अरुण जेटली 9 अगस्त से दिल्ली स्थित एम्स में थे भर्ती
रांची: पूर्व वित्त मंत्री, कानूनविद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। जेटली लंबे समय से बीमार चल रहे थे। एम्स ने एक बयान जारी कर कहा है कि “बेहद दुख के साथ सूचित कर रहे हैं कि 24 अगस्त को 12 बजकर 7 मिनट पर माननीय सांसद अरुण जेटली अब हमारे बीच में नहीं रहे।” अरुण जेटली को 9 अगस्त को दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था। एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर उनके इलाज में जुटे थे।
जेटली के निधन की खबर सुनकर झारखंड बीजेपी के नेताओं में शोक की लहर दौड़ गई। नेताओं ने जेटली को एक कुशल राजनेता बताते हुए गहरी संवेदना जताई है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उनके निधन को बहुत बड़ा राजनीति नुकसान बताया है। चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी ने प्रदेश कमेटी की सभी बैठकें स्थगित कर दी है। जेटली के निधन के बाद बीजेपी के चुनाव प्रभारी ओम माथुर आज ही वापस दिल्ली लौट रहे हैं। अरुण जेटली के निधन के कारण मुख्यमंत्री रघुवर दास के आज और कल के सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। सीएम का रविवार का दुमका दौरा भी स्थगित किया गया है।
अरुण जेटली के निधन पर सीएम रघुवर दास ने ट्वीट कर बताया कि “अरुण जेटली जी के विचार सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। उनकी शानदार भाषण शैली पक्ष और विपक्ष दोनों को मुग्ध करने की क्षमता रखती थी। देश के विकास में उनका योगदान सदैव याद किया जाएगा।“
बताया गया कि बीजेपी कोर कमेटी की बैठक ले रहे बीजेपी चुनाव प्रभारी ओम माथुर को बैठक के दौरान ही अपने नेता अरुण जेटली के निधन का समाचार मिला। इसके बाद बैठक स्थगित कर दी गई। शनिवार को बीजेपी की कई बैठकें होनी थी, जिसे प्रदेश इकाई ने स्थगित कर दिया है।
बीजेपी के नेताओं ने निधन पर जताया गहरा शोक
मुख्यमंत्री, रघुवर दास- अरुण जेटली जी के निधन से दुखी हूं। आज भारतीय जनता पार्टी ने परिवार के एक अभिन्न सदस्य को खो दिया। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं शोक-संतप्त परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य व संबल प्रदान करें।
केंद्रीय मंत्री, अर्जुन मुंडा– पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली जी के निधन से भारतीय राजनीति को बहुत बड़ा नुकसान हुआ।वे करोड़ों भारतीयों की पसंदीदा राजनेता थे।उन्होंने वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए कई ऐतिहासिक फैसले लिए।इस दुःख की घड़ी में हम सब उनके परिजनों के साथ हैं। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। ॐ शान्ति।
सरयू राय, खाद्य व आपूर्त्ति मंत्री ‘वे मेरे निजी मित्रों में थे। उनके साथ विगत 40 वर्षों का संबध रहा है। अत्यंत मेधावी, वाकपटु एवं असाधारण प्रतिभाशाली अधिवक्ता थे। पशुपालन घोटाला का मामला सुप्रीम कोर्ट गया तो उन्होंने न केवल हमारी तरफ से वकालत की, बल्कि अन्य वरिष्ठ वकीलों को भी इसके लिए तैयार किया। जेटली का निधन मेरे लिए एक निजी क्षति है, जिसकी भरपाई आजीवन संभव नहीं है। ईश्वर पुण्य आत्मा को चिर शांति प्रदान करे एवं उनके परिजनों तथा मित्र मंडली को शोक सहन करने की शक्ति दे।’
विपक्ष के नेताओं ने भी जताया शोक
हेमंत सोरेन, नेता प्रतिपक्ष– पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के असामयिक निधन से गहरा दुख हुआ है। वह एक अच्छे वक्ता, वकील, प्रशासक और उच्च कोटि के नेता थे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवदेना उनके परिवार के साथ है।
राजद (लो) केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सह मिडिया प्रभारी, कैलाश यादव- पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता व प्रबल प्रवक्ता अरुण जेटली के असामयिक निधन देश के लिये बेहद अपूर्णीय क्षति है।
एक नजर अरुण जेटली के जीवन-सफर पर
वकील से एक सफल राजनेता तक का सफर तय करने वाले अरुण जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री थे। भारत के पूर्व वित्त मंत्री और भारत सरकार में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री रहे अरुण जेटली का नाम हमेशा भारतीय जनता पार्टी के स्वर्णिम इतिहास में शामिल रहेगा। राजनीति में आने से पहले वह सुप्रीम कोर्ट में लॉ प्रैक्टिस कर रहे थे। उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया था।
जेटली ने 1975 में आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। उस समय वह युवा मोर्चा के संयोजक थे। उन्हें पहले अंबाला जेल में और फिर तिहाड़ जेल में रखा गया था। वाजपेयी सरकार के दौरान जेटली पहले कैबिनेट मंत्री भी थे। उन्होंने अतिरिक्त कार्यभार के रूप में मोदी सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। यूपीए शासन के दौरान उन्होंने 2009 से 2014 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया।
एक लंबे राजनीतिक सफर पर काफी आगे तक पहुंचने वाले अरुण जेटली का साथ उनके स्वास्थ्य ने नहीं दिया और 24 अगस्त 2019 को 66 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
जेटली ने कभी नहीं जीता लोकसभा चुनाव
जब उन्हें विनिवेश राज्य (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री नियुक्त किया गया, तो मंत्रालय को नव निर्मित किया गया। उन्हें जम्मू-कश्मीर सरकार के नामांकित व्यक्तियों और जुलाई 2002 में राज्यों में शक्तियों के विभाजन के मुद्दे पर अन्य समूहों के साथ चर्चा करने के लिए केंद्र सरकार के प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था। उन्होंने लोकसभा चुनाव कभी नहीं जीता।
जेटली का राजनीतिक घटनाक्रम
- 1977- अरुण जेटली जनसंघ में शामिल हुए। आगे चलकर उन्हें विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय सचिव मनोनीत किया गया।
- 2018- जेटली चौथी बार राज्य सभा के सांसद चुने गये।
- 2017- 13 मार्च 2017 से 3 सितंबर 2017 के बीच वे रक्षा मंत्री रहे।
- 2014- 27 मई से 9 नवंबर 2014 के बीच वे रक्षा मंत्री रहे।
- 2014- 27 मई 2014 से 14 मई 2018 के बीच वे वित्तमंत्री के साथ-साथ कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री रहे। 2014- 2 जून 2014 को राज्य सभा में सदन के नेता चुने गये।
- 2014- 9 नवंबर 2014 से 5 जुलाई 2016 तक वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे।
- 2012- अरुण जेटली तीसरी बार राज्य सभा से सांसद चुने गये।
- 2012- जून से नवंबर 2012 के बीच लोकपाल एवं लोकायुक्त बिल पर सेलेक्ट कमेटी के सदस्य रहे।
- 2009- 3 जून 2009 से 2 अप्रैल 2012 के बीच वे वाणिज्य समिति के सदस्य रहे।
- 2009- 3 जून 2009 से 26 मई 2014 राज्य सभा नेता विपक्ष रहे।
- 2009- जनरल पर्पस कमेटी के सदस्य बने।
- 2009- अगस्त 2009 से मई 2014 के बीच वे संसद भवन में राष्ट्रीय नेताओं, संसद सदस्यों और सांसदों के चित्र एवं मूर्तियां लगवाने की ज्वाइंट संसदीय समिति के सदस्य रहे।
- 2009- दिसंबर 2009 से मई 2014 के बीच हेरिटेज मेनटेनेंस एवं संसद भवन के विकास पर ज्वाइंट संसदीय समिति के सदस्य रहे।
- 2006- जनवरी 2006 से जुलाई 2010 के बीच विश्व मामलों की भारतीय समिति के सदस्य रहे।
- 2006- अरुण जेटली फिर से राज्यसभा के सदस्य चुने गये।
- 2006- अगस्त 2006 से दिसंबर 2008 के बीच वे ज्वाइंट कमेटी टू इग्जामिन दि कॉन्स्टीट्यूशनल एंड लीगर पोजीशन टू ऑफिस आफ प्रॉफिट के सदस्य रहे।
- 2006- अगस्त 2006 से दिसंबर 2009 के बीच ऑफिस ऑफ प्रॉफिट की ज्वाइंट कमेटी के सदस्य रहे।
- 2005- मार्च 2005 से मार्च 2010 के बीच वे एक बार फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के कोर्ट सदस्य रहे।
- 2004- अगस्त 2004 से जुलाई 2009 के बीच जेटली ने प्रिविलेज कमेटी के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
- 2004- अगस्त 2004 से मई 2009 के बीच वे वाणिज्य समिति के सदस्य रहे।
- 2004- अक्टूबर 2004 से मई 2009 के बीच वे गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य रहे।
- 2003- 29 जनवरी 2003 को वे गृह मामलों की कमेटी एवं बाहरी मामलों की कमेटी का सदस्य चुने गये।
- 2003- 29 जनवरी 2003 से 21 मई 2004 तक वे विधिक एवं न्याय मंत्री और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री रहे।
- 2002- 29 जुलाई 2002 से 29 जनवरी 2003 तक वे दिल्ली विश्वविद्यालय के कोर्ट सदस्य रहे।
- 2001- 20 मार्च 2001 से 1 सितंबर 2001 तक वे शिपिंग मंत्रालय के मंत्री (अतिरिक्त प्रभार) रहे।
- 2000- अप्रैल 2000 में अरुण जेटली राज्यसभा के सांसद के रूप में चुने गये।
- 23 जुलाई 2000 से 6 नवंबर. 2000 तक उन्होंने विधिक, न्यायिक एवं कंपनी मामलों के मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद संभाला।
- 2000- 7 नवंबर 2000 से 1 जुलाई 2002 के बीच वे विधिक, न्यायिक एवं कंपनी मामलों के मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।
- 1999- 13 अक्तूबर 1999 से 30 सितंबर 2000 के बीच वे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।
- 1999- 10 दिसंबर 1999 से जुलाई 2000 तक वे विनिवेश विभाग में राज्यमंंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अतिरिक्त प्रभार रहे।
- 1975- इमरजेंसी के दौरान एमआईएसए के अंतर्गत अरुण जेटली 19 महीने के लिये जेल में बंद रहे।
- 1974- वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गये।
- 1970- अरुण जेटली ने भारतीय जनता पार्टी की युवा इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में बतौर सदस्य कदम रखा।
- 1973- में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जय प्रकाश आंदोलन में अरुण जेटली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- 1989- भारत सरकार द्वारा उन्हें एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया। वे एक साल तक इस पद पर रहे।