क्या राहुल पाकिस्तान की मदद करने के लिए कश्मीर गये थे- राजीव रंजन

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‘घर का भेदी लंका ढाए’ की भूमिका निभा रहे हैं राहुल- राजीव रंजन

पटना: कश्मीर मसले पर राहुल गांधी पर अपरिपक्व राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कांग्रेस से कई सवाल पूछे। उन्होंने कहा, “ पाकिस्तान और कांग्रेस की दोस्ती किसी से छुपी नही हैं। चाहे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को ‘जी’ और ‘साहब’ जैसे शब्दों से सम्मान देना हो या उनकी फांसी रोकने के लिए आधी रात को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना। इस तरह के सारे कामों में कांग्रेस के नेता हमेशा ही बढ़-चढ़ कर भाग लेते दिखायी देते हैं।

याद करें तो एक आतंकी की बरसी पर भारत के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाने वालों के समर्थन में तो खुद राहुल गांधी आकर खड़े हुए थे। बीते चुनाव में इनके एक नेता के पाकिस्तानी सेना प्रमुख के साथ की गयी गलबहियों को तो पूरे देश ने देखा था। इनके नेताओं की रैलियों में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने की बात भी सामने आ चुकी है और मणिशंकर अय्यर तो मोदी सरकार को हटाने और राहुल को प्रधानमन्त्री बनाने के लिए पहले ही पाकिस्तानियों से मदद मांग चुके हैं।

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अब धारा 370 हटाये जाने के बाद तो इनकी और पाकिस्तान की भाषा में रहा-सहा अंतर भी समाप्त हो गया है। कांग्रेस के सर्वमान्य नेता राहुल गांधी के बीते कुछ दिनों के कारनामे देखें तो ऐसा प्रतीत होता है कि मानों उन्होंने ‘घर का भेदी, लंका ढाए’ की कहावत को चरितार्थ करने का ठेका उठा लिया है। याद करें तो पहले सरकार द्वारा कश्मीर न जाने के अनुरोध को ठुकरा कर राहुल कश्मीर जाते हैं, फिर बाद में वहां के हालातों पर झूठ बोल गलतबयानी करते हैं। जिसके बाद पाकिस्तान उनके बयान का हवाला देते संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करता है।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राहुल जानबूझ कर पाकिस्तान की मदद करने के लिए कश्मीर गये थे? कांग्रेस बताए कि क्या राहुल गांधी लोकसभा चुनावों में मिली हार का बदला पूरे देश से लेना चाहते हैं?” कांग्रेस बताए कि आखिर क्या वजह है कि राहुल आज पाकिस्तान की मीडिया, सेना और सरकार के आंखों का तारा बने हुए है? क्या अब वह पाकिस्तान में चुनाव लड़ना चाह रहे हैं? कांग्रेस यह जान ले कि यह सवाल देश के लिए बेहद अहम है और इन सवालों से वह बच नही सकती, इसलिए जल्द से जल्द इन मामलों पर पूरे देश के सामने अपना रुख स्पष्ट करे?”

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