराय और पटना साहिब पर उलझी है तो महागठबंधन दरभंगा और मधुबनी सीट पर टकराव की स्थिति में हैं। एनडीए में नाराजगी का समग्रता पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा, लेकिन महागठबंधन में टूट हो जाये तो कोई आश्चर्य नहीं।

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