पटना। Bihar NDA में सब कुछ ठीकठाक नहीं है। बीजेपी के साथ सरकार चला रही पार्टी जेडीयू की पुलिस RSS समेत 19 संगठनों पर नजर रख रही है। भाजपा-जदयू के बीच दुराव का ताजा मामला है। स्पेशल ब्रांच के एसपी ने पत्र जारी कर 19 संगठनों से जुड़े सदस्यों के नाम और उनके पेशा समेत कई मुद्दों पर रिपोर्ट मांगी है। पत्र नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के दो दिन पहले ही जारी किया गया है।
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यह सभी दजानते हैं कि बीजेपी के साथ जेडीयू का कई मुद्दों पर तालमेल नहीं है। यानी बिहार एनडीए में एका नहीं है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ जदयू के तालमेल में कमी का कई मौकों पर संकेत दिया है। लोकसभा चुनाव के पहले से ही भाजपा की कुछ नीतियों के प्रति जदयू ने अपनी असहमति का इजहार करना शुरू कर दिया था।
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सीधे शब्दों में कहें तो भाजपा के कई कोर एजेंडों से जदयू की असहमति है। तीन तलाक बिल, कश्मीर में धारा 370, 35 ए, नागरिकता कानून, बिहार से बाहर होने वाले विधानसभा चुनावों में अलग लड़ने का ऐलान, केंद्रीय कैबिनेट में एनडीए के घटक के रूप में जेडीयू को सांकेतिक प्रतिनिधित्व से इनकार और बिहार मंत्रिमंडल के विस्तार में भाजपा के किसी सदस्य को शामिल करना जाहिर करता है कि बिहार एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
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बहरहाल 28 मई को जारी बिहार पुलिस की खुफिया इकाई (स्पेशल ब्रांच) के एसपी ने साफ लिखा है कि आरएसएस और इससे जुड़े सहायक संगठनों के पदधारकों (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव तथा अन्य कोई यदि हो) के नाम, पता, दूरभाष तथा व्यवसाय के संबंध में एक सप्ताह के भीतर सुस्प्ष्ट प्रतिवेदन उन्हें भेजना सुनिश्चित करें। आरएसएस के जिन सहयोगी संगठनों के बारे में विशेष शाखा के एसपी ने जानकारी मांगी है, वे हैं-
- विश्व हिन्दू परिषद
- बजरंग दल
- हिन्दू जागरण समिति
- मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
- हिन्दू राष्ट्र सेना
- राष्ट्रीय सेविका समिति
- शिक्षा भारती
- दुर्गा वाहिनी
- स्वदेशी जागरण मंच
- भारतीय किसान संघ
- भारतीय मजदूर संघ
- भारतीय रेलवे संघ
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
- अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ
- हिन्दू महासभा
- हिन्दू युवा वाहिनी
- हिन्दू पुत्र संगठन
- धर्म जागरण समन्वय समिति
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इस पत्र के उजागर होने के बाद दोनों खेमे में चुप्पी है। अलबत्ता जदयू के राष्ट्रीय महसचिव केसी त्यागी ने इसे रूटीन वर्क बताया है। भाजपा और संघ में इस सूचना के बाद भीतर ही भीतर कसमसाहट है, लेकिन खुल कर न जदयू के लोग इस पर बोल रहे और न आरएसएस और भाजपा के लोग। अलबत्ता आरजेडी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने जरूर कहा है कि इस जांच-पड़ताल का क्या मतलब। नीतीश ने ही भाजपा और संघ को बिहार में जड़ें जमाने का मौका दिया है।
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