कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अमित शाह के आरोपों का करारा जवाब दिया है। उन्होंने अमित शाह को लिमिट पार न करने की चेतावनी दी। दक्षिण 24 परगना के नामखाना में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल को लेकर कई सवाल उठाये थे। उन्होंने कहा था कि बंगाल में भाजपा समर्थकों की हत्या और आम्फान के लिए मिली केंद्रीय सहायता राशि लूटने वाले तृणमूल समर्थकों को भाजपा की सरकार बनने पर पाताल से खोज कर निकाला जाएगा।
ममता ने अमित शाह के आरोपों का जवाब देते हुए वे अशिक्षित हैं और बराबर झूठ बोल रहे हैं। ममता बनर्जी ने अमित शाह को लिमिट पार न करने की सलाह देते हुए कहा कि रोज बिना बुलाए दौड़-दौड़ कर बंगाल में आ जाते हैं और बुआ-भतीजा पर हमला बोलते हैं। अभिषेक का नाम लेते हुए ममता ने कहा कि पहले वह मोटा चेहरा लेकर भतीजे से लड़ लें और चुनाव जीत कर दिखाएं। उसके बाद दीदी से निपटने की बात करें।
उन्होंने अमित शाह पर व्यक्तिगत आक्रमण करते हुए कहा कि उनका बेटा मैदान में उतर कर एक भी चुनाव जीत कर दिखाए। जय शाह की करोड़ों की संपत्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि करोड़ों रुपये वह कहां से कमाया, मेरे पास इसका पूरा कच्चा चिट्ठा है मेरे पास। अमित शाह मेरा मुंह न खुलवाएं।
आम्फान तूफान के बाद केंद्र द्वारा भेजे गए 3500 करोड़ रुपये टीएमसी के लोगों द्वारा हजम कर करने के अमित शाह द्वारा लगाये गये आरोप पर ममता ने कहा कि अमित शाह एक नंबर का झूठा है। तूफान के बाद प्रधानमंत्री केवल मुंह दिखाने आए थे और नाटक करने के बाद केंद्र की ओर से एक रुपये की भी सहायता नहीं दी। राज्य के बकाया में से 1000 करोड़ रूपये अग्रिम दिये गए थे।
गंगासागर के बारे में अमित शाह द्वारा दिये गये आश्वासन के बारे में मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि गंगासागर और नामखाना में बंगाल सरकार की ओर से विकास के व्यापक काम किये गये हैं, उनमें केंद्र सरकार के एक पैसा की भूमिका नहीं है। भाजपा का नाम लिये बगैर इशारों-इशारों में मंत्री जाकिर हुसैन पर हुए हमले के पीछे उन्होंने भाजपा के षड्यंत्र की बात कही।
मुख्यमंत्री ममता ने फिर एक बार अमित शाह को बाहरी बताते हुए कहा कि बंगाल की अस्मिता के बारे में इनको कुछ पता नहीं है। वह केवल बंगाल में लोगों को बांटना जानते हैं। ममता ने कहा कि एक किसान आंदोलन ने भाजपा को पंजाब-हरियाणा से दूर हटा दिया। आने वाले दिनों में भाजपा को उत्तर प्रदेश और बंगाल में भी हार का मुंह देखना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि असम में कोई विकल्प न रहने के कारण उनकी जीत होगी। उन्होंने राज्य में एनपीआर और सीएए को लागू न करने का वादा करते हुए कहा कि टीम भावना से वे यहां सबको साथ लेकर चलना चाहती हैं।
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