RANCHI/PATNA : झारखंड और बिहार में भी 31 मार्च तक लॉक डाउन का एलान हो गया है। झारखंड में यह आज आधी रात से प्रभावी हो जाएगा। कई राज्यों में पहले ही लॉक डाउन लागू है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में वरीय अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए जाने वाले उपाय और उठाए जा रहे कदमों को लेकर ठोस निर्णय लिए गए। बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, खाद्य आपूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण सिंह, पुलिस महानिदेशक एमवी राव, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, श्रम विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, परिवहन विभाग के सचिव के रवि कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल जी तिवारी, रांची के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक विशेष रूप से मौजूद थे। बिहार और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में पहले ही यह लागू है। झारखंड में कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थितियों और संभावित खतरों के मद्देनजर उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह फैसला हुआ। लॉक डाउन 31 मार्च तक जारी रहेगा। राज्य सरकार ने जनता कर्फ्यू की मियाद पहले ही सोमवार की सुबह 5 बजे तक बढ़ा दी थी।
न्यूक्लियस माल तीन दिन बंद
इधर शहर के न्यूक्लियस माल को कोरोना की गंभीरता को देखते हुए अगले तीन दिनो तक बंद कर दिया गया है। माल के संचालक विष्णु अग्रवाल ने बताया की कोरोना एक वैश्विक समस्या बन चुका है। हम सभी वाकिफ हैं कि इस गंभीर समस्या से बचने का एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग, सावधानी, और दृढ़ संकल्प ही है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
इसी कारण कोरोना से बचने के लिए लोगों को एक जगह पर अधिक लोग इकट्ठा न होने देने, एक दूसरे से दूरी बनाए रख कर बात करने या फिर हाथ न मिलाने के लिए कहा जा रहा है। इस अवधि में माल में कार्यरत सभी कर्मचारियों को उनके वेतन का भुगतान ससमय किया जाएगा। माल के अतिरिक्त निदेशक पंकज कुमार पांडेय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अभी 25 मार्च की 12 बजे रात्रि तक माल बंद रखने का निर्णय है, लेकिन आगे भी परिस्थिति को देखते हुए माल को बंद रखने का निर्णय लिया जाएगा।
यह भी पढ़ेंः कोरोना वायरस को ले कोलकाता समेत 75 शहरों में लाकडाउन !
क्या होता है लॉकडाउन
लॉकडाउन इमर्जेंसी व्यवस्था है। किसी क्षेत्र में लॉकडाउन होने पर उस इलाके के लोगों को घरों में कैद रहने की मजबूरी हो जाती है। घर से निकलने की किसी को अनुमति नहीं रहती है। कुछ खास आवश्यक सेवाओं को इसमें छूट दी जाती है। जैसे- जीवन के लिए जरूरी सामग्री के लिए ही बाहर निकलने की छूट होती है। किसी को दवा या खाद्यान्न की जरूरत है तो वह बाहर जा सकता है। अस्पताल और बैंक के काम के लिए अनुमति मिल सकती है। बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के सिलसिले में बाहर निकलने की अनुमति रहती है।
क्यों करते हैं लॉकडाउन
किसी तरह के खतरे से इंसान और किसी इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन किया जाता है। जैसे कोरोना के संक्रमण को लेकर कई देशों में किया गया है। कोरोनावायरस का संक्रमण एक-दूसरे इंसान में न हो इसके लिए जरूरी है कि लोग घरों से बाहर कम निकले। बाहर निकलने की स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए कुछ देशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई है। मीडिया हाउस के कर्मियों व उनके वाहनों, कैश वैन, जो एटीएम में पैसे डालते हैं, एंबुलेंस, दूध, दवा दुकानों को इसमें खुले रखने की छूट रहती है।
यह भी पढ़ेंः कोरोना वायरस के चलते झारखंड के स्कूल-कालेज 17 मार्च से बंद