कोलकाता। पश्चिम बंगाल में टीएमसी को एक और बड़ा झटका लगा है। ममता बनर्जी कैबिनेट में खेल राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि फिर से क्रिकेट दुनिया में जाना चाहता हूं, राजनीति से संन्यास लूंगा। उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है। ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले लक्षेमी रतन शुक्ला दूसरे मंत्री हैं। इससे पहले शुभेंदु अधिकारी ने मंत्रिमंडल से इस्तीफ देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। उसके बाद से ही कयास लगाये जा रहे थे कि टीएमसी छोड़ने वाले विधायकों-मंत्रियों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।
ममता बनर्जी के मंत्री भी अब उनता साथ छोड़ने लगे हैं। कैबिनेट की पिछले दिनों हुई बैठक से 4 मंत्री नदारद रहे। TMC में इसे लेकर खलबली मची है। बंगाल में अप्रैल में होने जा रहे विधानसभा चुणाव के पहले ही ममता बनर्जी की सरकार अल्पमत में आती दिख रही है। कई विधायकों ने तो पहले ही साथ छोड़ दिया है, कुछ और विधायक ममता का साथ छोड़ने वालों की कतार में हैं। ममता की पार्टी TMC के अंदरखाने चर्चा है कि अगले कुछ दिनों में 70 से अधिक विधाय़क भाजपा में शामिल हो सकते हैं। ऐसे विधायकों-नेताओं की पहचान के लिए TMC में माथपच्ची जारी है।
हालत यह हो गयी है कि शुभेंदु अधिकारी समेत चार विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही यह कयास लगाया जा रहा है कि कुछ और विधायक टूट सकते हैं। इसका संकेत कैबिनेट की बैठक में भी मिला था, जब चार मंत्री शामिल नहीं हुए। इनमें राजीव बनर्जी, रबीन घोष, चंद्रनाथ सिन्हा और पार्टी के दबंग नेता व मंत्री गौतम देव शामिल थे। इसे लेकर पार्टी की चिंता और बढ़ गयी है।
अभी तक 16 विधायकों ने टीएमसी का साथ छोड़ा है। पार्टी के भीतर नाराज विधायकों की समख्या लगातार बढ़ रही है। शायद यही वजह है कि पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता सौमित्र खां और अब पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष कह रहे हैं कि जल्दी ही ममता सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो नाराज विधायक ममता बनर्जी की सरकार को अल्पमत में कर सकते हैं।
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