झारखंड में रघुवर की राह आसान नहीं, 65 पार का लक्ष्य मुश्किल

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झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास

रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव में रघुवर की राह आसान नहीं दिख रही। पार्टी ने 65 पार का लक्ष्य तय किया है, लेकिन यह आसान नहीं है। यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री के रूप में रघुवर दास ने कई ऐसे काम किये हैं, जो उनके पक्ष में जाते हैं।

डबल इंजन की सरकार का सर्वाधिक लाभ उन्होंने उठाया है। राष्ट्री. स्तर की मेगा हेल्थ स्कीम आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत झारखंड से हुई। 43 लाख मुफ्त गैस कनेक्शन बांटने का काम रघुवर ने किया। मुफ्त में सेकेंड रिफिल का लाभ भी लोगों को देने पर काम चल रहा है। अलग झारखंड राज्य बनने के बाद उन्होंने विधानसभा भवन बनवाया, जो राज्य की सबसे ज्यादा लागत वाली निर्माण योजना है। हाईकोर्ट भवन बनाने का श्रेय भी रघुवर के खाते में जाता है। इसके बावजूद पार्टी का फीडबैक सकारात्मक नहीं है।

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इसी हफ्ते पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड के प्रभारी ओम माथुर ने झारखंड का दौरा किया था। लौट कर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को उन्होंने जो फीडबैक दिया है, उसके मुताबिक पार्टी 65 पार के अपने लक्ष्य को पार्टी मौजूदा रणनीति के तहत हासिल नहीं कर पायेगी। इसलिए पार्टी नयी रणनीति बनाने में जुट गयी है। इसकी कमान प्रदेश के हाथ में नहीं होगी, बल्कि सीधे केंद्रीय नेतृत्व इसे संचालित करेगा।

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भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक ओम माथुर ने लौटने के बाद केंद्रीय नेतृत्व को जो रिपोर्ट दी है, उसमें कहा गया है कि रघुवर दास के कामकाज से लोगों में नाराजगी है। मंत्रिपरिषद के सदस्यों में कोई तालमेल नहीं है। 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद अपने बूते पार्टी ने बहुमत भर सीटें नहीं जीत पायी थी तो इस बार इतनी कमियों के होते हुए कैसे 65 पार का लक्ष्य हासिल करेगी।

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यही वजह है पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 30 अगस्त को लोहरदगा में होने वाले पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं। ओम माथुर भी तीन दिन के दौरे पर एक सितंबर को झारखंड आ रहे हैं। अमित शाह भी 3 सितंबर को रांची आने वाले हैं। प्रधानमंत्री 12 सितंबर को नये विधानसभा भवन का उद्घाटन करने आ रहे हैं।

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