पटना। कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत गुरुवार को पटना में थे। उन्होंने बीमार चल रहे लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद बिहार प्रदेश कांग्रेस के हालात पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पार्टी के लोगों को अपना मूल्यांकन करना चाहिए। खराब व्यवस्था के कारण ही कांग्रेस की यह हालत हुई है। अगर हालात में परिवर्तन नहीं हुए तो बिहार में सिर्फ गठबंधन की ही बातें होती रहेंगी, कांग्रेस कभी अपने पैरों पर खड़ा नही हो पाएगी। गहलोत पार्टी में अनुशासन पर चर्चा कर रहे थे। सदाकत आश्रम में आज अशोक गहलोत के सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया था।
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बिहार कांग्रेस के नेताओं ने खुद को मजबूबती से खड़ा रखने की पुरजोर कोशिश की। बिहार से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य अखिलेश सिंह ने कहा कि पार्टी को लोकसभा चुनाव में 27 सीटों पर उम्मीदवार उतारने चाहिए। किसी दल से समझौता करने का मतलब झुकना नहीं होता। बिहार में हमारा संगठन भाजपा, जदयू और राजद के मुकाबले कमजोर है। पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए चुनाव का दायरा बढ़ना होगा। समर्पित कार्यकर्ताओं को आगे लाना होगा।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि संगठन को मजबूत करने के लिए प्रखंड से जिला स्तर तक मेहनत करने की जरूरत है। बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि हमें यह नहीं देखना कि कौन क्या कर रहा है। हमें यह देखना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं।
अशोक गहलोत ने अमित शाह के पटना आगमन को ले हुई तैयारियों पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि पूरा पटना अमित शाह के पोस्टर से पाट दिया गया है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में भी इतने पोस्टर नहीं लगते। सवाल यह है कि इतना पैसा खर्च करने के लिए आया कहां से ?
अशोक गहलौत के भाषण के दौरान हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गयी। पूर्व प्रवक्ता मुशर्रफ अली ने पार्टी की व्यवस्था के खिलाफ नारेबाजी। उन्होंने 2005 से लेकर अबतक के प्रदेश अध्यक्षों पर गड़बड़ी के आरोप लगाये और उनके कार्यकाल की जांच की मांग की।
अशोक गहलोत ने जदयू- भाजपा गठबंधन पर भी सवाल किये। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार भाजपा के साथ सहज नहीं हैं। उन्हें महागठबंधन छोड़ने के लिए पश्चाताप करना चाहिए।