नयी दिल्ली। गन्ना किसानों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। गन्ना पर सब्सिडी की रकम अब किसानों के खाते में केंद्र सरकार सीधे भेजेगी। दिल्ली में किसान आंदोलन जारी रहने के बीच केंद्रीय कैबिनेट ने गन्ना किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को एक बड़ी सौगात दी है। कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि किसानों को 3500 करोड़ रुपये निर्यात सब्सिडी, 18 हजार करोड़ रुपये निर्यात लाभ तथा दूसरी तरह की सब्सिडी के साथ कई लाभ दिये जाएंगे। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस वार्ता कर इस संबंध में जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने बताया कि इस साल सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात करने का फैसला किया है। इस पर सब्सिडी सीधे किसानों के खातों में भेजी जाएगी। सरकार सब्सिडी के तौर पर इसमें 3500 करोड़ रुपये देगी। यानी गन्ना किसानों को सब्सिडी के तौर पर 3500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से पांच करोड़ किसानों और पांच लाख मजदूरों को सीधा लाभ मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को मजबूत करने के लिए छह राज्यों के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्र विद्युत प्रणाली सुधार परियोजना के संशोधित लागत अनुमान को मंजूरी दी है। वहीं केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी प्रेस को संबोधित किया।
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रविशंकर प्रसाद ने बताया कि मंत्रिमंडल ने 20 वर्ष की वैधता अवधि के लिए 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज आवृत्ति बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दी है। कुल 2251.25 मेगाहर्ट्ज के कुल मूल्यांकन 3,92,332.70 करोड़ रुपये के साथ पेश किया जा रहा है।
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इधर किसानों का कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन लगातार चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा है कि कृषक समितियां बना कर सरकार किसानों की मांगों पर विचार करे। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई अभी जारी रहेगी।
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