- महामारी से घबराएं नहीं, सतर्क रहें, हम मजबूत इरादों वाले हैं- हेमंत सोरेन
- जरूरतमंदों को मुख्यमंत्री कैंटीन के जरिये चूड़ा, गुड़ और चना उपलब्ध कराया जाएगा
- एक ही अनुरोध है, उचित दूरी बनाकर ही आप दुकानों से खरीदारी करें, भीड़ न लगाएं
रांची। झारखंड में राशन कार्ड जिनके पास नहीं, उन्हें भी अनाज मिलेगा। महामारी से घबराएं नहीं, सतर्क रहें। यह बात सीएम हेमंत सोरेन ने कही। उन्होंने कहा कि पूरा देश, पूरी दुनिया आज कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर से गुजर रही है। इस संक्रमण का फैलाव लगातार बढ़ रहा है। यह बात अब झारखंड तक भी पहुंच रही है। आज देश के क्या हालात हैं, इससे हम सब वाकिफ हैं। इस महामारी से बचने के लिए कई तरीकों को अपनाया जा रहा है। हम झारखंड के लोग मजबूत इरादे वाले हैं। हमने जो ठाना है, उसे पूरा भी किया है। किसी को घबराने की जरूरत नहीं। बस, इस महामारी से सतर्क रहने की आवश्यकता है। एकजुट होकर बुद्धिमत्ता व जागरूकता से महामारी को करारा जवाब देना है।
सरकार पूरी तरह से तैयार है। इस लड़ाई में राज्य की जनता को भी अपनी महती भूमिका निभानी है। आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करते समय उचित दूरी बनाना बेहद आवश्यक है। हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि हम भीड़भाड़ वाली जगह से परहेज करें। भीड़भाड़ न हो, यह सुनिश्चित करें। यह मेरा आप सभी से अनुरोध है। ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहीं। श्री सोरेन वेबकास्टिंग के माध्यम से राज्य के सभी जिला परिषद, मुखिया, वार्ड पार्षद समेत जनप्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दौर जीविका व जिंदगी का है। सभी को परेशानी हो रही है। पूरा देश लॉकडाउन है। इस वजह से मनरेगा का कार्य बंद है, फैक्ट्रियां बंद हैं, कहीं काम नहीं हो रहा है। क्योंकि समूह में लोग न रहें, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। समूह में रहने से यह संक्रमण बड़ी तेजी से फैल सकता है। ऐसी स्थिति में सरकार जरूरतमंदों को सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है। 600 दाल-भात केंद्रों के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। थानों में भी भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जा चुका है। दो माह का राशन अग्रिम उपलब्ध कराया गया है। जिन लोगों का राशन कार्ड नहीं है, इस स्थिति में गांव के मुखिया ऐसे लोगों की सूची जिला के उपायुक्त को उपलब्ध कराएं। उन्हें तत्काल अनाज मिलेगा। मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के तहत सभी जरूरतमंदों को चूड़ा, गुड़ और चना का वितरण किया जाएगा। पेंशन भी लाभुकों को दिया जा रहा है।
दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड वासियों की हो रही है मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार की तलाश में अन्य राज्य गए झारखंड वासियों का भी सरकार ख्याल रख रही है। उन्हें दो वक्त का भोजन मिले, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके लिए पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। साथ ही इन लोगों को सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कंट्रोल रूम की स्थापना हुई है। जहां लोग अपनी समस्याओं को दर्ज करा रहे हैं और उसका निदान भी करने का प्रयास सरकार लगातार कर रही है। दूसरे राज्य में फंसे लोगों के परिजनों को घबराने की जरूरत नहीं। किसी भी तरह की जानकारी के लिए 181 पर फोन किया जा सकता है।
बाहर से आए लोग भी इसकी रोकथाम में सहयोग करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग विभिन्न राज्य से झारखंड आए हैं, वे 14 दिनों तक अपने घरों में ही रहें। किसी से मिलें नहीं। अपने परिजनों से भी उचित दूरी बनाकर कर रहें। इन 14 दिनों में अगर संक्रमण से संबंधित किसी तरह का लक्षण प्रतीत नहीं होता है तो यह सुखद संदेश है। अन्यथा किसी भी तरह की परेशानी यानी सूखी खांसी, बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत अस्पताल जाएं। सरकार आपको अपने संरक्षण में रखकर इलाज सुनिश्चित करेगी। इस कार्य में आपका सहयोग बेहद जरूरी है।
पंचायत भवनों में रहने का किया जा रहा है इंतजाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्हें झारखंड में रहने की समस्या हो रही है, उनके लिए सरकार द्वारा पंचायत भवनों में रहने की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिला, प्रखंड और और पंचायत स्तर पर क्लस्टर के माध्यम से भी लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है, इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार लॉक डाउन की स्थिति में सभी लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए मुकम्मल इंतजाम कर रही है।
अफवाहों पर ध्यान न देने की हेमंत ने की अपील
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोग अफवाहों पर ध्यान ना दें। बेहद जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। बेवजह घूमने वालों की सूचना थाना को दें। इस बात का सदैव ध्यान रखें कि लोग समूह में ना रहें। गांव के मुखिया, वार्ड पार्षद इसके प्रति लोगों को जागरूक करें। लोग जितने जागरूक होंगे। संक्रमण फैलने का खतरा उतना ही कम होगा।
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