क्राइम, करप्शन और कम्युनिलिज्म से समझौता नहींः नीतीश

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बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कमार
बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कमार

पटना। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज अनुग्रह जयंती-सह-स्थापना दिवस समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर उदघाटन किया। अनुग्रह नारायण कॉलेज प्रांगण में आयोजित समारोह में शरीक हुये मुख्यमंत्री ने सबसे पहले बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिंह की प्रतिमा एवं उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि दी। समारोह में मुख्यमंत्री को महाविद्यालय प्रबंधन एवं छात्र प्रतिनिधियों की ओर से पुष्प-गुच्छ, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनन्दन किया गया। अनुग्रह जयंती-सह-स्थापना दिवस समारोह में ए0एन0 कॉलेज के छात्रों ने दहेज उन्मूलन पर आधारित लोकगीत का मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतिकरण किया। मुख्यमंत्री सहित मंच पर मौजूद अतिथियों ने ‘अनुग्रह ज्योति’ पत्रिका का विमोचन भी किया।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय के प्राचार्य को इस समारोह में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भले ही हम इस महाविद्यालय में नहीं  पढ़े  हैं  लेकिन  इस  महाविद्यालय  से  हमारा पुराना संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि शुरूआती दिनों में हम इसी मुहल्ले में रहा करते थे और उस समय या तो बाॅटनिकल गार्डन या इसी महाविद्यालय के प्रांगण में टहला करते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी में अनुग्रह नारायण सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि राजकुमार शुक्ल के अथक प्रयास से 10 अप्रैल 1917 को बापू पटना आये थे और मुजफ्फरपुर होते हुए चम्पारण गये। महात्मा गाॅधी ने लोगों को निलहों के अत्याचार से मुक्ति दिलाई। अनुग्रह नारायण सिंह ने चंपारण सत्याग्रह के समय गाँधी जी के सहयोगी के रूप में अपना अहम योगदान दिया था, इसके अलावा कृषि, सिंचाई, वित्तीय प्रबंधन की आधारशिला, उद्योग को बढ़ावा देने के साथ ही हर क्षेत्र में अविभाजित बिहार को बढ़ाने में अनुग्रह नारायण सिंह की भूमिका काफी सराहनीय रही है, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय की स्थापना में स्व0 सत्येन्द्र बाबू की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एन0ए0सी0) द्वारा तीन बार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा इसे रेखांकित किया गया है, मैं इसके लिए बधाई देता हूँ।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अब पाटलिपुत्र नाम से नया विश्वविद्यालय का नामकरण किया गया है और यह विशिष्ट विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित हो, इसके लिए राज्य सरकार हरसंभव मदद करेगी। इसके लिए शिक्षा विभाग को निर्देश भी दिया जा चुका है। उन्होंने काॅलेज प्रषासन से कहा कि आपलोगों की इच्छा के मुताबिक और महाविद्यालय की जरूरतों को देखते हुए यहाँ मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का प्रस्ताव सरकार के पास यथाशीघ्र भेजें, इस संदर्भ में भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कहा जा चुका है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय का ग्रीन कैम्पस बनाइए ताकि प्रांगण में हरियाली का वातावरण बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवम्बर 2005 में जब हमें मौका मिला तो हमने बिहार में कानून का  राज  कायम  करने  के  साथ-साथ उच्च  शिक्षा  के  विकास,  स्वास्थ्य,  बुनियादी  ढांचे  के विकास सहित हर क्षेत्र में काम प्रारम्भ किया। उस समय जब हमने सर्वेक्षण कराया तो पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं, जिन्हें स्कूलों तक पहुँचाने का हमने संकल्प लिया और लक्ष्य निर्धारित कर इस दिशा में काम शुरू किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता एक अहम विषय है लेकिन मेरा मानना है कि बच्चों का स्कूल जाना ही अपने आप में शिक्षा है। करीब 27,000 स्कूल भवन बनाये गए, शिक्षकों का नियोजन किया गया, जिसका नतीजा हुआ कि अब स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों का यह आंकड़ा एक प्रतिशत हो गया है। इस तरह प्राथमिक शिक्षा से लेकर माध्यमिक शिक्षा के विकास की दिशा में पूरा प्रयास किया गया।

प्रजनन दर का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनगणना में हर दस साल पर देखा गया है कि बिहार में 25 प्रतिषत आबादी में बढ़ोत्तरी हो रही है लेकिन क्षेत्रफल तो (94,000 किलोमीटर) सीमित है, ऐसी स्थिति में कितना भी काम करते रहिये बढ़ती आबादी के कारण वह पर्याप्त नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि मिशन मानव विकास पर अध्ययन में यह बातें सामने आयीं कि देश भर में प्रजनन दर 3.9 है और अब बिहार में यह 3.2 पर पहुँच चुका है। उन्होंने कहा कि अध्ययन में यह पाया गया कि अगर वैवाहिक महिला मैट्रिक पास है तो प्रजनन दर देश और बिहार में 2 प्रतिशत है, जबकि अगर वैवाहिक महिला इंटर पास है तो देश में प्रजनन दर 1.7 है, जबकि बिहार में 1.6 है, जिसको देखकर उसी समय हमने हरेक ग्राम पंचायत में हाईस्कूल की स्थापना और उसमें इंटर तक की पढ़ाई की सुविधा मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में हमारा ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 13 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत 25 प्रतिशत है। निश्चय योजना के माध्यम से हमने ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियों को 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसको लेकर 5 नए मेडिकल कॉलेज, हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, जी0एन0एम0 संस्थान, महिला आई0टी0आई0 एवं पारा मेडिकल संस्थान की स्थापना, हर सबडिविजन में आई0टी0आई0, ए0एन0एम संस्थान की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि गरीबी के कारण माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पाते थे, जिसको देखते हुए पोशाक योजना और साइकिल योजना की शुरुआत की गयी। उन्होंने कहा कि जब 9वीं क्लास में पढ़ने वाली लडकियों के लिए साईकिल योजना शुरू की गयी, उस समय 9वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या 1 लाख 70 हजार थी, जो अब बढ़कर 8 लाख से भी ज्यादा हो गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 के चुनाव में 218 जगहों पर अपने भाषणों में हमने स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड का जिक्र किया था, जिसमे इंटर से आगे की किसी भी तरह की पढ़ाई करने वाले छात्रों को 4 लाख रूपये तक का ऋण देने का प्रावधान है, इसके लिए बैंकों को गारंटी के तौर पर 100 रूपये की जगह 160 रूपये देने के बावजूद भी बैंकों का रवैया ठीक-ठाक
नहीं रहा, जिसको देखते हुए राज्य शिक्षा वित्त निगम की स्थापना की गयी। उन्होंने कहा कि इंटर से आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए अगर कोई विद्यार्थी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेता है और वह उसे लौटाने की स्थिति में नही रहता है तो हम उसे माफ भी करवा देंगे। इसके अलावा विद्यार्थियों को हर सरकारी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा, कौशल विकास के लिए कुशल युवा कार्यक्रम और बेहतर रोजगार की तलाश में लगे युवाओं को दो साल तक 1,000 रूपये तक का सहायता भत्ता दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सब अपने बलबूते कर रही है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में लिए गये निर्णयों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पहला राज्य है, जहाँ पंचायतों एवं नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजा हुआ कि आधी से ज्यादा महिलायें चुनाव जीतकर आईं। उन्होंने कहा कि जीविका समूहों के माध्यम से भी महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। शुरूआती दौर में बिहार के 7 जिलों में 44 समूहों के जरिये जीविका नाम से महिलाओं का समूह बनाकर उनके उत्थान के लिए काम शुरू किया गया। बिहार के जीविका मॉडल को केन्द्र सरकार ने भी अपनाया और इसे आजीविका नाम दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं की भूमिका के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती।

मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  क्राइम,  करप्शन  और  कम्युनिलिज्म  से  हम  किसी  भी  सूरत  में समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जब  मेरे सामने कोई मेरी प्रशंसा करता  है  तो मैं असहज महसूस करता हूँ। उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास और लोगों की सेवा करने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूँ। उन्होंने कहा कि 9 जुलाई 2015 को एक सम्मेलन में महिलाओं की मांग पर ही हमने बिहार में शराबबंदी लागू की। हालांकि वर्ष 2011 से ही निरंतर मद्य निषेध दिवस के जरिये हम इसके लिए अभियान चला रहे थे। उन्होंने कहा कि शराबबंदी होने से पूरे बिहार में शांति का माहौल है, गरीब तबका काफी राहत महसूस कर रहा है लेकिन कुछ दो नम्बर के धंधेबाज चोरी छुपे शराब का सेवन करते हैं, वे शराबबंदी को अपनी लिबर्टी से जोड़कर देखते हैं। उन्होंने कहा कि शराब का सेवन या उसका कारोबार किसी व्यक्ति का
मौलिक अधिकार नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसे साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम तीन-तीन यात्रा कर चुके और ग्राउंड रियलिटी यही है कि बिहार में शराबबंदी से लोगों के जीवन में बेहतरी आई है। उन्होंने कहा हत्या के मामले में आजीवन कारावास और फांसी का प्रावधान है, धारा-302 है, इसके बाद भी पूरे देश में रोजाना हत्याएं हो रही हैं क्योंकि
कुछ लोगों  की  मानसिकता  होती  है कानून  का  उल्लंघन करने  की।  उन्होंने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा दोनों एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। कम उम्र में शादी होने से प्रसव के दौरान महिलाएं मौत की शिकार हो जाती हैं और उनसे जो बच्चे पैदा होते हैं, वे कई तरह की बीमारियों से जूझते हुए पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सात निश्चय योजना के जरिये हर घर नल का जल, हर घर तक पक्की गली और नाली का निर्माण, हर घर शौचालय निर्माण,
हर गाँव-टोले  तक  पक्की  सड़क  का  निर्माण  का  काम  पूरी  जिम्मेवारी और  निष्ठा के  साथ
किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसका मकसद बाल विवाह को रोकना है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 2 वर्ष की उम्र पूरा करने वाली बालिकाओं को राज्य सरकार की तरफ से 5,000 रुपये मुहैया कराया जायेगा, जिसमें लड़की पैदा होने के वक्त उसके माता-पिता के खाते में 2000 रुपये, एक साल बाद आधार से लिंक होने पर 1,000 रुपये और 2 वर्ष की अवधि तक पूर्ण टीकाकरण होने पर पुनः 2000 रुपये उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके अतिरिक्त पहले से चल रही पोशाक योजना की राशि में भी बढ़ोतरी की गयी है, जिसमें कक्षा एक एवं दो में पढ़ने वाली लड़कियों को 400 रूपये की जगह 600 रुपये, कक्षा 3 से 5 में पढ़ने वाली बालिकाओं को 500 के बजाय 700 रुपये, कक्षा 6 से 8 में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए 700 की जगह 1,000 रुपये और कक्षा 9 से 12वीं में
पढ़ने वाली छात्राओं को अब 1,000 की जगह 1,500 रूपये की राशि पोशाक के लिए प्रदान की जाएगी। किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 7वीं से 12वीं में पढ़ने वाली लड़कियों को सैनेटरी नैपकिन के लिए पहले जहाँ 150 रुपये सालाना दिये जाते थे, अब उनकी जगह उन्हें 300 रुपये प्रदान किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर लगाम लगाने के लिए इंटरमीडिएट पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10,000 रूपये की राशि मुहैया कराने का राज्य सरकार ने फैसला लिया है, वहीं ग्रेजुएशन करने वाली लड़कियों को 25,000 रुपये मुहैया कराने का भी राज्य सरकार ने निष्चय किया है, वह चाहे कुंवारी हो या विवाहित। इस प्रकार एक लड़की के पैदा होने से ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी करने तक सरकार उस पर 54,100 रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि इसका मकसद यह है कि लोग बेटी को बोझ नहीं बल्कि बेटी पैदा होना गौरव की बात समझें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए समाज सुधार का काम हो रहा है और दहेज मुक्त समाज बने इसके लिए हर व्यक्ति को आगे आकर पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार का इतिहास पूरे देश, पूरे आर्यावर्त और कई मायनों में पूरी सभ्यता और पूरी मानव जाति का इतिहास है। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का हमारा अभियान निरंतर जारी रहेगा और इसको लेकर नीति आयोग की बैठक में भी हमने तर्क दिया है। महात्मा गाँधी के वक्तव्य का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गाँधी जी कहा करते थे कि कि सेवा करो तुम ट्रस्टी हो। अपने प्रचार के लिए हम पैसे खर्च नहीं करने वाले क्यांेकि हमें काम करने पर भरोसा है, विज्ञापन पर नहीं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना का विज्ञापन पटना में देने का क्या मतलब है ? उन्होंने कहा कि गाँधी जी के सिद्धांतों को हम मानते हंै और उसी मार्ग पर चलेंगे।

इस अवसर पर विधान पार्षद श्री संजीव श्याम सिंह, विधान पार्षद श्री रामचंद्र भारती, पटना नगर निगम की महापौर श्रीमती सीता साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष वर्मा, शिक्षा विभाग के सचिव श्री आर0एल0 चोंगथू, शिक्षा विभाग के अपर सचिव श्री मनोज कुमार, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 गुलाब चन्द राम जायसवाल, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो0 गिरीश कुमार चैधरी, बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए0के0 घोष, ए0एन0 कॉलेज की वाईस प्रिंसिपल श्रीमती पूर्णिमा शेखर सिंह, जे0डी0 विमेंस कॉलेज की पूर्व प्राचार्य श्रीमती आशा सिंह, ए0एन0 कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष श्री राजवीर सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, महाविद्यालय से जुड़े शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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