- वीरेंद्र यादव
पटना। बिहार से संभावित मंत्रियों को है पीएमओ से फोन आने का इंतजार। 30 मई को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में दूसरी बार मंत्रिमंडल के साथ शपथ लेंगे। भाजपा मुख्यालय में जश्न का माहौल है। उसके सहयोगी जदयू और लोजपा के कार्यालयों में भी हरियाली छायी हुई है। बिहार से एनडीए के कुल 49 सदस्य संसद में हैं। इसमें 39 लोकसभा में हैं, जबकि 10 सदस्य राज्य में हैं।
पहले राज्य सभा के गणित देख लें। राज्यसभा में सदस्यों की कुल संख्या 16 है। रविशंकर प्रसाद के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद दो सीट रिक्त हो गयी है। 14 सदस्यों में 5 राजद और कांग्रेस के हैं। शेष 9 में से जदयू के हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा में उपसभापति हैं। इस प्रकार एनडीए के 8 सदस्य मंत्री के दावेदारों में शामिल हैं। इसके साथ ही राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा में मनोनीत राकेश कुमार भी बिहार के ही हैं। इस प्रकार राज्य सभा में दावेदारों की संख्या 9 माना जा सकता है।
बिहार से राज्यभा के 9 और लोकसभा के 39 सदस्यों को केंद्रीय मंत्रिमंडल का दावेदार माना जा सकता है। ये लोग मंत्री बनने की कतार में शामिल हैं। इसके अलावा भागलपुर के दो पूर्व सांसद भी लाइन से हटकर दावेदारों में शामिल माने जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 41 एनडीए के सदस्य नरेंद्र मोदी की सरकार में शामिल होने की प्रतीक्षा में हैं। बिहार में अभूतपूर्व जीत के बाद यह माना जा रहा है कि बिहार से अधिकतम 9 सदस्यों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
आज हमने दर्जन भर सांसदों से बातचीत की। सभी दिल्ली में ही हैं। मंत्री बनने की इच्छा उनकी भी है। उनके अपने-अपने दावे और आधार के तर्क हैं। कोई जाति के आधार पर, कोई क्षेत्र के आधार तो कोई अनुभव के आधार पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं। मन गुदगुदा रहा है। सबको अपनी पार्टी के नेता और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के फोन का इंतजार है। फाइनली फोन तो पीएमओ से ही आयेगा शपथ ग्रहण का।
बिहार से सभी संभावित दावेदारों की धड़कन तेज है। सबसे ज्यादा बेचैन निवर्तमान मंत्री हैं। कुर्सी रहेगी या जाएगी। वे अपनी सेवा को सर्वश्रेष्ठ बता रहे हैं। निवर्तमान मंत्रियों में रविशंकर प्रसाद को ही कंफर्म माना जा रहा है, बाकी वेटिंग में हैं। बिहार की प्रमुख जातियों में यादव, राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण, कुशवाहा और कायस्थ के एक-एक सदस्य को सरकार में जगह मिल सकती है। इसके अलावा अतिपिछड़ी जातियों को ही तरजीह मिलेगी। एकमात्र राजपूत जाति से ही दो मंत्री हो सकते हैं। सभी दावेदारों को पीएमओ से फोन का इंतजार है और हम भी मंत्रियों के शपथ ग्रहण का इंतजार कर रहे हैं।