सीएम हेमंत की अपील- बुजुर्ग बैंकों में पैसे के लिए घंटों रहने से बचें

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CM हेमंत सोरेन का संकल्प है कि राज्य सरकार श्रमिकों के अधिकार से समझौता नहीं करेगी। CM हेमंत सोरेन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
CM हेमंत सोरेन का संकल्प है कि राज्य सरकार श्रमिकों के अधिकार से समझौता नहीं करेगी। CM हेमंत सोरेन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने अपील की है कि बुजुर्ग बैंकों में पैसे के लिए घंटों मौजूद रहने से बचें। जनधन योजना की राशि लाभुकों की है। सरकार इसे वापस नहीं लेगी। इसलिए राशि निकालने के लिए जल्दबाजी करने की जरुरत नहीं है। बाद में कभी भी इस योजना के तहत मिली राशि की निकासी हो सकती है। लोग घर पर रहें, सुरक्षित रहें। कोरोना के खतरे से बचाव के लिए यह बेहद जरूरी।

सीएम हेमंत सोरेन ने राज्यवासियों से आग्रह किया है कि वे घर पर रहें, सुरक्षित रहें। नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव का यह सबसे बेहतर तरीका है। उन्होंने कहा कि सभी लोग स्वस्थ रहें, सरकार लगातार प्रयास कर रही है। कोरोना महामारी से बचाव को लेकर सभी जरुरी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न माध्यमों से उन्हें जानकारी मिल रही है कि जनधन योजना के तहत खाते में सरकार द्वारा भेजी गई राशि को निकालने के लिए बुजुर्ग लाभुक घंटों तक बैंकों में मौजूद रहते हैं। इस योजना के लाभुकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है कि अगर वे जल्द से जल्द अपने बैंक खाते से यह राशि नहीं निकालेंगे तो यह वापस हो जाएगी और इसके लाभ से वंचित रह जाएंगे।

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सीएम हेमंत ने इस मामले को स्पष्ट करते हुए कहा कि जनधन य़ोजना की जो राशि लाभुकों के खाते में डाली गई है, उसे वे कभी भी निकाल सकते हैं। यह राशि सरकार वापस नहीं लेगी। यह राशि लाभुकों की है और वे ही इसका इस्तेमाल करेंगे, इसलिए इस राशि की निकासी को लेकर जल्दबाजी व हड़बड़ाने की कोई जरूरत नहीं है। अभी के हालात में वे अपने घर पर ही रहें, कोरोना के खतरे से बचाव के लिए यह बेहद जरुरी है।

राज्य सरकार लोगों तक भोजन व खाद्य सामग्री पहुंचा रही है

झाड़खंड सरकार लॉक डाउन में कोई राज्य में भूखे न रहे, इस हेतु विभिन्न योजनाओं के तहत लोगों तक भोजन और खाद्य सामग्री पहुचाने का कार्य कर रही है।  खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा  लोगों तक विभिन्न योजनाओं के तहत  राशन एवं खाना पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। विभाग द्वारा  प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अब तक 1,76,743 लोगों तक अनाज पहुंचा दिया गया है। वहीं नन पीडीएस के तहत 2,17,849  लोगों तक अनाज उपलब्ध करा दिया गया है। दाल-भात की विभिन्न योजनाओं में अब तक 78,26,349 लोगों को खाना खिलाया गया है।  सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न राहत  कैम्पों में 1,89,741 प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाया जा रहा है। एनजीओ एवं वॉलिंटियर्स के  896 टीमों द्वारा राज्य में विभिन्न जगहों पर 31,05,682 लोगों को खाना खिलाया जा चुका है। साथ ही आकस्मिक राहत पैकेट का वितरण भी जरूरतमंदों के बीच किया जा रहा है।

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राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है

विश्वव्यापी  महामारी कोविड-19 के संक्रमण से देश में 3 मई तक चलने वाले लॉक डाउन की वजह से झारखंड राज्य के कई लोग राज्य के बाहर फंसे हुए हैं। राज्य सरकार उनकी सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। श्रम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अब तक  झारखंड के बाहर अन्य राज्य एवं  केंद्र शासित प्रदेशों में 13,140 जगहों पर 6,19,566 प्रवासी मजदूरों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई है।  अब तक सरकार द्वारा 12,178 जगहों पर फंसे 4,72,311 मजदूरों के खाने एवं रहने की व्यवस्था की गयी है। सभी लोगों के संबंध में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि उन तक हर स्तर से मदद पहुंचाई जा सके।

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