नीतू नवगीत के होली गीतों से गुंजित हुआ हरिहरनाथ मंदिर परिसर
सोनपुर। कान्हा मार ना ऐसे गुलाल से, रंग बरसे राधा के गाल से- जैसे होली गीतों की प्रस्तुति देकर बिहार की लोकगायिका नीतू कुमारी नवगीत ने मूड होलियाना बना दिया। उन्होंने बाबा हरिहर नाथ सोनपुर में होली खेलें..गीत सुना कर कार्यक्रम की शुरुआत की। बाबा हरिहर नाथ मंदिर प्रबंधन न्यास द्वारा हरिहर नाथ मंदिर परिसर में होली गीतों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत और वरिष्ठ लोक गायक भरत सिंह भारती ने अनेक होली गीतों की प्रस्तुति करके माहौल को होलीमय कर दिया।
नीतू कुमारी नवगीत ने कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना- मंगल के दाता भगवान बिगड़ी बनाई जी गौरी के ललना हमरा अंगना में आई जी से की। फिर वरिष्ठ लोक गायक भरत सिंह भारती और नीतू कुमारी नवगीत ने साथियों के साथ मिलकर पारंपरिक गीत- बाबा हरिहर नाथ, बाबा हरिहर नाथ, सोनपुर में होली खेलें- गाकर श्रोताओं को झुमाया।
नीतू कुमारी नवगीत ने अपने नए एल्बम से होली गीत फागुन में सजनवा ना अइले गाया, जिसे लोगों ने खूब सराहा। बरसाने और वृंदावन की होली की चर्चा करते हुए नीतू नवगीत ने राधा और कृष्ण के प्रेम पर आधारित दो होली गीतों की प्रस्तुति की। कान्हा मार ना ऐसे गुलाल से, रंग बरसे राधा के गाल से और कान्हा होलिया में रंग बरसईबा कि ना, कान्हा उंगली पकड़ के नचेईबा कि ना।
उन्होंने भरत सिंह भारती द्वारा लिखित नया गीत पड़े रंग के फुहार, सैया के सुघड़ मड़ैया में भी गाया। कैलाश पर्वत पर गौरी-महेश की होली पर आधारित गीत कनक शिखर पर खेलत होली गौरी-महेश, किनके हाथ कनक पिचकारी किनके हाथ अबीर गाया जिससे माहौल होलियाना हो गया। फागुन के बा मस्त महीना, आगराईल धरती गगनवा गीत पर भी खूब वाहवाही मिली। वरिष्ठ लोक गायक भरत सिंह भारती ने बम भोले हो लाल कहवा रंगबल पागड़िया सहित अनेक पारंपरिक लोकगीतों की प्रस्तुति की। कार्यक्रम में धर्मद्वाज भारती ने नाल पर, राजन कुमार ने तबला पर और अजीत कुमार यादव ने खंजरी पर संगत किया। कार्यक्रम के आयोजन के दौरान मद्रासी बाबा, सचिव विजय लल्ला, कोषाध्यक्ष निर्भय संजय कुमार, यशवंत सिंह, अजीत कुमार, सुमित कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।
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