रांची। कोरोना के बहाने झारखंड में सामाजिक समरसता बिगाड़ने वालों से सरकार सख्ती से निपटेगी। हर हाल में समरसता बरकरार रहेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह बात कही। उन्होंने सर्वदलीय बैठक के दौरान यह बात कही। बैठक में सबने माना कि कोरोना गंभीर संकट है। इससे सबको मिल कर लड़ना पडेगा। सीएम ने इस बात पर खुशी जतायी कि सरकार की चिंता में सभी राजनीतिक दल साथ हैं। इस बात से झारखंड खुद को सशक्त अनुभव कर रहा है। वक्त एक दूसरे का हाथ पकड़ कर चलते हुए इस संक्रमण से बाहर आने का है। राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधा एवं प्रवासी मजदूरों के संदर्भ में संवेदनशील है। सरकार के साथ-साथ विभिन्न संस्थाओं व संस्थानों के लोग कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में एकजुट हैं। आपदा के इस दौर में सामाजिक समरसता का भान हो रहा है। इस सामाजिक सौहार्द को जो बिगाड़ने का तनिक भी प्रयास करेगा, सरकार उससे कड़ाई से निपटेगी।
पूर्व में कोरोना संक्रमित लोग की पहचान नहीं हो रही थी, लेकिन एकाएक अधिक संख्या में संक्रमित लोगों की पहचान हुई है। यह चिंतनीय है। आने वाले समय में हमें इसे चुनौती के रूप में लेना है। इसके लिए हमें तैयार रहने की आवश्यकता है। इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए सभी राजनीतिक दल को तैयार रहने की जरूरत है। हमें इस बात पर अपना ध्यान केंद्रित करना है कि कैसे संक्रमण के दौर से राज्यवासियों को सुरक्षित बाहर लेकर आएं।
स्वास्थ्य संसाधनों को जुटाने में सरकार जुटी है
मुख्यमंत्री ने उपस्थित दलों के प्रतिनिधियों को अवगत कराया कि लॉकडाउन से पूर्व और इसके बाद राज्य में करीब 2 लाख लोगों का आना हुआ। इनमें से एक लाख 70 हजार की पहचान हुई। सभी पर सरकार निगाह रख रही है, ताकि संक्रमण की स्थिति से निपटा जा सके। पंचायत स्तर पर भी बाहर से आनेवालों की सूची तैयार हो रही है। हर स्तर पर सरकार विपरीत परिस्थितियों से निपटने को तैयार है। कोरोना को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा हो, इस निमित्त संसाधन जुटाए जा रहे हैं। रांची, जमशेदपुर के बाद धनबाद में भी जांच की प्रक्रिया आरंभ की गई है। कोरोना से लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों से लेकर तमाम लोगों के लिए सरकार चिंतित है कि कैसे उन्हें सुविधाएं मुहैया कराया जाए।
खाद्यान्न और भोजन सुनिश्चित किया जा रहा है
मुख्यमंत्री ने बताया कि विपदा की इस घड़ी में सभी को खाद्यान्न और दो वक्त का भोजन जरूरतमंदों को उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। कोई भूखा न रहे, यह सरकार का प्रयास है। सरकार की ओर से जिला एवं पंचायत स्तर पर भोजन की व्यवस्था है। दो माह का अग्रिम खाद्यान्न लोगों को उपलब्ध कराया गया है। राज्य के सभी विधायकों को 15 लाख रुपये खाद्यान्न हेतु उपलब्ध कराने की योजना पर कार्य हो रहा है, ताकि उनकी अनुशंसा पर जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करायी जा सके। साथ ही विभिन्न संस्थाओं व संस्थानों के माध्यम से भी जरूरतमंदों के बीच भोजन वितरित किया जा रहा है।
प्रवासी मजदूरों को लेकर हम चिंतित हैं
मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न राज्यों में झारखंड के करीब सात लाख प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। इन मजदूरों के संबंध में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि उन तक हर स्तर से मदद पहुंचाई जा सके। सरकार इस बात को लेकर भी योजना बना रही है कि जब वे मजदूर वापस अपने घर आएंगे तो उनके लिए रोजगार का सृजन हो। यह सरकार के लिए चुनौती होगी, लेकिन इस दिशा में भी कार्य हो रहा है।
सब से निवेदन, बाहर से आये लोग सामने आएं
मुख्यमंत्री ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे अपने स्तर से भी बाहर से आए लोगों को जांच हेतु जागरूक करें। राज्य सरकार उन तमाम लोगों से निवेदन करती है कि आप सामने आएं और जांच में सरकार को सहयोग दें, जिससे समय रहते इस संक्रमण से निजात मिले और संक्रमण आपके परिवार, समाज, राज्य और देश को प्रभावित न कर सके।
कोरोना के लिए 200 करोड का अतिरिक्त बजटः कांग्रेस
कांग्रेस के विधायक सह मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार एक नीति के तहत कार्य कर रही है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत केंद्र सरकार द्वारा खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है। बावजूद इसके राज्य सरकार ने खाद्यान्न हेतु 200 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। खाद्यान्न के लिए आकस्मिक निधि संकट की इस घड़ी में जरूरतमंदों के लिए कारगर साबित होगी।
लोअर मिडिल क्लास भी बेबस, सरकार इन पर ध्यान देः जेएमएम
झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि वर्तमान सरकार की पूरी टीम संक्रमण से लड़ रही है। यह सराहनीय व अद्भुत है। हम अभी दावा नहीं कर सकते कि हम पूरी तरह सुरक्षित हैं। सरकार लोगों की इम्यूनिटी पावर बढ़ाने की दिशा में कार्य करे। लोगों के बीच जन वितरण प्रणाली की दुकान या अन्य माध्यम से विटामिन सी व डी की दवा का वितरण कर सरकार काफी हद तक लोगों की इम्युनिटी पावर को बढ़ा सकती है। लोअर मिडिल क्लास के लोग अधिक बेबस हैं। उन पर भी सरकार को ध्यान देना होगा। झारखंड से बाहर अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में छात्र फंसे हुए हैं। ऐसे में उन छात्रों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने पर भी सरकार को विचार करना चाहिए। झारखंड मुक्ति मोर्चा के ही विनोद कुमार पांडे ने कहा कि हर स्तर पर सरकार की पहुंच है। सभी की जिम्मेदारी तय करनी होगी। जांच की संख्या व लैब की संख्या में बढ़ोतरी होनी चाहिए। सोशल मीडिया पर दिग्भ्रमित करने वालों पर सरकार नजर रखे।
बाहर से आने वालों की जांच सुनिश्चित होः आजसू
आजसू के अध्यक्ष सह सिल्ली विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुदेश महतो ने कहा कि पूरी दुनिया संक्रमण के दौर से गुजर रही है। यह चिंता का विषय है। राज्य सरकार अन्य राज्यों व विदेशों से आने वालों की जांच सुनिश्चित करे। अगर वे होम क्वॉरेंटाइन में है तो कैसे रह रहे हैं। इस पर भी पैनी निगाह होनी चाहिए। संक्रमण से पीड़ित लोगों को चिन्हित कर उन्हें रोकना और इलाज को प्रमुखता देना वक्त की मांग है। संक्रमण के क्षेत्र को पूरी तरह से लॉकडाउन करने पर सरकार विचार करे। जांच प्रक्रिया तेज होनी चाहिए। संक्रमण के अतिरिक्त अन्य तरह की बीमारी से ग्रसित लोगों के इलाज की वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए।
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प्रवासी मजदूरों को आर्थिक सहयोग मिलेः भाजपा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि झारखंड के जो प्रवासी मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हैं, उन्हें आर्थिक सहयोग राज्य सरकार प्रदान करे। जब वे वापस आएंगे तो उनके स्वास्थ्य की जांच और उनके लिए रोजगार का सृजन भी होना समय की मांग होगी। खाद्यान्न की उपलब्धता सभी जरूरतमंद के बीच होनी चाहिए। राज्य सरकार कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य संसाधनों की बढ़ोतरी पर ध्यान दें, जिससे इस लड़ाई को और मजबूती मिल सके। सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय जनता दल के अभय सिंह, सीपीआई के भुनेश्वर प्रसाद मेहता, सीपीआई (एम) के गोपीकान्त बक्शी, सीपीआई (एमएल) के जनार्दन प्रसाद, मासस के प्रतिनिधि ने भी कोरोना से निपटने के लिए अपने सुझावों को सरकार के साथ साझा किया।
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