- नवीन शर्मा
इन आँखों की मस्ती के मस्ताने …उमराव जान फिल्म में रेखा पर फिल्माया गया यह गीत उन पर एकदम फिट बैठता है। वे हिंदी सिनेमा की गिनी-चुनी हीरोइन में शुमार हैं। वह उन चंद हिरोइन में हैं, जो बेहद खूबसूरत तो हैं ही, बेहतरीन अभिनेत्री भी हैं। रेखा का जीवन एक बेहद रोचक दास्तान है, जिसमें कई रंग बिखरे पड़े हैं।
सावन भादो की मोटी और अनगढ़ रेखा
रेखा की नवीन निश्चल के साथ आई सावन भादो फिल्म हालांकि सुपर हिट रही थी पर उस फिल्म में रेखा मोटी और बिना तराशे गए हीरे के मानिंद थी। इसके बाद उन्होंने जिस तरह से अपने शरीर का कायाकल्प किया वो अविश्वसनीय लगता है। एकबारिग लोगों को यकीन नहीं आता था कि ये वही रेखा हैं। तीखे नैन नक्श और छरहरे बदन वाली खूबसूरत रेखा को देख लोग दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाते थे। रेखा ने खुद को इतना सुंदर बनाया कि उनको खूबसूरत नाम की फिल्म में लीड रोल मिला था। यह बहुत अच्छी पारिवारिक फिल्म थी। इसमें रेखा ने काफी अच्छा अभिनय किया है।
अमिताभ बच्चन के साथ बनी जोड़ी
रेखा की वैसे तो कई अभिनेताओं के साथ जोड़ी बनी जैसे शुरू में विनोद मेहरा के संग। इस जोड़ी की घर फिल्म अच्छी थी। लेकिन सबसे सही तालमेल अमिताभ बच्चन के साथ बना। मिस्टर नटवर लाल इस जोड़ी की सफल फिल्म थी। इसके बाद कई फिल्मों में ये जोड़ी कमाल दिखाती रही। इनमें मुकद्दर का सिकंदर में सलामे इश्क मेरी जान के मुजरे में रेखा ने अपनी नृत्य प्रतिभा व अदा का लोहा मनवा लिया। सिलसिला इस जोड़ी की सबसे बेहतरीन फिल्म थी। यह रेखा अमिताभ और जया के जीवन के ट्रायंगल को पर्दे पर दिखाती उम्दा फिल्म थी।
उमराव जान लाजवाब
उमराव जान रेखा की सबसे बेहतरीन फिल्म है। इसमें रेखा तवायफ के रोल में कमाल का अभिनय करतीं हैं। वे कामर्शियल फिल्मों की अपनी सभी समकालीन हीरोइन को काफी पीछे छोड़ कर नंबर वन अभिनेत्री बन जाती हैं। रेखा इतने सहज ढंग से उमराव जान के किरदार को अपने में आत्मसात करती हैं कि रेखा और उमराव जान का फर्क मिट जाता है। इस फिल्म के लाजवाब गजलों पर रेखा कमाल का नृत्य करतीं हैं। उनकी अदा पर लाखों मर मिटने को.तैयार हो जाते हैं।उमराव जान के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिल चुका है।
इजाजत की रेखा
गुलजार की इजाजत फिल्म में रेखा एक नए अंदाज में नजर आतीं हैं। सीधी सादी पर सुदृढ़ व्यक्तित्व वाली। अपने पति नसीरुद्दीन शाह के प्रेमिका से रिश्ते की टीस को वो बिना बोले अपनी आंखों और हावभाव से बड़ी शिद्दत से बयां करती हैं। और जब ये रिश्ता बोझ बन जाता है तो चुपके से वो अपने पति को छोड़कर चली जाती है। इस फिल्म का मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है गीत बेहद प्यारा है।
रेखा का जन्म चेन्नई में 10 अक्टूबर 1954 को हुआ. इनके पिता तमिल अभिनेता “जैमिनी गणेशन” और माता तेलगू अभिनेत्री “पुष्पवल्ली” थीं. रेखा का पूरा नाम “भानु रेखा गणेसन” था। रखा की मां को उनके पिता ने पत्नी का दर्जा भी नहीं दिया था। इन्होंने चेन्नई में पढाई की. इनको हिंदी, तमिल और इंग्लिश तीनों भाषाओं का ज्ञान था। रेखा के जन्म के समय उनके माता पिता शादीशुदा नही थे। रेखा की एक सगी बहन, एक सौतेला भाई और पांच सौतेली बहनें हैं। रेखा को अभिनय में ज्यादा रुचि नही थी, लेकिन रेखा के परिवार की आर्थिक स्थिती अच्छी न होने कारण उनको अपना स्कूल छोड़ना पड़ा। इसके बाद उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा और उन्होंने इसकी शुरुआत तेलगू फ़िल्मों से की।. वह समय उनके जीवन का बहुत ही कठिन समय रहा। रेखा को उस समय हिंदी भाषा नहीं आती थी, जिसके कारण उनको शुरुआत में बहुत संघर्ष करना पड़ा। रेखा का फ़िल्मी दुनिया का सफ़र बहुत ही उतार और चढ़ाव वाला रहा। रेखा ने अपने जीवन में लगभग 180 फिल्में की, जिनमें से कुछ फिल्में सफल हुई और कुछ में वे असफल भी रही, किन्तु वे फिल्म करती रही। रेखा ने अपने फिल्म जगत के सफर में हर तरह के किरदार के रूप में अभिनय किया, फिर चाहे वह मुख्य किरदार हो या सहायक किरदार, सभी किरदारों में उन्हें बहुत सराहा गया।
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रेखा ने अपने 40 साल के लंबे करियर में कई दमदार रोल किए और कई मजबूत फीमेल किरदार को पर्दे पर बेहतरीन तरीके से पेश किया और मुख्यधारा के सिनेमा के अलावा उन्होंने कई आर्ट फिल्मों मे भी काम किया जिसे भारत में पैरलल सिनेमा कहा जाता हैै। उन्हें तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिला है, दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का और एक बार सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का जिसमें क्रमशः खूबसूरत, खून भरी मांग और खिलाडि़यों का खिलाड़ी जैसी फिल्में शामिल हैं।
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