कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि पर नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि दी

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कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के अवसर पर जननायक कर्पूरी ठाकुर स्मृति संग्रहालय में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए और श्रद्धांजलि दी
कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के अवसर पर जननायक कर्पूरी ठाकुर स्मृति संग्रहालय में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए और श्रद्धांजलि दी

पटना। कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के अवसर पर जननायक कर्पूरी ठाकुर स्मृति संग्रहालय में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए। उन्होंने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

समारोह में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, उद्योग मंत्री श्याम रजक, कला, संस्कृति एवं युवा कार्य मंत्री प्रमोद कुमार, सांसद रामनाथ ठाकुर, विधान पार्षद रामचन्द्र भारती, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधीजी, प्रधान सचिव कला, संस्कृति एवं युवा विभाग मनुभाई परमार सहित कई गणमान्य लोगों ने भी जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्य सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित समारोह में सर्वधर्म प्रार्थना भी आयोजित की गई।

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जानें कर्पूरी ठाकुर को वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर के शब्दों में

सन 1977 में जय प्रकाश नारायण के पटना स्थित आवास पर जेपी का जन्मदिन मनाया जा रहा था। बड़े-बड़े नेतागण जुटे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर भी वहां पहुंचे। उनका कुर्ता थोड़ा फटा हुआ था। चप्पल की स्थिति भी ठीक नहीं थी। दाढ़ी बढ़ी हुई थी। और बाल बिखरे हुए थे।

वह धोती थोड़ा ऊपर करके पहनते थे। नानाजी देशमुख ने कहा कि ‘भई, किसी मुख्यमंत्री के गुजारे के लिए उसे न्यूनत्तम कितनी तनख्वाह मिलनी चाहिए? वह तनख्वाह कर्पूरी जी को मिल रही है या नहीं?’’ इस टिप्पणी के बाद जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष चंद्रशेखर उठ खडे़ हुए। वे नाटकीय ढंग से अपने कुर्ते के अगले हिस्से के दो छोरों को दोनों हाथो से पकड़कर खड़े हो गये।

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वे वहां उपस्थित नेताओं के सामने बारी-बारी से जाकर कहने लगे, ‘‘आपलोग कर्पूरी जी के कुत्र्ता फंड में चंदा दीजिए।’’ चंदा मिलने लगा। कुछ सौ रुपये तुरंत एकत्र हो गये। उन रुपयों को चंद्र शेखर ने कर्पूरी जी के पास जाकर उन्हें समर्पित कर दिया । कहा  कि ‘‘आप इन पैसों से कुत्र्ता ही बनवाइएगा।कोई और काम मत कीजिएगा।’’ कर्पूरी जी ने मुस्कराते हुए उसे स्वीकार कर लिया और कहा कि ‘‘इसे मैं मुख्य मंत्री रिलीफ फंड में जाम करा दूंगा।’’

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