झारखंड में कोरोना मरीजो की संख्या 115 हुई, सीएम ने की समीक्षा

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ऐक्शन में दिखे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। मंगलवार को धनबाद नगर निगम के कुछ अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
ऐक्शन में दिखे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। मंगलवार को धनबाद नगर निगम के कुछ अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।

रांची। झारखंड में कोरोना मरीजो की संख्या 115 हो गयी है। शनिवार को देवघर में दो और कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। दोनों मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में jरखा गया है। पहले उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। वहां से माँ ललिता हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया है। इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दक्षिणी एवं उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सांसदों एवं विधायकों के साथ कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण से निपटने हेतु किए जा रहे राहत कार्यों एवं आगे की तैयारियों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विचार-विमर्श किया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण की इस घड़ी में राज्य की जनता का विश्वास सरकारी व्यवस्था पर है। सरकारी व्यवस्था के कंधों पर आकर एक बड़ी जिम्मेदारी खड़ी हुई है। संक्रमण की इस चुनौती से लड़ने के लिए सभी की सहभागिता महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के इस संक्रमण से लड़ने में राज्य के सरकारी अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर्स, नर्स, टेक्नीशियन, स्वास्थ्यकर्मी, जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के लोगों ने जो तत्परता दिखायी है, वे प्रशंसा के पात्र हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के निरंतर प्रयास से दूसरे राज्यों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं प्रवासी मजदूरों का बड़ी संख्या में घर वापस लौटना प्रारंभ हो गया है। वैसे मजदूर, जो रोजगार के लिए दूसरे राज्यों गये थे और लॉक डाउन की वजह से फंस गए हैं और वापस घर आना चाहते हैं, उन सभी मजदूरों को घर वापस लाना सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी नियमों का अनुपालन करते हुए मजदूरों को लाना प्रारंभ किया गया है।

वापस लौटे छात्रों एवं मजदूरों का दो स्टेज पर जांच प्रक्रिया सुनिश्चित की गई है। पहला स्टेशनों पर एवं दूसरा अपने जिले पहुंचने पर जिला प्रशासन द्वारा जांच की जा रही है। वापस लौट रहे मजदूरों एवं उनके परिवार में भोजन की समस्या उत्पन्न न हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 15 से 20 दिनों का राशन का एक पैकेट भी वापस लौटे मजदूरों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज झारखंड मंत्रालय से दक्षिणी एवं उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सांसदों एवं विधायकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में कहीं।

सामाजिक पुलिसिंग को ग्रामीण क्षेत्रों में भी सक्रिय करने की आवश्यकता

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सामाजिक पुलिसिंग (मानकी, मुंडा, परगनेत, ग्राम प्रधान इत्यादि) व्यवस्था को भी ग्रामीण क्षेत्रों में जल्द से जल्द सक्रिय करने की आवश्यकता है। सामाजिक पुलिसिंग की व्यवस्था स्थापित होने से दूसरे राज्यों से वापस लौट रहे मजदूरों पर नजर रखते हुए उनके व्यवस्था के लिए समन्वय बनाने में सुगमता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोगों को पुलिस अथवा स्वास्थ्य कर्मी की व्यवस्था देना संभव नहीं है। अतएव सामाजिक पुलिसिंग के माध्यम से व्यवस्था सुनिश्चित किया जा सकेगा।

जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं एवं प्रवासी मजदूरों के वापस आते ही जांच प्रक्रिया में तेजी लाने का निरंतर प्रयास राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। कई नए जांच सेंटरों को भी अब कोविड-19 की जांच के लिए निर्देशित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार से भी उन्नत तकनीक की जांच मशीनें उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा आग्रह किया गया है।

छूटे हुए मजदूर धैर्य रखें, सभी को वापस लाना सरकार का दायित्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों का वापस आना प्रारंभ हो गया है। विभिन्न प्रदेशों में राज्य के लाखों मजदूर लॉक डाउन की वजह से फंसे हैं। यह सत्य है कि सभी मजदूर घर वापसी को लेकर आतुर हैं, पर एक बार में सभी मजदूरों को वापस लाना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो मजदूर वापस आना चाहते हैं, उन्हें हर हाल में वापस लाया जाएगा, यह सरकार का दायित्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेन, बस के अलावा जरूरत पड़े तो हवाई जहाज का भी उपयोग मजदूरों को लाने में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छूटे हुए मजदूर धैर्य रखें बारी-बारी से उन्हें लाने का निरंतर प्रयास राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कर रही है। उन्होंने कहा कि वैसे मजदूर जिनको वापस झारखंड आना है और वह मुख्यमंत्री विशेष सहायता मोबाइल ऐप के माध्यम से रजिस्टर नहीं हो पाए हैं, वे अपना रजिस्ट्रेशन अवश्य करा लें। रजिस्ट्रेशन का कार्य निरंतर प्रगति पर है। राज्य सरकार जल्द ही एक नया ऐप शीघ्र बनाएगी जिस पर विभिन्न प्रदेशों में ग्रामीण क्षेत्रों में फंसे मजदूर ट्रैक किए जा सकेंगे।

नियमों का उल्लंघन न हो और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं एवं प्रवासी मजदूरों को लाने के क्रम में किसी भी नियम का उल्लंघन न हो और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन हो। इस पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। यही कारण है कि ट्रेन में जितनी क्षमता है, उससे बहुत कम लोगों को लाया जा रहा है, ताकि सोशल डिस्टेंस का पूर्ण रुप से पालन हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि भेल्लोर एवं चेन्नई में इलाजरत लोगों को भी वापस लाया जा सके, इस निमित्त झारखंड सरकार द्वारा पूरी सूची बना ली गई है, ताकि उन तक हम पहुंच सके और उन्हें सकुशल घर वापस ला सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे लोग जो अपने निजी वाहनों से प्रवासी छात्रों एवं मजदूरों को लाने की इच्छा रखते हैं, वे अपने-अपने जिलों के उपायुक्त एवं एसडीओ से समन्वय स्थापित कर परमिशन लेकर दूसरे प्रदेशों में जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि परमिशन की व्यवस्था को झारखंड सरकार जल्द ही और सरल और सुगम बनाएगी। निजी वाहनों के परमिशन को लेकर कोई समस्या न हो, इसके लिए हेल्पलाइन एवं ऑनलाइन परमिशन की प्रक्रिया का का उपयोग किया जा सकता है।

नोडल पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर पूरी जानकारी लें

मुख्यमंत्री ने झारखंड के सभी सांसदों एवं विधायकों से आग्रह किया कि प्रवासी मजदूरों के ट्रैकिंग एवं परिवहन सुविधा से संबंधित जानकारी के लिए नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करें। उन्होंने कहा कि मजदूरों को वापस लाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में 700 वालंटियर कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पास सभी प्रवासी मजदूरों का जियो टैगिंग आधारित डाटा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार हर समय प्रतिबद्धता के साथ प्रवासी मजदूरों के लिए खड़ी है। राज्य सरकार हर हाल में सभी मजदूरों को वापस लाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में गैर कार्डधारी व्यक्ति अथवा परिवारों को अब राशन के लिए दूसरे जगह जाने की आवश्यकता नहीं है उन्हें नजदीकी पीडीएस डीलरों के माध्यम से ही अनाज उपलब्ध कराए जाने का निर्देश दिया जा चुका है। नजदीकी पीडीएस दुकानदार गैर कार्ड कार्डधारी व्यक्ति अथवा परिवार का व्यक्तिगत पहचान करते हुए उन्हें राशन उपलब्ध कराएंगे। मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से आग्रह किया कि अगर ऐसी कोई सूची गैर कार्ड धारी परिवार अथवा व्यक्ति की है तो आप व्यक्तिगत तौर पर संबंधित पीडीएस डीलर को भी उपलब्ध कराएं।

ओलावृष्टि से हुई क्षति का आकलन हो रहा है

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के किसानों को ओलावृष्टि के कारण फसल की क्षति हुई है। ओलावृष्टि के कारण हुए क्षति का सर्वे करने के लिए कृषि विभाग को निर्देश दिया जा चुका था, कृषि विभाग द्वारा सर्वे कर क्षति का आकलन कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। जल्द ही किसानों को आपदा मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों का सर्वांगीण विकास सरकार की प्राथमिकता है इसमें कहीं कोई कमी नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात सत्य है कि वर्तमान में किसानों के द्वारा उगाए गए सब्जियों का उठाव नहीं हो पा रहा है जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान भी हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही सारी चीजें पटरी पर आएंगी और सब्जी का उठाव कार्य भी प्रारंभ होगा। राज्य सरकार द्वारा इस पर निरंतर नजर रखा जा रहा है।

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