राजनीति में आकर पैसा कमाना मेरा लक्ष्य नहीं, सेवा करना लक्ष्य- प्रो. बीके सिंह

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जदयू के संभावित प्रत्याशी हैं जाने-माने शिक्षक बीके सिंह

दरौंदा (सिवान): दरौंदा विधानसभा उपचुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। संभावित उम्मीदवार क्षेत्र का भ्रमण व मतदाताओं पर पकड़ रखने वाले लोगों के साथ चाय की चुस्की लेना शुरू कर दिए है। एक तरफ जहां बाकी प्रत्याशी दलिय टिकट की आस लगाए हुए हैं और पसीना बहा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बिहार के जाने-माने शिक्षक और जदयू के संभावित प्रत्याशी प्रो. बीके सिंह विगत 3 महीनों से दरौंदा विधानसभा क्षेत्र में पसीना बहा रहे है।

जनता की समस्याओं को जानने व सुनने के लिये बीके सिंह प्रत्येक रविवार को जनता दरबार कार्यक्रम के तहत कई गांवों का दौरा करते हैं। उसके बाद उनके द्वारा सामाजिक समरसता भोज का भी आयोजन किया जाता है।

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प्रोफ़ेसर बीके सिंह ने बताया कि, “चुनाव लड़ना चुनाव जीतना आरोप-प्रत्यारोप से ऊपर क्षेत्र का विकास है। चूकि यह उपचुनाव है इसलिए लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।“ पर बीके सिंह की मानें तो उन्होंने इसे चैलेंज के रूप में लिया है और जीतकर आने के बाद वो जनता के हित में काम करना चाहते हैं।

उनका मानना है कि, दरौंदा उनकी जन्मस्थली भी है और कर्मस्थली भी। स्वच्छ छवि क्षेत्र के लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता तथा अपने विजन के साथ चुनावी समर में कूदे हैं। उन्होंने कहा कि, जदयू के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा उन्हें आश्वस्त किया गया है कि वह सभी पैमाने पर खरे उतरते हैं, इसलिए वे क्षेत्र में ही ज्यादा समय व्यतीत करें।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजनीति में प्रेरक आरसीपी सिंह उनके मार्गदर्शक हैं। चूकि एक लंबे अंतराल से वे दरौंदा के आम जनता से जुड़े हुए हैं इसलिए लोगों का अपार जनसमर्थन उनके साथ है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र का विकास हुआ रहता तो आज जनता संगठित होकर उन्हें इस बार चुनाव में खड़ा होने के लिए दबाव नहीं बनाती। वे किसी भी परिस्थिति में डिगेंगे नहीं और न अपने पथ से विचलित होंगे।

उनका मानना है कि, राजनीति में वे पैसा कमाने नाम कमाने नहीं आ रहे। राजनीति में वे सेवा-भाव से प्रेरित होकर आए हैं और जनता के विश्वास पर खरा उतरेंगे। आज उनके आवास पर हजारों की तादाद में समर्थक जुटते हैं। क्षेत्र के प्रत्येक पंचायत में कमेटियों का गठन भी किया, इस अभियान के तहत 10-10 जागरूक युवाओं को बूथ स्तर पर तैयार किया है, जो लोगों को नीतीश कुमार के कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही क्षेत्र में होने वाली समस्याओं से भी अपने जनप्रतिनिधियों को अवगत कराएंगे।

क्यों होना है उपचुनाव ?

2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने सीवान से कविता सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था। इस चुनाव में जदयू की विधायक कविता सिंह ने राजद के हीना शहाब को हराकर लोकसभा की कुर्सी हासिल कर ली। लोकसभा पहुंचने के बाद सांसद कविता सिंह ने चार जून को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसकी वजह से दरौंदा की सीट खाली हो गई। हालांकि अभी चुनाव की तारीख तय नहीं है।

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