कोरोना से बचाव-रोकथाम के बारे में आशा भी करेंगी जागरूक

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कोरोना से बचाव और रोकथाम के बारे में आशा कार्यकर्ता भी जागरूक करेंगी। दूसरे राज्यों से या जिलों से आ रहे लोगों की ट्रैकिंग भी करेंगी।
कोरोना से बचाव और रोकथाम के बारे में आशा कार्यकर्ता भी जागरूक करेंगी। दूसरे राज्यों से या जिलों से आ रहे लोगों की ट्रैकिंग भी करेंगी।

वाराणसी। कोरोना से बचाव और रोकथाम के बारे में आशा कार्यकर्ता भी जागरूक करेंगी। दूसरे राज्यों से या जिलों से आ रहे लोगों की ट्रैकिंग भी करेंगी। लाक डाउन के बीच दूसरे राज्यों और जनपदों से बड़े पैमाने पर लोग गांव लौट रहे हैं। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से जल्द से जल्द ट्रैकिंग कराई जाएगी। प्रमुख सचिव-स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने इस बारे में प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजकर इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने को कहा है।

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इस काम के लिए आशा कार्यकर्ताओं को अप्रैल और मई में एक-एक हजार रूपये अतिरिक्त प्रतिपूर्ति राशि दी जाएगी। आशा संगिनी को भी इस दौरान क्षेत्र के प्रति अतिरिक्त भ्रमण पर 100 रूपये और अधिकतम 500 रूपये प्रतिमाह दिए जायेंगे। आशा कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे बचाव के लिए अपने क्षेत्र के सभी घरों का भ्रमण करें और ऐसे घरों को चिन्हित करें (लाइन लिस्टिंग), जहाँ 14 दिनों के भीतर अन्य राज्यों या शहरों से लोग आये हैं।

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ऐसे लोगों की भी लाइन लिस्टिंग करें, जो किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आये हों।  ऐसे लोगों व परिवारों की सूची आशा कार्यकर्ता आशा संगिनी के माध्यम से ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) को दें, जिसे वह अपलोड करेंगे, ताकि उसको ब्लाक, जिला व मंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक के अधिकारी देख सकें। इसके अलावा वे कोरोना के संदिग्ध केसों की पहचान कर समय से रेफर करने का भी काम करेंगी।

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होम क्वारेंटाइन किये गए लोगों का फालो-अप करेंगी। आशा कार्यकर्ता पिछले 15 दिनों के भीतर बाहर की यात्रा करने वालों पर भी नजर रखेंगी। इसके साथ ही 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और पहले से ही डायबिटीज, हाईपरटेंशन, हृदय और सांस सम्बन्धी बीमारी से ग्रसित लोगों के घरों का प्राथमिकता के आधार पर भ्रमण करेंगी। ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन 25 से 30 घरों का भ्रमण करना होगा, ताकि आठ कार्य दिवसों में वह अपने कार्यक्षेत्र का गृह भ्रमण पूर्ण कर सकें।  शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को 16 कार्यदिवसों में अपने कार्य क्षेत्र में गृह भ्रमण का कार्य पूर्ण करना है।

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यदि किसी कार्य क्षेत्र में आशा नहीं हैं तो अन्य किसी कर्मी/ वालंटियर के द्वारा कार्य कराया जाएगा। इसके अलावा संदिग्ध केसों के घरों का फालो-अप करेंगी। यदि किसी में सांस फूलने की शिकायत है तो इसकी जानकारी फोन पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी/ चिकित्सा अधीक्षक को देंगी। जांच में पाजिटिव मिले केसों की भी जानकारी रखेंगी। आशा के कार्यों का सत्यापन आशा संगिनी करेंगी और जहाँ आशा संगिनी नहीं हैं, वहां एएनएम सत्यापन करेंगी।

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