कोलकाता। AMPHAN साइक्लोन से पश्चिम बंगाल में मची तबाही और बेहाल बंगाल दौरे के बाद PM मोदी का किया 1000 करोड़ के पैकेज का ऐलान का संकेत साफ है। यह बात पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी समझ रही हैं। उन्होंने PM मोदी से आग्रह किया था कि AMPHAN से बंगाल को हुए नुकसान के आकलन के लिए वे बंगाल आएं। मोदी आए और हवाई सर्वेक्षण के बाद उन्होंने हजार करोड़ के बड़े पैकेज का ऐलान कर दिया। साथ ही मृतकों के आश्रितों को 2-2 लाख रुपये अनुग्रह राशि देने भी घोषणा की। इधर मोदी दिल्ली लौटे और उधर सीएम ममता बनर्जी सोनिया गांधी द्वारा विपक्षी दलों की आनलाइन बैठक में शरीक हो गयीं।
जाहिरा तौर पर AMPHAN साइक्लोन भाजपा के लिए बंगाल में बेहद अनुकूल अवसर लेकर आया है। केंद्र की ओर से मोदी की मदद का ऐलान या यह कहें कि उनकी दरियादिली सिर्फ पीएम होने का दायित्व निभाने भर नहीं है, बल्कि यह बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा भी है। यही वजह है कि हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज के ऐलान से पीएम के प्रति शुक्रिया अदा करने के बजाय ममता ने यह कहा कि पता नहीं, यह राहत पैकेज है या एडवांस। उन्हें तो यह भी भय सता रहा कि कहीं इसे अफसर ही न लूट लें।
ममता बनर्जी के ऐसा कहने के पीछे उनकी आशंका स्पष्ट होती है। उन्हें ऐसा लगता है कि राहत की यह राशि केंद्र सीधे लाभुकों को डीबीटी से देकर उनकी हमदर्दी हासिल कर सकता है। केंद्र के प्रति हमदर्द होने का मतलब भाजपा के प्रति कृतज्ञ होना है। इसी भाजपा से ममता बनर्जी भयभीत हैं। इसका ट्रेलर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में दिख चुका है, जब भाजपा ने 2014 की 2 सीटों से अपनी संख्या 18 कर ली। अब राहत के बहाने मोदी सरकार ने वैसे बंगाल वासियों का दिल जीतने का काम किया है, जो अब तक ममता के समर्थक रहे। ममता यह बात समझती हैं, इसलिए उन्होंने इस पैकेज पर आभार जताने के बजाय व्यंग्य कर दिया कि पता नहीं यह राहत पैकेज है या एडवांस।
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पश्चिम बंगाल में चक्रवाती AMPHAN साइक्लोन की वजह से तबाही का आलम यह रहा कि 80 लोगों की मौत के साथ तकरीबन 36 घंटे तक बिजली-पानी को लेकर बंगाल बेपटरी रहा। जानकार बताते हैं कि पिछले 283 साल में यह सबसे भयावह साइक्लोन था। प्रधानमंत्री ने 1000 करोड़ के राहत पैकेज के ऐलान के साथ ही कहा कि यह शुरुआती मदद का ऐलान किया है। जल्द ही केंद्र की एक टीम राज्य में आकर विस्तार से नुकसान का सर्वे कर आकलन करेगी। यानी प्रधानमंत्री राहत तो पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए वे राज्य सरकार के भरोसे नहीं रहना चाहते।
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हवाई सर्वेक्षण करने के बाद पीएम मोदी ने माना कि पूर्वी क्षेत्र में तूफान ने तकरीबन एक लाख करोड़ का नुकसान किया है। राज्य और केंद्र सरकार की तैयारियों के बावजूद 80 लोगों की जानें चली गयीं। लोग घायल हुए हैं और काफी लोगों के घर उजड़े हैं। न्फ्रास्ट्रक्चर को भी बड़ा नुकसान हुआ है। मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों के इलाज के लिए 50 हजार रुपये की मदद की घोषमा की।
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