प्रियंका गांधी की बस और “लालू रसोई” मजदूरों का अपमान है

0
104
बिहार को आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र से अगले पांच साल में 7,824 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। यह कहना है पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का।
बिहार को आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र से अगले पांच साल में 7,824 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। यह कहना है पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का।

पटना। प्रियंका गांधी की बस और लालू की रसोई मजदूरों का अपमान है। जब सब कुछ हो रहा या हो गया तो ये सेवा करने चले हैं। यह कहना है बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी जैसे यूपी के मजदूरों की घर वापसी के लिए 1000 बसें भेज रही थीं, वैसे ही राजद लॉकडाउन के 60 दिन बाद  “लालू रसोई” का बोर्ड लगा कर बिहार लौटे मजदूरों को भोजन कराने का नाटक कर रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विशेष ट्रेनों के जरिये 6 लाख से ज्यादा मजदूरों की सुरक्षित वापसी करायी, बसों से उन्हें प्रखंड मुख्यालय तक पहुँचाया और क्वारंटाइन केंद्रों में भोजन-जलपान की व्यवस्था की। आपदा प्रबंधन की लगातार मानीटरिंग भी की जा रही है, लेकिन जिन्हें सेवा के बहाने मेवा लूटने के मौके नहीं मिल रहे हैं, वे क्वारंटाइन केंद्रों में गड़बड़ी के मनमाने आरोप गढ़ रहे हैं।

- Advertisement -

यह भी पढ़ेंः भारत-चीन सैन्य झड़प: अतीत के आईने और भविष्य के मायने

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में सत्ता संभालने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में कालाधन वापस लाने के लिए एसआईटी गठित करने का फैसला किया और देश को भरोसा दिलाया कि “न खायेंगे, न खाने देंगे”। भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार चलाकर वे अपने वादे पूरे कर रहे हैं, लेकिन जिनको पशुओं के चारे, सड़क निर्माण के अलकतरे और करोड़ों रुपये के रक्षा सौदे तक में खाने की आदत है, उन्हें सरकार बुरी लग रही है। वे एनडीए सरकार के राहत कार्यों में भी घोटाला खोज रहे हैं।

सुशील मोदी के मुताबिक विपक्ष के पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं। वे इस संकट काल में कोरोना योद्धाओं, प्रशासन और समाजसेवियों का मनोबल तोड़ने में लगे हैं। ऐसे लोगों को जनता की पीड़ा-परेशानी से कुछ भी लेना-देना नहीं।

यह भी पढ़ेंः कोरोना के रंग-ढंग से और भी परेशानियां कर रहीं इंतजार

- Advertisement -