- डी. कृष्ण राव
कोलकाता। सौरभ गांगुली क्या अब राजनीतिक जीवन शुरू करेंगे। राजनीतिक गलियारों में सौरभ गांगुली के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी यह चर्चा जोरों पर थी कि सौरभ बीजेपी ज्वाइन करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सौरभ को लेकर TMC (टीएमसी) की चिंता बढ़ गयी है।
राजनीतिक गलियारों से लेकर चाय की दुकान तक एक बार फिर यह चर्चा जोरों पर है कि सौरभा गांगुली बीजेपी ज्वाइन करने वाले हैं। दरअसल कल शाम अचानक दादा अर्थात सौरभ गांगुली राज्यपाल जगदीप धनकड़ से मिलने राजभवन पहुंचे थे। कुछ देर तक दोनों के बीच बातचीत हुई। उसके बाद दादा वहां से निकल तो आये, लेकिन राजनीतिक कयासबाजी एक बार फिर शुरू हो गयी।
उसके बाद गली-गली में यह चर्चा शुरू हो गयी कि दादा अब बीजेपी की टीम में शामिल होने वाले हैं। काफी पहले से ही बंगाल में यह चर्चा होती रही है कि दादा भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनेंगे, लेकिन कई दिन पहले अमित शाह का यह कहना कि बंगाल का भूमिपुत्र ही सीएम बनेगा। 12 जनवरी को अमित शाह बंगाल दौरे पर आने वाले हैं। उनके दौरे से पहले सौरभ का राज्यपाल से मिलना बहुत सारे सवाल खड़ा कर रहा है।
इधर दो दिन पहले बाली के TMC (टीएमसी) विधायक जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली डालमिया ने भी राज्यपाल से भेंट की थी। उसके बाद से TMC(टीएमसी) के अंदर ही वैशाली को बाहरी का तगमा लगा दिया गया। अटकलें यह भी हैं कि 12 जनवरी को अमित शाह की सभा में सौरभ गांगुली व वैशाली डालमिया भाजपा ज्वायन कर सकते हैं।
पश्चिम बंगाल की राजनीति में इन दिनों भाजपा और TMC में एक दूसरे के नेताओं को शामिल कराने की होड़ लगी हुई है। तृणमूल कांग्रेस वैसे नेताओं की पहचान में जुटी है, जो पार्टी में रहते हुए बीजेपी से सहानुभूति रखते हैं। तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में जाने वाले नेताओं की संख्या अधिक है।