- डी. कृष्ण राव
कोलकाता। ममता बनर्जी पर शुभेंदु अधिकारी की धमकी भारी पड़ गयी। उन्होंने नंदीग्राम की सभा में शामिल होने का कार्यक्रम टाल दिया है। क्या सच में ममता बनर्जी शुभेंदु की हुंकार से डर कर 7 जनवरी को नन्दीग्राम में पूर्व निर्धारित सभा में जाने से मना कर दिया है। आज सुबह ममता बनर्जी ने सभा में शामिल न होने की घोषणा की।
इस घोषणा के बाद राज्य भर में यह चर्चा का विषय बन गया है। हाल ही में कांथी में अमित शाह की मौजूदगी में शुभेंदु अधिकारी की जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि वह 7 जनवरी को नंदीग्राम में सभा कर शुभेंदु के सवालों का जबाब देंगी। यह खबर मिलते ही शुभेंदु ने मंच से ही ममता को चैलेंज देते हुए कहा था कि 7 तारीख के बाद 8 तारीख को ही वह नंदीग्राम में ममता से बड़ी सभा कर उसका जवाब दे देंगें।
उन्होंने यह भी कहा था कि ममता बनर्जी प्रशासन के सहयोग से तामझाम कर सभा में जितने लोगों को जुटाएंगी, उससे अधिक लोग उनकी सभा में आएंगे। खुद ब खुद आएंगे। लेकिन आज सुबह जब नंदीग्राम के नेता शेख सुफियन ने घोषणा की कि सभा तो होगी, लेकिन ममता बनर्जी भाग नहीं लेंगी। उसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गयी कि ममता शुभेंदु के चैलेंज से डर कर सभा से दूर हट गयी हैं।
इसके बाद राज्य सरकार की ओर से ईनन-फानन एक प्रेस कांफ्रेंस बुला कर राज्य के मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने बताया कि नंदीग्राम की सभा के मुख्य आयोजक अखिल गिरि को कोविड होने के कारण सभा में ममता का भाग लेना मुश्किल हो गया है। सुब्रत मुखर्जी जिस वक्त प्रेस कांफ्रेस कर इस बात की जानकारी दे रहे थे, उस वक्त अखिल गिरि से फोन पर बात कर यह जानने की कोशिश की गयी कि ममता बनर्जी क्यों नही आ रहीं तो इस बारे में गिरि ने कुछ भी बताने से इनकार किया। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि संभव है कि उनका कोई सरकारी काम होगा।
इघर इस विषय पर टिप्पणी करते हुए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अब दीदी डर गयी हैं। सब जगह से भागेंगी। 2021 में राज्य छोड़ कर भी भागेंगी। इधर मिली खबरों के मुताबिक नंदीग्राम अखिल गिरि के अधीन नहीं है। वहां तो शेख सुफियान व अबू ताहिर पर संगठन का जिम्मा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी पीछे हटने वाले नेताओं में से नहीं हैं। अगर वह पीछे हट रहीं तो मानना पड़ेगा कि मिदनापुर में संगठन की हालत ठीक नहीं है।
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