पटना। डबल इंजन की सरकार से बिहार के सभी घरों में पंहुची बिजली। एनडीए सरकार के संकल्प से बिहार के हर घर में बिजली पहुंच गयी और लालटेन युग का अंत हो गया। यह कहना है भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन का। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-राजद के शासन काल में बिहार की हुई दुर्दशा किसी से छिपी नही है।
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आजादी के बाद से ही कांग्रसी सरकारों की लगातार उपेक्षा से बिहार पूरी तरह बदहाल हो चुका था। स्थिति यह थी कि राज्य से बाहर रहने वाले बिहारी अपनी पहचान छिपाने को मजबूर थे। वहीं राज्य में रहने वाले लोगों को बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं हो पायी थीं, लेकिन 2005 में एनडीए के सत्ता में आने के बाद स्थितियों में क्रांतिकारी बदलाव आया।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबल नेतृत्व में राज्य में विकास कार्यों का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ा, जिसमे 2014 के बाद अभूतपूर्व तेजी आ गयी और आज स्थिति यह है कि राज्य और केंद्र की डबल इंजन वाली सरकार से बिहार विकास के सभी मानकों पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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पिछले महज पांच वर्षों में ही एनडीए सरकार ने वह सब कर दिखाया, जो कांग्रेस आज तक करने में असमर्थ रही है। महज कुछ वर्षों पहले तक लालटेन की धुंधली रौशनी में रहने वाला बिहार आज बिजली की चकाचौंध में चमक रहा है। यह एनडीए सरकार के सुशासन की ही देन है कि आज बिहार के सभी घरों में बिजली पंहुच चुकी है।
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इसी तरह एनडीए सरकार के विकसित बिहार बनाने के संकल्प से आज बिहार का स्वच्छता कवरेज 99 फीसदी तक पंहुच चुका है। आंकड़ों को भी देखें तो वर्तमान सरकार ने चार सालों के अपने कार्यकाल में बिहार के विकास को जितनी प्राथमिकता दी है, उतनी किसी सरकार ने नहीं दी थी। याद करें तो कांग्रेस के 10 वर्ष के शासनकाल में 13वें वित्त आयोग के तहत बिहार को केवल 1 लाख 93 हजार करोड़ रुपये दिए गए, जबकि 14वें वित्त आयोग में मोदी सरकार द्वारा राज्य को 4 लाख 33 हजार 803 करोड़ रुपये अर्थात ढाई गुना ज्यादा आवंटित किये गए हैं। केंद्र द्वारा दी जा रही निरंतर सहायता और राज्य द्वारा किए जा रहे इसके कुशल प्रबंधन का असर बिहार के विकास पर आज साफ़ देखा जा सकता है।
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