जब शत्रु ने अमिताभ की मिठाई लौटा दी
सार्थक समय डेस्क : बात 20 अप्रैल 2007 की है उस दिन अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक की शादी हो रही थी। तमाम बाराती गाजे-बाजे की धुनों पर ख़ुशी से झूम रहे थे, मगर इसमें अमिताभ के साथ कई फिल्मों में काम कर चुके शत्रुघ्न सिन्हा, हेमा मालिनी, अमिताभ का कैरीयर बूस्ट करने वाले ‘शोले’ के डायरेक्टर रमेश सिप्पी सहित कई नामी हस्तियां गायब थीं। क्यों भला? दरअसल उन दिनों उद्योगपति से समाजवादी नेता बने अमर सिंह की अमिताभ से दोस्ती की बड़ी चर्चा थी। उनकी दोस्ती इस कदर प्रगाढ़ थी कि अमिताभ के फ़ैमिली मामलों में भी अमर सिंह घुसे रहते थे। अभिषेक की शादी में किसे बुलाना है किसे नहीं, ये निर्णय लेना भी अमर सिंह पर छोड़ दिया गया। शादी हो गयी तमाम नेता-अभिनेताओं ने बधाईयां दीं, जिन्हें बुलाया गया उन्होंने भी और जिन्हें नहीं उन्होंने ने भी।
इसमें शत्रुघ्न सिन्हा का नाम नहीं था। अब इतनी भीड़ में शत्रु ने बधाई नहीं दी तो क्या फ़र्क पड़ता है? शायद किसी ने नोटिस भी नहीं किया।बहरहाल, अमिताभ को ख्याल आया कि बेटे की शादी हुई है, सबके घर मिठाई भी भिजवानी चाहिए। इस सूची में शत्रुघ्न सिन्हा का नाम भी सम्मिलित था। मगर शत्रु के घर चमकीली पैकिंग में मिठाई लेकर गया कारिंदा मिठाई संग इस टिप्पणी के साथ बैरंग लौटा दिया गया कि जब शादी में बुलाया ही नहीं तो मिठाई किस बात की? इस सिलसिले में अमिताभ का मानना था शादी जैसा समारोह एक नितांत निजी मामला था जिसमें पहली पंक्ति के दोस्तों को ही न्योता दिया गया था।
लेकिन अपनी साफगोई के लिए मशहूर शत्रु ने कहा, मुझे दूसरी पंक्ति में खड़े होना मंजूर नहीं। कॉफी विद करण प्रोग्राम में अभिषेक ने कहा, ये शत्रु की प्रॉब्लम है। वो अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र हैं। ये कथन इस बात का द्योतक था कि शत्रु की नाराज़गी को बच्चन परिवार ने कोई तहजीह नहीं दी।
हमारा विचार है निजी कार्यक्रमों में बुलाना न बुलाना व्यक्ति विशेष का नितांत निजी मामला है, वो चाहे तो बुलाये या न बुलाये। हम ज़बरदस्ती नहीं कर सकते। लेकिन मसला इसलिए बड़ा हो गया कि ये सेलेब्रिटीज़ के बीच का मामला था और आपसी रिश्तों को ख़राब करने के लिए कुख्यात अमर सिंह बीच में आ गए।
वक़्त बहुत बड़ा मरहम होता है
वो उन दिनों जिस घर में घुसते वहां कोई न कोई बवाल खड़ा हो जाता और ठींकरा भी फिर उन्हीं के सर फूटता था। कयास लगाया गया कि अभिषेक की शादी समारोह का चार्ज यदि अमर सिंह के पास न होता तो शत्रु समेत तमाम अहम् फ़िल्मी शख्सियतें छूटने न पातीं। बहरहाल, वक़्त बहुत बड़ा मरहम होता है। बड़ी-बड़ी दुश्मनियां भी भुला दी जाती हैं, ये तो शादी में न्योता न दिए जाने का मसला था। बच्चन परिवार से मुसीबत की जड़ अमर सिंह की भी विदाई हो चुकी थी। शत्रु ने अपनी आत्मकथा ‘एनीथिंग बट खामोश’ के विमोचन पर अपने पुराने दोस्त अमिताभ बच्चन को याद किया और अमिताभ आये भी। दोनों की जै जै। बुलावा देने वाले की भी और बुलावा स्वीकार किये जाने वाले की भी।