स्विस बैंक ने उजागर किए 50 भारतीय खाताधारकों के नाम : राजीव रंजन
पटना। काला धन के खिलाफ नरेंद्र मोदी की कोशिश आखिरकार रंग लायी। स्विस बैंक ने किए 50 भारतीय खाताधारकों के नाम उजागर कर दिये हैं। स्विस बैंकों द्वारा काला धन रखने वाले 50 भारतीय खाताधारकों के नाम उजागर किए जाने को मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी बताते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काला धन के खिलाफ केंद्र सरकार की मुहिम का एक बड़ा असर फिर से दिखा है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों से कभी काला धन रखने वालों का स्वर्ग माना जाने वाला स्विटजरलैंड अब उनके लिए सुरक्षित नही रहा। बीते पांच वर्षों में सरकार द्वारा किए गए उपायों और लागू किए गए प्रावधानों से अब वहां के बैंकों में कालाधन रखना भारतीयों के लिए बहुत मुश्किल हो गया है। भ्रष्टाचारियों को एक बड़ा झटका देते हुए स्विस सरकार ने बैंकों में कालाधन रखने वाले 50 भारतीय खाताधारकों के नाम उजागर कर दिये हैं।
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स्विस अधिकारियों ने इन खातों की जानकारी भारत को सौंपने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। स्विस सरकार से हुए समझौते के मुताबिक वह भारत को इस बात की जानकारी देगा कि उसके यहां किसका कितना पैसा जमा है। जिन लोगों के नाम उजागर हुए हैं, उनमें रियल एस्टेट, वित्तीय सेवा, प्रौद्योगिकी, टेलीकॉम सेक्टर, पेंट, गृह सज्जा, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और रत्न आभूषणों के कारोबार से जुड़े लोग हैं। कुछ के खिलाफ आयकर और ईडी के मामले पहले से ही दर्ज हैं। स्विस बैंक के इस बदले रुख से अब बहुतों को परेशानी होगी, क्योंकि आने वाले समय में कुछ बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
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गौरतलब हो कि 2009 में इसी विषय पर एक लोकहित याचिका दायर की गयी थी, जिसका संज्ञान लेते हुए माननीय कोर्ट ने 2011 में ही तत्कालीन यूपीए सरकार को एसआईटी गठन का आदेश दिया था, लेकिन सरकार कान में तेल डाले बैठी रही। बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही इस एसआईटी का गठन किया था। इसी एसआईटी के आधार पर आगे चलकर भारत और स्विटज़रलैंड में इस आशय का करार हुआ, जिसके परिणाम सामने आने लगे हैं। कभी अपने ग्राहकों की जानकारी उजागर नहीं करने वाले स्विस बैंकों का यह रुख नए भारत के प्रभाव को दिखलाता है।
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आपदा के समय एकजुट रहें सभी दलः राजीव रंज ने चमकी बुखार और लू की आपदा से लड़ने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यह किसी से छिपा नही है कि बिहार समेत पूरा देश अभी भीषण गर्मी की चपेट में है। राज्य सरकार द्वारा किए गए समुचित उपायों के बावजूद प्रकृति के कोप के सामने सभी बेबस हैं। ऐसी परिस्थिति में भी कुछ दल अपनी सतही राजनीति चमकाने से बाज नहीं आ रहे हैं, जो काफी दुखद बात है।
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इन दलों को समझना चाहिए कि बिहार एक बड़े परिवार की तरह है और जिस तरह से परिवार में संकट के समय सब एकजुट हो जाते हैं, उसी तरह अभी हमारे पूरे राज्य को एक हो जाना चाहिए। इन दलों को यह जानना चाहिए कि केवल बयानबाजी से कोई आपदा समाप्त नहीं होती, उसके लिए आपसी एकजुटता और सहयोग आवश्यक है। अभी समय जनता के साथ खड़े रहने का है। यह समय सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों को समुचित तौर से धरातल पर उतारने में सरकार का सहयोग करने का है। इसीलिए सभी दलों से मेरा विनम्र निवेदन है कि आपसी मनमुटाव और बेफिजूल की राजनीति का त्याग कर एकजुट हो जनता की सेवा में लग जाएं। सही मायनों में राजनीति का सच्चा मतलब भी यही है।
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