पटना। लाक डाउन के बावजूद बिहार में 10 हजार से अधिक मजदूर काम पर जुट गये हैं। बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा है कि 20 अप्रैल के बाद लॉक डाउन में दी गयी ढील के बाद विभाग एवं इसके अधीनस्थ निगमों की ओर से कार्यान्वित 397 योजनाओं का कार्यारम्भ शुरू हो गया है। इन योजनाओं के शुरू हो जाने से 10 हजार मजदूर काम पर लग गये हैं।
यादव ने आज यहां बताया कि इन परियोजनाओं में 10 हजार से अधिक मजदूर कार्यरत हैं। सभी कार्यस्थलों पर मजदूरों की प्रतिदिन स्क्रीनिंग की जाती है। उन्हें मास्क दिया जाता है। सेनिटाइजेशन एवं थर्मल स्क्रीनिंग सुनिश्चित किया जाता है। विभाग के कंट्रोल रूम से योजनाओं के बारे में प्रतिदिन प्रतिवेदन प्राप्त कर अत्यधिक कड़ा अनुश्रवण किया जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि राज्य में अप्रैल, मई एवं जून माह काम के लिए प्रमुख माह होता है। इसलिए विभाग पूरी सतर्कता एवं सूझ-बूझ से एक ओर जहां कोरोना से अपने कर्मियों की सुरक्षा के लिए सतर्क है, वहीं कार्य में प्रगति को भी सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयासरत है।
यादव ने बताया कि विभाग के कार्यों में मजदूरों की कमी बाधक अवश्य बनी है, लेकिन विभाग सतत समन्वय कर समस्या का हल निकाल रहा है। इसके साथ ही निर्माण सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चिय करने के लिए खनन एवं भूतत्व विभाग से समन्वय स्थापित किया गया है। साथ ही पड़ोसी राज्य झारखंड से रेलवे रैक के जरिये सामग्रियों का परिवहन कराया जा रहा है।
यह भी पढ़ेंः लाक डाउन की मियाद 3 मई से आगे बढ़ेगी, ट्रेन-बसें नहीं चलेंगी ?
यह भी पढ़ेंः कोरोना डायरी- (4) कोरोना काल नहीं, इसे द्रोहकाल कहिए जनाब !
यह भी पढ़ेंः कोरोना डायरीः कोरोना हमारे संस्कार-संबंधों पर हमला कर रहा है
यह भी पढ़ेंः क्वारंटाइन से इतना भय क्यों, यह काला पानी जैसी कोई सजा नहीं है