सुशील कुमार मोदी के प्रश्न के उत्तर में नागर विमानन मंत्री ने दी यह जानकारी
पटना। वायु सेना के पूर्णिया हवाई अड्डे के सिविल उपयोग की तैयारी है। यह वायु सेना के अधिकार क्षेत्र में है। यहां से सिविल उड़ानों के लिए केंद्र सरकार ने स्टडी कराया है। राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के एक प्रश्न के उत्तर में नागर विमानन मंत्री हरदीपर सिंह पुरी ने यह जानकारी दी। पुरी ने बताया कि 150 करोड़ की लागत से पूर्णिया के वायु सेना स्टेशन पर सिविल एंक्लेव के विकास के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, भारतीय वायु सेना और बिहार सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त व्यवहार्यता का अध्ययन किया गया था। अध्ययन के आधार पर बिहार सरकार से निःशुल्क व अतिक्रमण मुक्त 50 एकड़ जमीन भारतीय विमानपत्न प्राधिकरण को सौंपने की मांग की गई थी।
पुरी ने बताया कि परियोजना से जुड़ी विभिन्न अनापत्तियां व वित्तीय बाधाएं दूर होने के बाद इसे पूरी की जाएगी। फिलवक्त पूर्णिया हवाई अड्डा वायु सेना स्टेशन है, जो भारतीय वायु सेना के स्वामित्व और प्रबंधन के अंतर्गत है।
राज्यसभा में बजट पर सुशील कुमार मोदी के भाषण का अंश
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज राज्यसभा में बजट 2021-22 पर दिए अपने पहले भाषण में बजट का स्वागत करते हुए इसे रोजगार पैदा करने, गरीबी दूर करने, महंगाई नियंत्रित करने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला बताया।
मोदी ने कहा कि कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री ने समय पर कड़ाई से लाकडाउन लागू कर कोविड से मरने वालों में कम से कम एक लाख लोगों की जान बचाई है। पूरे देश में जब लाकडाउन था तो प्रधानमंत्री ने 80 करोड़ करीबों को 8 माह तक 40 किलो अनाज देने के अलावा 39.18 करोड़ जनधन खाताधारक महिलाओं, उज्जवला योजना के लाभार्थियों को विधवा, वृद्धि व दिव्यांगों व़ किसानों आदि के खाते में सीधे 61 हजार 334 करोड़ की राशि एक क्लिक पर पहुंचाई, जबकि अमेरिका जैसे देश को अपने 7 करोड़ नागरिकों को चेक प्रिंट करा कर डाक के जरिए उनके घरों तक सहायता राशि पहुंचाने में छह महीना का समय लगा।
इस बजट में स्वास्थ्य परिक्षेत्र पर खर्च में 137 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ही 50 करोड़ लोगों के टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ ही दक्षिण अफ्रीका, अफगानिस्तान और ब्राजिल के साथ खाड़ी के आधा दर्जन समेत दुनिया के 12 देशों को टीके के 62 लाख डोज मु्फ्त उपलब्ध कराने के अलावा 8 अन्य देशों को 1 करोड़ 5 लाख टीके वाणिज्यिक अनुबंध के तहत उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
लाकडाउन के कारण राजस्व संग्रह में 23 प्रतिशत की कमी के बावजूद जनता पर नए करों का कोई बोझ नहीं डाला गया है। पेट्रोल और डीजल जैसे उत्पादों पर आयात व एक्साइज ड्यूटी में कमी कर कृषि के विकास के लिए सेस लगाया गया है, जिससे 30 हजार करोड़ का राजस्व संग्रह होगा। सरकार 5 लाख 54 हजार करोड़ अगले साल सड़क, पुल, रेल, बिजली व हवाई अड्डा आदि के निर्माण पर पूंजीगत व्यय करेगी, जिससे न केवल सीमेंट, लोहा आदि का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
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