पटना। मुजफ्फरपुर वूमन शेल्टर होम में रखी गयीं बच्चियों के शारीरिक शोषण का मामला भले ही जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया है, लेकिन इसको ले लोगों के मन में भारी गुस्सा है। इसके विरोध में वाम दलों द्वारा गुरुवार को बुलाये बिहार बंद का मिलाजुला असर रहा। बंद को विपक्षी दलों ने भी समर्थन किया था।
इस बीच सर्वोच्च न्यायालय ने मुजफ्फरपुर की घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। कल राज्यपाल ने भी मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिख कर इस मामले में सरकार की पहल के लिए नीतीश कुमार की तारीफ की थी और साथ में सलाह भी दी कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसका खास ख्याल रखा जाये।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (से0) के प्रदेश अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मंत्री वृषिण पटेल ने बंद पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी ने वाम दलों द्वारा बुलाये बंद के समर्थन का निर्णय लिया था। पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने भी बड़ी संख्या में पूरे राज्य में बंद समर्थकों का सहयोग करने का काम किया। उन्होंने बंद पूरे तौर पर सफल बताया। श्री पटेल ने कहा कि पटना में किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रवि भूषण उर्फ बेला यादव के नेतृत्व में दलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र रावत, हेमलता पासवान प्रवक्ता रामविलास प्रसाद, श्री अनिल रजक, श्री बसंत कुमार गुप्ता, श्री द्वारिका पासवान जैसे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पटना के विभिन्न इलाकों में बंद को सफल बनाने में अपना पूरा सहयोग दिया। पार्टी नेताओं ने सगुना मोड़ पर बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की।
श्री पटेल ने कहा कि इसी तरह से गया जिला अध्यक्ष टूटू खान एवं हम के राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र मांझी बड़ी संख्या में हम पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे। पूरे राज्य में हम कार्यकर्ताओं ने बंद समर्थकों का पूरा सहयोग किया।
यह भी पढ़ें- झारखंड में स्थिर सरकार आने के बाद विकास कार्यों ने गति पकड़ीः रघुवर