कोरोना से तबाही, बिहार में 277 तो झारखंड में 84 मरीज

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कोरोना पॉजिटिव 2 और मामले उजागर होने के बाद वाराणसी जिले में अब तक कोरोना संक्रमण के 60 (पॉजिटिव) केस हो गए हैं। इसे लेकर प्रशासन सतर्क है।
कोरोना पॉजिटिव 2 और मामले उजागर होने के बाद वाराणसी जिले में अब तक कोरोना संक्रमण के 60 (पॉजिटिव) केस हो गए हैं। इसे लेकर प्रशासन सतर्क है।

रांची/ पटना। कोरोना से तबाही का सिलसिला जारी है। झारखंड और बिहार कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में बेकाबू हो गये है। बिहार में 277 तो झारखंड में 84 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। जिस तरह मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उससे खतरा साफ दिख रहा। झारखंड के रांची में मरीजों की तादाद सबसे ज्यादा है। इसका दयार भी बढ़ता जा रहा है। पहले एक ही इलाके हिंदपीढ़ी में मरीज मिल रहे थे, अब इसका दायरा भी बढ़ता जा रहा है। हर हिस्से में एक-दो मरीजों के मिलने से चिंता बढ़ गयी है। झारखंड में कोरोना संक्रमित कुल मरीजों की संख्या 84 तक पहुंच गयी है। अकेले रांची की रांची में यह संख्या 56 तक पहुंच गयी है।

कोरोना से तबाही के बारे में बिहार की बात करें तो सीवान के बाद मुंगेर और पटना हाट स्पाट बन गये हैं। अभी तक बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 277 हो गयी है। पल-पल आंकड़े बदल रहे हैं। कल शाम तक जो आंकड़ा 274 था, वह देर रात तक तीन और पाजिटिव मरीजों के मिलने के बाद 277 हो गया। देर रात जो नये मरीज मिले, उनमें सदर बाजर, जमालपुर और मुंगेर के 3 मरीज हैं। एक दिन में चार बुलेटिन जारी किये गये। आश्चर्य की बात है कि अब संक्रमण के दायरे में युवा भी तेजी से आने लगे हैं। देर रात जिन 3 मरीजों की पुष्टि हुई, उनमें 12, 13 और 17 साल की तीन बच्चियां हैं।

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झारखंड के लिए चिंता की बात यह है कि कोरोना संक्रमण के आरंभिक दो सप्ताह (12 दिनों) में जहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 16 थी, कल यानी रविवार को एक ही दन में 16 मरीज पाये गये। राज्य के 10 जिलों तक कोरोना ने अपने पांव पसार लिये हैं। हालांकि कोल्हान का इलाका, जिसमें जमशेदपुर भी आता है, वह अभी तक अछूता है। रांची में पहला मरीज हिंदपीढ़ी में मिला था। उसके बाद वहां से मरीजों का मिलना लगातार जारी है। अब तो इसका दायरा हरमू, पिस्का मोड़, लोवाडीह और चुटिया तक फैल गया है। हिंद पीढ़ी में झारखंड की पहली मरीज मलेशियाई युवती मिली थी। उसके बाद वहां अब तक 45 संक्रमित मिल चुके हैं। चिंता की बात यह है कि उनके संपर्क में आये 138 लोगों का कोई पता नहीं चल पा रहा है।

दूसरे जिलों की बात करें तो देवघर और जामताड़ा भी नये प्रभावित क्षेत्रों में शुमार हो गये हैं। बोकारो कोरोना संक्रमण के मामले में दूसरे नंबर पर है। हालांकि इस बीच वहां के चार मरीज ठीक होकर घर जा चुके है। अभी एहतियातन उन्हें होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गयी है। धनबाद में 2 मरीजों की रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। लेकिन दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव आ जाने से धनबाद अब कोरोना मुक्त जिला हो गया है। सबसे चिंता की बात यह है कि रांची में रिम्स में डिलीवरी के लिए आई एक महिला संक्रमित पायी गयी। हिंदपीढ़ी की रहने वाली उस महिला ने अपना पता गलत बताया था, इसलिए डाक्टरों ने सामान्य तरीके से उसका प्रसव कराया। अब चार गायनी विभाग को ही बंद करना पड़ा है। उसके संपर्क में आये सारे डाक्टरों व स्वाथ्यकर्मियों को क्वारंटाइन में भेज दिया गया है। सदर अस्पताल की 4 नर्सें संक्रमित हो गयी हैं। उनमें एक नर्स जिस मकान में रहती है, वहां एक ही शौचालय है और 27 लोग उस घर में रहते हैं। इसलिए उनके भी संक्रमित होने का खतरा सिर पर मंडरा रहा है।

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