पिछले 5 वर्षों में पर्यटन क्षेत्रों का तेजी से हुआ है विकास
झारखण्ड : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में पर्यटन की असीम संभावना है। हमारे यहां सांस्कृतिक पर्यटन, प्राकृतिक पर्यटन, माइनिंग पर्यटन, इको पर्यटन आदि में काफी अवसर हैं। सरकार पिछले पांच साल से इन्हें विकसित कर रही है। इन स्थानों पर सुविधाएं बढ़ायी गयी हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है। इसका असर दिख रहा है। झारखंड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित झारखंड टूर कन्क्लेव का उदघाटन अवसर पर कही।
पर्यटन को बढ़ावा देने से रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलता है। जहां भी पर्यटन स्थल हैं, वहां लोगों को रोजगार मिल रहा है। विदेशी राशि आकर्षित करने में भी टूरिज्म का अहम् योगदान होता है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक रूप से झारखंड में द्वादश ज्योर्तिलिंग में शामिल बाबा बैद्यनाथ, जैन समाज का बड़ा तीर्थ स्थल पारसनाथ, विभिन्न शक्ति पीठ, मलूटी आदि हैं।
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झारखंड में दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप बनाया जा रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में बौद्ध धर्म की भी उपस्थिति है। छठी शताब्दी में बौद्ध धर्म के विचारों के बारे में दुनिया को अवगत कराने के लिए भगवान बुद्ध इटखोरी से ही गये थे। झारखंड में दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप बनाया जा रहा है। साथ ही सर्किट बनाने का काम भी किया जा रहा है।
सपरिवार घूमने का अच्छा माहौल
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में प्राकृतिक छटाएं भरी पड़ी हैं। यहां वनों से अच्छादित मनोरम क्षेत्र हैं। झारखंड में पर्यटन स्थलों पर सपरिवार घूमने का अच्छा माहौल है। पतरातू, मसानजोर जैसे डैम को विकसित कर वहां परिवार के साथ समय बिताने के स्थल के रूप में विकसित किये गये हैं। साथ ही राज्य में कई माइन्स भी हैं, जहां एजुकेशनल टूरिज्म संभव है। इको टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में भारत में मंगोलिया के राजदूत श्री गोनचिग गेनबोल्ड, पर्यटन मंत्री अमर कुमार बाउरी, पर्यटन निदेशक संजीव बेसरा, इंडियन चेंबर ऑफ कामर्स के महानिदेशक राजीव सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित थे।