पटना। कृषि कानून के खिलाफ और किसानों के समर्थन में आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों की मानव श्रृंखला का कार्यक्रम सुपर फ्लाप रहा। यह हम नहीं कह रहे। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी का कहना है। मोदी ने कहा कि मानव श्रृंखला को फ्लाप कर बिहार ने तिरंगा के अपमान पर चुप्पी साधने वालों को पहला झटका दिया। वैसे भी राज्य में मानव श्रृंखला में शामिल होने में लोगों ने रुचि नहीं दिखायी। अपने प्रभाव क्षेत्रों में विपक्षी दल जुलूस-रैली तक सीमित रहे।
सुशील कुमार मोदी का कहना है कि आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों ने दिल्ली में किसानों को गुमराह कर पुलिस पर हमले कराये और तिरंगे का अपमान कराया। इसीलिए कई किसान संगठनों और नाराज जनता ने इन दलों से दूरी बना ली। गणतंत्र दिवस की गरिमा पर चोट पहुंचाने वालों की निंदा करने के बजाय उनको पीड़ित बताने वालों को पहला झटका बिहार की जनता ने उनकी मानव श्रृंखला को विफल कर दे दिया।
उन्होंने कहा कि जो टूटी-फूटी और छोटी मानव श्रृंखला कहीं-कहीं फोटो खिंचाने के लिए बनी भी, उसमें केवल कार्यकर्ता थे, किसान नहीं थे। कांग्रेस और टुकड़े-टुकडे़ गैंग ने नये कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों के एक वर्ग का अंध-समर्थन कर किसानों का अहित तो किया ही, देश की सुरक्षा के लिए बडे खतरे पैदा कर दिये।
मोदी ने सलाह दी कि पंजाब के सम्पन्न किसानों और बिचौलियों के बीच पाकिस्तानी-खालिस्तानी तत्वों की घुसपैठ के साथ उनकी विदेशी फंडिंग के लिए जिम्मेदार कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेन्दर सिंह ने स्वीकार किया है कि किसान आंदोलन पाकिस्तान की साजिश है और इस दौरान सीमा पार से हथियारों की तस्करी बढी। राहुल गांधी और बिहार के आरजेडी समर्थक कांग्रेसी कब यह कड़वा सच स्वीकार करेंगे?
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