- डी. कृष्ण राव
कोलकाता। जेपी नड्डा ने सोनार बांग्ला मिशन लांच किया। नड्डा बोले- बंगाल के 2 करोड़ लोगों के सुझाव लेकर बीजेपी अपना मेनिफेस्टो तैयार करेगी। साइंस सिटी में अपनी सभा के पहले वह मीडिया से बात कर रहे थे। नड्डा ने कहा कि बंगाल के लोग अगर विश्वास कर हमें सत्ता की कमान सौंपते हैं तो हम लोगों के सजेशन के मुताबिक सत्ता चलाएंगे। इसलिए हम लोगों ने राज्य के 2 करोड लोगों के सजेशन से अपना मेनिफेस्टो बनाने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए एक अभियान छेड़ा गया है, जो 3 मार्च से 20 मार्च तक राज्य के 294 विधानसभा क्षेत्रों में चलेगा। इसके लिए 30,000 सजेशन बॉक्स राज्य में विभिन्न जगहों पर रखे जाएंगे। पार्टी मुख्यालय हेस्टिंग्स में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक सौ सुझाव पेटी रखी जाएगी। इसके अलावा 50 सजेशन पेटी को लेकर बीजेपी के कार्यकर्ता घर-घर घूमेंगे।
नड्डा ने सत्ता में आने के बाद सरकार का ब्लूप्रिंट भी बताया। उन्होंने कहा कि 4 करोड़ 70 लाख लोगों को आयुष्मान भारत के अधीन लाया जाएगा। हर किसान को पहले बकाया रकम 18000 का भुगतान किया जाएगा। बांग्लादेश से आए शरणार्थियों के लिए वेलफेयर कमेटी बनाई जाएगी। मतुआ संप्रदाय के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने यह भी वादा किया कि राज्य में जो लाला कट मनी की परंपरा चल रही है, बालू और कोयला खदान में जो धांधली हो रही है, वह सब बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी वादा किया कि आम्फान तूफान से जिन लोगों को काफी क्षति हुई है, उन लोगों के लिए भी सरकार सोचेगी।
नड्डा ने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि ब्रिटिश लोगों ने जिस बंगाल को उद्योग के लिए सबसे बड़ा और सबसे अच्छी जगह माना, उसे राज्य सरकारों ने क्यों इस खराब हालत में पहुंचा दिया, उसकी समीक्षा की जाएगी और बंगाल में उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने उत्तर बंगाल के लिए कहा कि उत्तर बंगाल के चाय बागानों में शिशुओं की जिस हालत में जिंदगी बीतती है, उसमें सुधार लाया जाएगा।
नड्डा ने ताल ठोकते हुए कहा कि बंगाल के गांवों में 732000 घरों में बिजली नहीं थी। केंद्र की बीजेपी सरकार ने उन घरों तक बिजली पहुंचायी है। उन्होंने दावा किया कि बंगाल की 1.40 करोड़ घर में कोई शौचालय नहीं था, वहां शौचालय भी केंद्र सरकार की ही देन है। केंद्र सरकार ने देश के दूसरे राज्यों की तरह बंगाल के बारे में भी हर योजना लागू की, लेकिन ममता बनर्जी की जिद के कारण कई योजनाएं यहां इस भय से लागू नहीं की गयीं कि इसके श्रेय नरेंद्र मोदी की सरकार को चला जाएगा।
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