- संजय वर्मा
पटना। नीतीश कुमार जी, कोटा से ले आइए बच्चों को। यह गुहार लगाई है नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं भारतीय सबलोग पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रेणु कुमारी कुशवाहा ने। सीएम नीतीश कुमार को उन्होंने हिटलर और तानाशाह तक कह दिया। उन्होंने कहा कि अपनी जिद के आगे न सुनने वाले का बुरा हश्र होनेवाला है। वे इंडिया इज़ इंदिरा की तर्ज़ पर खुद को नीतीश इज़ बिहार होने का मुंगेरीलाल का हसीन सपना देख रहे हैं।
उन्हें लगता है कि कभी इस पलड़ा, कभी उस पलड़ा पर बैठकर और लालू-राबड़ी का कथित भय दिखाकर सत्ता प्राप्त कर लेंगे। यह उनका भ्रम है, जो इस बार विधानसभा चुनाव में मिट जाएगा। उन्होंने कोटा के छात्रों को बिहार नहीं लाने और नियोजित शिक्षकों की हड़ताल को लेकर बिहार सरकार पर जमकर बरसीं। कहा कि इतनी संवेदनहीन सरकार और इतनी अगम्भीर सरकार आज तक बिहार में कभी नहीं रही।
उन्होंने कहा कि कोटा में बच्चे भूखे-प्यासे तड़प रहे कमरों में कैद होकर डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। दूसरे राज्यों की सरकारों ने उन बच्चों के मर्म को समझा और मानवीय दृष्टिकोण अपनाया। यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार और मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने अपने स्टेट के बच्चों को बस भेजकर उनके परिजनों तक पहुंचाया, पर बिहार सरकार का रवैया दोहरा मापदंड वाला है।
एक तरफ जदयू-भाजपा के अनेक विधायकों को सरकार ने अपने बच्चे-बच्चियों को पिता धर्म का पालन कर खुद कोटा से लाने की छूट दे दी तो दूसरी तरफ उन लाखों वच्चो को उनके हाल पर छोड़ दिया। यह घोर अन्याय-अत्याचार है। उन्होंने सीएम को अपना हठ छोड़ कोटा के अलावा विभिन्न राज्यों में मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य प्रकार की परीक्षाओं की तैयारियों में लगे उन लाखों बच्चों को अविलंब लाने की मांग की।
भारतीय सबलोग पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष डा. रेणु कुशवाहा ने उन लाखों प्रवासी मजदूरों को भी उनके घरों तक पहुंचाने की मांग की, जो काम छूटने के बाद विभिन्न प्रान्तों में फंसे हैं। नियोजित शिक्षकों की मांगें मान उनकी हड़ताल तोड़वाने की भी मांग भी रेणु कुशवाहा ने की। उन्होंने राज्य में कोरोना जांच में हो रही गड़बड़ियों पर भी सरकार को घेरा और पूछा कि एक ही मरीज़ की रिपोर्ट नेगेटिव और पॉज़िटिव कैसे आ रही। इसका मतलब है कि जांच में घोर लापरवाही बरती जा रही है।
कोरोना टेस्ट के मामले में भी सरकार का रवैया बिल्कुल ढीला है। जिस रफ्तार में टेस्ट होनी चाहिए, वह नहीं हो रही। डा. कुशवाहा ने कहा कि लॉक डाउन में गरीब मध्य वर्ग की आर्थिक कमर टूटी है। सरकारी सहायता नाकाफी है। 5 किलो अनाज और 500 रुपये ऊंट के मुंह में जीरा समान हैं। उन्होंने मांग की कि हर तबके के हर परिवार को सरकार 5 हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता और 25 किलो अनाज मुहैया कराए।
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उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी सरकार की तमाम तरह की विफलताओं को जनता के सामने उजागर कर रही है। लॉक डाउन खत्म होने पर फिर से आंदोलन तेज किया जाएगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद डा. अरुण कुमार, नीतीश सरकार में कद्दावर मंत्री रहे नरेंद्र सिंह, विजय कुमार सिन्हा एवं अन्य सभी पार्टी के बड़े से छोटे नेता लॉक डाउन के बाद राज्य सरकार की जनकल्याण विरोधी नीतियों के खिलाफ भारी जनांदोलन खड़ा करेंगे।
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