नीतीश कुमार के जनता दरबार में फरियाद लेकर पहुंचे 146 लोग

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम की शुरुआत आज से की। 5.5 घंटे से ज्यादा देर तक सीएम ने फरियाद सुनी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम की शुरुआत आज से की। 5.5 घंटे से ज्यादा देर तक सीएम ने फरियाद सुनी।

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम की शुरुआत आज से की। 5.5 घंटे से ज्यादा देर तक सीएम ने फरियाद सुनी। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 146 लोगों की समस्याओं को नीतीश कुमार ने सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए। आज ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यकम में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला संस्ति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा सामान्य प्रशासन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुई।

नीतीश कुमार के जनता दरबार में पहुंचे 146 फरियादी
नीतीश कुमार के जनता दरबार में पहुंचे 146 फरियादी

सीतामढ़ी जिले की रुन्नीसैदपुर थाना क्षेत्र की एक महिला शिकायतकर्ता श्रीमती शांति देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फरियाद लगाई कि दबंगों ने उनके साथ मारपीट की है। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने डी0जी0पी0 को पूरे मामले पर तुरंत आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये। डी0जी0पी0 ने उस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए थानेदार से बात की और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने को कहा।

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भागलपुर से आयी छात्रा सुश्री अभिलाषा कुमारी ने अपनी शिकायत में कहा कि उसने साल 2019 में ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली है और प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण भी हुई है। दो साल का वक्त बीत जाने के बावजूद उसे अभी तक मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। इसी तरह की एक और शिकायत दूसरी छात्रा सुश्री आकांक्षा कुमारी ने भी की। उसने साल 2018 में ग्रेजुएशन पूरा किया है, लेकिन उसे भी अब तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है। शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये। भागलपुर से आया युवक, जो कि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग से सम्मानित कलाकार है, ने अपनी समस्या सुनाई। उसका कहना था कि कलाकारों को जो व्यवस्था मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कला, संस्कृति एवं युवा विभाग को इस मामले में समुचित कार्रवाई के निर्देश दिये।

बिजली विभाग में कन्ट्रैक्ट पर नाइट गार्ड के तौर पर कार्य करने वाले एक कर्मी ने भी अपनी शिकायत मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। उसने कहा कि हड़ताल पर जाने के कारण उसे सेवा से हटा दिया गया। कन्ट्रैक्ट पर जिस एजेंसी ने रखा था, वह मनमानी कर रही है। मामला श्रम विभाग में भी पहुंचा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने कन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले ऐसे लोगों से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई के निर्देश दिये। नवादा के वारसलीगंज के प्रत्युष आनंद ने मुख्यमंत्री से कहा कि भोजपुरी एवं मगही गीतों में अश्लीलता एवं हिंसा को बढ़ावा देने के लिए जिस तरह शब्दों का प्रयोग हो रहा है, वह समाज और गरिमा के लिए नुकसानदेह है। इस पर समुचित कार्रवाई करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए कला-संस्कृति एवं युवा विभाग को निर्देश दिया।

सहारा इंडिया में फिक्स डिपजिट का समय पूरा होने के बाद भी पैसे का भुगतान नहीं करने संबंधी एक आवेदक की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग के प्रधान सचिव को आवयक कार्रवाई के निर्देश दिये। नालंदा के हरनौत के दिलीप कुमार ने एक ही जमीन का विभिन्न नामों से अंचलाधिकारी द्वारा जमाबंदी कराए जाने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

पटना जिले की मसौढ़ी की श्रीमती उषा देवी ने अपनी शिकायत में कहा कि वर्ष 2015 से उन्हें वृद्धा पेंशन का लाभ मिल रहा था, लेकिन जब से बैंक खाता के माध्यम से पेंशन मिलने की बात हुई है, तब से मुझे पेंशन नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को इस संदर्भ में शीघ्र नियमानुकूल कार्रवाई का निर्देश दिया। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में 146 आवेदक उपस्थित हुए थे जिसमें 28 महिलाएं और 118 पुरुष थे।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने वर्ष 2006 में ही जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की शुरुआत करायी थी। हर महीने में तीन सोमवार को अलग-अलग विभागों की सुनवाई तय कर दी और वह निरंतर चलता रहा। शिकायतों के समाधान करने के दौरान चीजों को एनालाइज भी किया करते थे। वर्ष 2015 में मेरे मन में एक बात आई कि क्यों नहीं हमलोग इसके लिए एक कानून बना दें। लोगों की शिकायत के निवारण के लिए लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून वर्ष 2016 में लागू किया। हर जगह हम अपनी यात्रा में जाते थे तो उसको देखते थे। उससे लगता था कि किस प्रकार के लोग ज्यादा आते हैं और किस-किस प्रकार की समस्याएं हैं। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम का जो अनुभव होता था उसके आधार पर कई और भी नियम बनाये गये।

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