पटना। किसानों के मुद्दे पर वार्ता से ठीक पहले राहुल गांधी देश छोड बाहर चले गये। राहुल गांधी ने किसानों के प्रति सबसे बड़ा धोखा किया है। राफेल विमान खरीद और नागरिकता कानून की तरह नये कृषि कानून को लेकर भी लोगों को राहुल गांधी ने गुमराह किया। यह कहना है राज्यसभा के सदस्य और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राहुल की पार्टी की सरकार ने पंजाब के कुछ बड़े किसानों को मंडी और ठेका खेती को लेकर ऐसा उकसाया कि वे महीने भर से दिल्ली में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। जब किसानों के मुद्दे पर सरकार से महत्वपूर्ण वार्ता होने वाली है, तब वे बिना कोई कारण बताये इटली चले गए। वे संसद का सत्र छोड कर भी छुट्टी मनाने विदेश जा चुके हैं।
राहुल गांधी और तेजस्वी प्रसाद यादव ने बार-बार साबित किया है कि वंशवादी राजनीति के राजकुमार देश को जिम्मेदार विपक्ष नहीं दे सकते। बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी चमकी बुखार, बाढ़-जल जमाव और विधान मंडल सत्र के समय बिहार से गायब रह चुके हैं।
मोदी ने कहा कि देश जानना चाहता है कि जो लोग प्रधानमंत्री की पारदर्शी और उद्देश्यपूर्ण कूटनीतिक विदेश यात्राओं पर अनर्गल सवाल पूछते थे, वे अपनी यात्राएँ इतनी रहस्यमयी क्यों रखना चाहते हैं? उन्होंने यह भी कटाक्ष किया कि अजीब बात है कि कांग्रेस के 99 . 9 फीसद लोग जिसे दोबारा अध्यक्ष बनाना चाहते हैं, वह पार्टी के स्थापना दिवस पर अपनी ननिहाल में समय बिताना चाहता है !
मोदी ने पूछा कि कांग्रेस ने संसद से पारित तीन कृषि कानूनों की वापसी के लिए 2 करोड किसानों के हस्ताक्षर लेने का जो दावा किया है, उसके लिए हस्ताक्षर अभियान कब चलाया गया? बिहार में कांग्रेस कहीं हस्ताक्षर अभियान चलाती नहीं दिखी। यूथ कांग्रेस ने भी ऐसे अभियान से इनकार किया है। जाहिर है कि राहुल गांधी ने फर्जी दस्तखत वाला ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपने का गंभीर अपराध किया है। इस मामले की जांच कर उन पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
किसान आंदोलन की आड़ में, कांग्रेस करवा सकती है दंगे
बीजेपी के बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कांग्रेस पर किसान आंदोलन की आड़ में दंगों की साजिश रचने का संदेह जताते हुए कहा कि नये कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर चल रहे किसान आंदोलन से किसानों का मोहभंग होते देख कांग्रेस के नेता पूरी तरह बौखला चुके हैं। कांग्रेस के नेता अब खुलेआम हिंसा और उत्पात मचाने की धमकी देने लगे हैं। लुधियाना से कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने बीते दिनों मोदी सरकार को धमकाते हुए साफ़ कहा है कि एक तारीख के बाद वह लाशों के ढेर लगा देंगे और वह इसके लिए कहीं भी, किसी भी हद तक जा सकते हैं। अभी तक उनके इस बयान पर कांग्रेस से किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं आने से यह साफ़ है कि बिट्टू को कांग्रेसी आलाकमान का पूरा समर्थन प्राप्त है। ऐसे भी जिस कांग्रेस में गाँधी परिवार की मर्जी के बिना कोई सांस भी नहीं ले सकता, वहां अपने मन से कोई नेता इस तरह का उन्मादी बयान कैसे दे सकता है।
उन्होंने कहा कि इसमें किसी को भी संदेह नहीं है कि सीएए की ही तरह झूठ पर चलाया जा रहा यह आंदोलन पूरी तरह कांग्रेस प्रायोजित है। कांग्रेस की शह पर ही जारी इस आंदोलन में किसानों को मोहरा बना कर खालिस्तान समर्थक और टुकड़े-टुकड़े गैंग अपना एजेंडा चला रहे हैं। आंदोलन के नाम पर रास्ता बंद कर आम लोगों को तकलीफ देने के साथ-साथ अब मोबाइल टावर आदि को क्षतिग्रस्त करने के मामले भी सामने आने लगे हैं। जिस तरह से धीरे-धीरे यह आंदोलन अराजक तत्वों द्वारा हाईजैक किया जा रहा है, उससे इस बात की प्रबल संभावना उठने लगी है कि कहीं यह आंदोलन भी हिंसा की राह पर न चला जाए। कांग्रेस यह जान ले कि अगर इस आंदोलन में किसी तरह की हिंसा या उत्पात होता है तो उसकी पूरी जिम्मेवार कांग्रेस पार्टी और उसके नेता ही होंगे।
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