DELHI/ RANCHI/ PATNA : लॉक डाउन को जारी रखने की सलाह जहां विशेषज्ञों ने सलरकार को दी है, वहीं केंद्र सरकार ने इसे जरूरी नहीं माना है। सरकार ने साफ किया है कि मियाद नहीं बढ़ेगी। सरकार ने साफ किया है कि मियाद नहीं बढ़ेगी। कैबिनेट सेक्रेट्री राजीव गौवा ने मीडिया से कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि केंद्र सरकार लॉक डाउन की मियाद बढ़ा सकती है, लेकिन सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है। उन्होंने ऐसी खबरों पर हैरानी जतायी। यानी केंद्लर सरकार की मानें तो 14 अप्रैल लॉक डाउन की आखिरी मियाद होगी। इसकी मियाद आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। रविववार को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संकेत दिया था कि अभी कई दिन धैर्य दिखाना है। लॉक डाउन से होने वाली परेशानियों के लिए उन्होंने देश की जनता से माफी भी मांगी थी। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई।
विशेषज्ञों की सलाह है कि 31 मई तक अगर मियाद बढ़ा दी गई तो भारत माममूली नुकसा के साथ अपने को बचा पाने में कामयाब हो जाएगा। ये विशेषज्ञ लॉक डाउन के दूसरे दौर की सालाह दे रहे हैं। तीन तरह की इनकी रायी आई है। पहला यह कि अभी चल रहे लॉक डाउन की मियाद 31 मई तक बढ़ा दी जाए। दूसरी राय यह है कि एक-दो दिन की ढील के बाद इसे और 15 दिनों के लिए बढ़ाया जाए। ऐसा बताते समय विशेषज्ञों का मानना है कि इससे संक्रमण का खतरा टलेगा और जान-माल का नुकसान भी मामूली होगा।
विश्व के अन्य देशों की हालात कोरोना से काफी खराब
अब चर्चा करते हैं कोरोना वायरस के विश्व के दूसरे देशों पर कहर की। विश्व में कोराना संक्रमित मरीजों की संख्या 700000 के पार पहुंच गई है। पिछले 36 घंटों के दौरान ही 100000 मरीज बढ़ गए। पूरी दुनिया में यार 33518 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे खतरनाक दौर में अमेरिका पहुंच गया है, जहां 1 दिन में 12049 मरीज पाए गए। इनमें आधी तादाद अकेले अमेरिका के शहर न्यूयॉर्क में थी। इटली में 1 दिन में 756 मौतें हुईं। स्पेन में 624 लोगों की मौत हो गई। जर्मनी प्रांत के वित्त मंत्री ने तो कोरोना के कारण लगातार बिगड़ रही अर्थव्यवस्था को देखते हुए खुदकुशी ही कर ली।
अमेरिका में 2 लाख जा सकता है मौत का आंकड़ा
दुनिया के दूसरे देशों में हालात इतने खराब हैं कि चीन में नियंत्रण के बावजूद फिर एक मामला पॉजिटिव पाया गया है। जर्मनी प्रांत के वित्त मंत्री ने तो खराब होती अर्थव्यवस्था को देखते हुए आत्महत्या ही कर ली। अमेरिका अभी तक क्वॉरेंटाइन जैसी बात को मानने से इनकार करता रहा है। अब उसने भी यह स्वीकार कर लिया है कि खतरे से निपटने के लिए यह बहुत जरूरी है। अमेरिका के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने चेतावनी दी है कि हालात ऐसे ही रहे तो वहां मरने वालों की तादाद 200000 तक पहुंच सकती है। सिर्फ 1 दिन में अमेरिका में 12000 से अधिक मरीज मिले हैं और 164 लोगों की जान चली गई है। अमेरिका ही एक ऐसा देश है, जहां फिलवक्त दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस से पीड़ित 1 लाख 35 हजार 627 की पहचान हुई है। दूसरे नंबर पर इटली है, जहां 97689 संक्रमित पाये गये हैं और 10,779 जानें जा चुकी हैं।
भारत में एहतियात बरतने से खतरा अभी काबू में
भारत की बात करें तो अभी तक 28 मौतें हो चुकी हैं। इस बीमारी से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 1147 तक पहुंच गया है। सिर्फ 1 दिन में रविवार को 139 नये मरीज मिले। रविवार को एक दिन में सर्वाधिक 9 मौतें रिकार्ड की गयीं। कोरोना से घबराये और लॉक डाउन के कारण मजदूरों के पलायन और उसससे संक्रमण बढ़ने के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉक डाउन को सख्ती से लागू करने का फैसला किया है। इसके लिए जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि जो लोग यात्रा के क्रम में सड़कों पर हैं, उन्हें वहीं रोक कर 14 दिनों के क्वॉरेंटाइन में रखा जाए। उसके बाद ही उन्हों घर वापसी की इजाजत दी जाए। जिलों में लॉक डाउन का अगर उल्लंघन होता है तो इसके लिए वहां के डीएम और एसपी ही जिम्मेदार होंगे। क्वॉरेंटाइन में रखे गए लोगों के खाने-पीने का इंतजाम भी इन्हीं के जिम्मे होगा। केंद्र सरकार ने अभी तक राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी को शहर के अंदर हाईवे पर मालवाही ट्रकों की आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा है, लेकिन केरल में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए वहां राज्य सरकार इमरजेंसी सेवाओं पर भी रोक लगाने की तैयारी में है।
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खुश होइए, झारखंड में अब तक कोई मामला नहीं
झारखंड की बात करें तो रविवार तक 196 लोगों की जांच की गई। इनमें 190 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। 6 लोगों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। जिन लोगों की जांच की गई, उनमें 78 लोगों के सैंपल झारखंड के सदर अस्पतालों ने भेजे थे। बाकी की जांच राज्य में बनाए गए दो केंद्रों- एमजीएम और रिम्स ने अपने स्तर पर की। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए झारखंड सरकार ने एक जिले से दूसरे जिले में आवाजाही रोक दी है। इसके लिए कई जगहों पर पुलिस की तैनाती की गयी है।
क्या कहा था प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में
मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था- लॉकडाउन से परेशानी पर माफी मांगता हूं, लेकिन ये जरूरी था। उन्होंने कहा कि वे देशवासियों से क्षमा मांगते हैं, क्योंकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कुछ ऐसे फैसले लेने पड़े हैं, जिनसे देशवासियों को तकलीफ उठानी पड़ रही है। उन्होंने खासकर गरीबों से क्षमा मांगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड- 19 से लड़ाई कठिन है और इससे मुकाबले के लिए ऐसे फैसले की जरूरत थी।
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