पटना। सोमवार को 1 अणे मार्ग स्थित ‘लोक संवाद’ में लोक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, श्रम संसाधन, ग्रामीण विकास (जीविका), कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन, कला-संस्कृति, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, योजना एवं विकास तथा पर्यावरण एवं वन विभाग से संबंधित मामलों पर पांच लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को सुझाव दिया गया।
आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में पटना के श्री मुकेश कुमार हिसारिया, औरंगाबाद के श्री आस्तिक शर्मा, वैशाली के श्री चंदन कुमार सिंह, पटना की रेशमा प्रसाद, छपरा के सौरभ सुमन ने अपने सुझाव एवं राय मुख्यमंत्री के समक्ष रखे। संबंधित विभाग के प्रधान सचिव/सचिव ने वस्तु स्थिति को स्पष्ट किया। लोगों से प्राप्त सुझाव एवं राय पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/सचिव को समुचित कार्रवाई हेतु निर्देशित किया।
आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, कृषि मंत्री श्री प्रेम कुमार, शिक्षा मंत्री श्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय, समाज कल्याण मंत्री श्रीमती मंजू वर्मा, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री मदन सहनी, अल्पसंख्यक एवं गन्ना उद्योग मंत्री श्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्री ब्रजकिशोर बिंद, कला-संस्कृति मंत्री श्री कृष्ण कुमार ऋषि, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री रमेश ऋषिदेव, पुलिस महानिदेशक श्री के0एस0 द्विवेदी, विकास आयुक्त श्री शशि शेखर शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय श्री अनुपम कुमार सहित संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/सचिव उपस्थित थे।
आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के पश्चात मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह से मुलाकात एवं सीट शेयरिंग से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक औपचारिक मुलाकात थी। उन्होंने कहा कि श्री अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, उनके साथ नाश्ता एवं भोजन भी हुआ तथा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी हुई। बिहार में हमलोग एक साथ अच्छी तरह से सरकार चला रहे हैं। बहुत सारी बातें श्री अमित शाह जी ने पब्लिक डोमेन में पहले ही बता दिया है। इस पर विशेष वक्तव्य देने की जरुरत नहीं है।
विशेष राज्य के दर्जे की मांग से जुड़े प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से ही सरकार के स्तर से एवं हमारी पार्टी के द्वारा भी इसकी मांग की जाती रही है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह के समक्ष पहले भी सभी
दलों की तरफ से यह मांग रखी गई थी। 14वें वित्त आयोग की सिफारिश से यह संदेश गया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार लैंड लॉक प्रदेश है। बिहार एक पिछड़ा राज्य है। यहां प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है। बाढ़ एवं सुखाड़ जैसी आपदा से यह राज्य हमेशा पीड़ित रहता है। बाढ़ का कारण भी बाहर के जल का दबाव है। राज्य में उद्योग धंधे को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने अपने स्तर से कुछ नीतियां तैयार की हैं लेकिन बड़े उद्योग धंधों की स्थापना के लिए करों में छूट दिए जाने की जरुरत है। विशेष राज्य के दर्जे से यह रियायत मिल सकेगी, जिससे राज्य में रोजगार का सृजन हो सकेगा। अभी फिर से सर्वदलीय प्रस्ताव में विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर सहमति है। 15वें वित्त आयोग के सामने हमलोग अपने पक्ष को फिर से रखेंगे।
केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित जुड़े प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसा कि केंद्र सरकार ने कहा था कि लागत मूल्य में 50 प्रतिशत का मुनाफा जोड़कर एम0एस0पी0 तय करेंगे, जिसके अनुरुप इस बार एम0एस0पी0 की राशि तय की गई है। किसानों की सहुलियत के लिए यह दर तय किया जाता है। मुख्य रुप से चावल, गेहूं का प्रोक्योरमेंट किया जाता है। इसका पी0डी0एस0 में उपयोग किया जाता है। अन्य फसलों के लिए स्टोरेज जैसे मुद्दे हैं। किसानों को अधिक से अधिक सहायता मिले, इसके लिए हमलोग बिहार में कई प्रयोग कर रहे हैं। किसानों के लिए फसल सहायता योजना चलायी गई है। आपदा से हुई क्षति के दौरान सहायता की जाती है। चार जिलों में सब्जी की जैविक खेती कृषि के लिए इनपुट सब्सिडी हमलोग दे रहे हैं। किसानों की पूर्ण सहायता के लिए बेहतर तंत्र विकसित करना होगा। सारे आंकड़े इकट्ठा करने होंगे और उसको बेहतर ढंग से कार्यान्वित करना होगा। एम0एस0पी0 निर्धारण के लिए एक कमिटी अपना सुझाव देती है। अगर जिन्हें लगता है कि किसानों का लागत मूल्य कम निर्धारित किया गया है, उन्हें अपनी बात कमिटी के सामने रखनी चाहिए।
छोटी बच्चियों के साथ हो रही रेप जैसी घटनाओं से संबंधित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक घिनौना कृत्य है, विकृत मानसिकता है। इसके लिए कानूनी प्रावधान के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए। अब ऐसी स्थिति है कि कोई भी अगर इस तरह का कृत्य करेगा, पकड़ा जायेगा। सजा को और सख्त करने के सुझाव हैं, यह गौर करने वाली बात है। मुजफ्फरपुर और छपरा शॉट स्टे होम में महिलाओं एवं लड़कियों के साथ हुए शारीरिक शोषण से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री अतुल प्रसाद ने बताया कि विभाग की जांच से ही इस तरह की घटनाओं की जानकारी मिली है और उस पर कार्रवाई की जा रही है। चाहे कोई भी हों, उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई हो रही है। पिछले सात-आठ महीनों में बिहार के सभी जिलों में वॉलिंटियर्स
के द्वारा जांच की गई है। सरकार की तरफ से इन घटनाओं में जो एन0जी0ओ0 लिप्त हैं, उन पर भी कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने इसके संबंध में कहा कि जो भी एन0जी0ओ0 के द्वारा इन सब चीजों का संचालन किया जाता है उसकी बेहतर तरीके से जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए और ऐसी व्यवस्था विकसित करने की जरूरत है, जिससे इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, पशु एवं मत्स्य विभाग की सचिव श्रीमती एन0 विजया लक्ष्मी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव श्री जितेंद्र श्रीवास्तव, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेषक श्री लोकेश कुमार सिंह, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय श्री अनुपम कुमार सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
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