चीन वार के मूड में दिख रहा, पाकिस्तान में भी बढ़ी है हलचल

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चीन वार के मूड में दिख रहा है। भारत से जुड़ती सभी सीमाओं पर उसकी चौकसी देख कर यही आभास होता है। पड़ोसी पाकिस्तान में भी हलचल है।
चीन वार के मूड में दिख रहा है। भारत से जुड़ती सभी सीमाओं पर उसकी चौकसी देख कर यही आभास होता है। पड़ोसी पाकिस्तान में भी हलचल है।
  • ओमप्रकाश अश्क

चीन वार के मूड में दिख रहा है। भारत से जुड़ती सभी सीमाओं पर उसकी चौकसी देख कर यही आभास होता है। पड़ोसी पाकिस्तान में भी हलचल है। उत्तराखंड और लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर भारत से कहीं ज्यादा हलचल चीन के खेमे में है। लद्दाख के गलवान घाटी में सीमा समझौते के उल्लेंघन पर एतराज जताने पर जिस तरह चीन ने भारतीय सैनिकों के साथ झड़प को अंजाम दिया, उसे देख कर अब यह अनुमान लगाना मुश्किल नहीं कि उसकी मंशा साफ नहीं है।

भारत के लिए भी बेकार की बतकही में वक्त जाया करना उचित नहीं। घोषित तौर पर 20 जवानों की शहादत के बाद भारत अगर सख्त कदम नहीं उठाता है तो इसके लिए देश भी सरकार को माफ नहीं करेगा। देश भारी गुस्से में है। इस झड़प में जिस रणनीति का चीन ने इस्तेमाल किया है, उसे देखते हुए इस झड़प को अचानक नहीं कहा जा सकता। सीमा पर चीनी सैनिकों का चोरी-छेपे जमावड़े की सूचनाएं लगाता आ रही थीं। सड़क बनाने वाले और कचड़ा ढोने वाले ट्रकों पर चढ़ कर चोरी-छिपे चीनी सैनिक सीमा पर जमा हो रहे थे। हाल ही हुए समझौते का उल्लंघन कर चीन के सैनिक वहां आ पहुंचे, जहां उनके आने की मनाही थी।

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भारतीय सैनिकों ने संयम का परिचय दिया। उन्हें फ्लैग दिखा अलर्ट किया कि वे सीमा समझौते का उल्लंघन न करें। मीडिया की खबरों के मुताबिक भारतीय सैनिकों पर चीन के जवानों ने हमला बोल दिया। दोनों ओर से भिड़त हुई। आश्चर्य की बात की इस भिड़ंत में गोलीबारी नहीं हुई। चीन के सैनिकों ने राड और पत्थरों से हमला करना शुरू किया। भारतीय सैनिक इसके लिए तैयार नहीं थे। फिर भी उनका मुकाबला किया। भारतीय सेना की ओर से 20 जवानों के शहीद होने की आधिकारिक पुष्टि तो कर दी गयी है, लेकिन चीन की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है कि उसके कई जवान मारे गये या घायल हुए हैं। एक समाचार एजेंसी ने हालांकि 43 चीनी सैनिकों के मारे जाने की सूचना दी है।

देर रात तक सैन्य अधिकारियों, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री की बैठकें गोती रहीं। भारत ने क्या फैसला किया और किस रणनीति पर काम करेगा, इसके बारे में कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है। इस बीच लद्दाख में तनाव बरकरार है। पांच इलाकों में संचार सेवाएं बंद कर दी गयी हैं। चीन वार के मूड में है। इसे देखते हुए वहां सड़क निर्माण के लिए झारखंड से जाने वाले मजदूरों की यात्रा स्थगित कर दी गयी है। 12 हजार मजदूर झारखंड से जाने वाले हैं।

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जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान ने गोलीबारी तेज कर दी है

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान ने गोलीबारी तेज कर दी है। इसे देखते हुए वहां भारतीय सेना की टुकड़ियां तैनात कर दी गयी हैं। कल देर रात इधर भारत में उच्चस्तरीय बैठक चल रही थी तो पाकिस्तान में आईएसआई हेडक्वार्टर में भी बैठ हुई। उत्तराखंड के नेलांग और हर्षिल घाटी सीमा पर चीन के विमान उड़ते रहे। झड़प के बाद भी लद्दाख में चीन के हेलीकाप्टर उस इलाके में उड़ते देखे गये।

भारत के साथ उलझने की पीछे चीन के भीतर मची उथलपुथल

भारत के साथ उलझने की पीछे चीन के भीतर मची उथलपुथल है। जी-7 देशों की बैठक में उसकी मर्जी के खिलाफ भारत को शामिल करना, भारत का अमेरिका से अच्छे रिश्ते होना, कोरोना वायरस से चीन में मची तबाही के बाद खराब हुए आर्थिक हालात से ध्यान भटकाने के लिए चीन की इस हरकत को देखा जा रहा है। वह एहसास कराना चाहता है कि वह किसी से कम नहीं। यहां चीन इस बात को भूल गया है कि भारत अब 1962 वाली स्थिति में नहीं है। आर्थिक और सामरिक तौर पर वह जवाब देने की हालत में है।

रणनीतिक रूप से चीन जरूर भारत को घेरने की तैयारी में

रणनीतिक रूप से चीन जरूर भारत को घेरने की स्थिति में है। चीन वार पर उतर आया तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उसने भारत के पड़ोसियों को कर्ज के जाल में फंसा कर अपने वश में कर लिया है। श्रीलंका में पोर्ट, एयरपोर्ट और पावर प्लांट में 36480 करोड़ का निवेश किया है। कर्ज बढ़ता गया और श्रीलंका के बंदरगाह को चीन ने 99 साल के लीड पर लेकर अपने कब्जे में कर लिया है। पाकिस्तान में भी चीन ने 4.56 करोड़ रुपये का निवेश किया है। चीन वहां नौसेना बेस बनाना चाहता है। नेपाल में भी 950 करोड़ रुपये का चीन ने निवेश कर उसे अपने करीब लाने की कोशिश शुरू कर दी है। मालद्वीप के भी 16 द्वीप चीन के पास हैं। वहां वह सड़क निर्माण करा रहा है। भारत के लिए यह स्थिति खतरनाक है।

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