रांची। लाकडाउन से घबराने की जरूरत नहीं है। राज्य में महीनों तक के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्य पदार्थों की व्यवस्था है और रहेगी। सभी जिला उपायुक्त एवं पुलिस प्रशासन निगरानी कर सुनिश्चित करें कि खाद्य पदार्थों की कालाबाज़ारी के कारण बिना वजह लोगों को अफवाहों और कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। झारखंड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन ने समीक्षा बैठक के दौरान यह आश्वासन दिया।
उन्होंने राज्य के सभी जिला उपायुक्त एवं अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु बैठक की। बैठक में वस्तुस्थिति का जायजा लेकर आगे की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा कर आगे की कार्रवाई हेतु निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी वासी लॉक डाउन के निर्देशों का पालन करें, सरकार आपके साथ पल-पल खड़ी है।
उन्होंने लाकडाउन के बावजूद सड़कों पर उमड़ी वाहनों और लोगों की भीड़ पर कहा कि मामला गंभीर है, इसे गंभीरता से लें। लापरवाही ना हो, यह हम मिलकर सुनिश्चित करें। यह लॉकडाउन है, छुट्टी नहीं। बेवजह नहीं घूमें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सदर अस्पताल रांची में 200 बेड तैयार करें। गरीबों, दिहाड़ी मजदूरों के घर खाने की व्यवस्था करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि COVID 19 के संबंध में सभी जिलों के उपायुक्त अपने स्तर से अपना सर्वश्रेष्ठ दें। संक्रमण की रोकथाम के लिए ही लाकडाउन किया गया है। हर दिन एक नयी चुनौती के लिए तैयार रहें। आप सभी इस लड़ाई के योद्दा हैं।
प्रस्ताव पारितः इससे पहले विधानसभा में भाजपा के प्रबल विरोध के बावजूद एनपीआर और एनआरसी के विरुद्ध प्रस्ताव पारित हो गया। भाजपा सदस्यों ने काफी हंगामा मचाया। भानुप्रताप शाही ने कहा कि किसी भी कीमत पर हम झारखंड में बांग्लादेशियों को नहीं रहने देंगे। बिहार ने पहले ही एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया है। प्रस्ताव पारित करने के साथ ही विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गयी।
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