- स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत लड़कियों एवं दिव्यांगों को 1% की दर पर उपलब्ध कराया गया है शिक्षा ऋण
- मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना से बालिकाओं के जन्म से लेकर स्नातक की पढ़ाई पूरी करने तक 54100 रुपया खर्च कर रही है सरकार
- युवाओं की उद्यमिता के लिए 500 करोड़ रूपये का बनाया गया है वेंचर कैपिटल फंड
पटना। राज्य सरकार ने साल 2020 तक प्रदेश के एक करोड़ युवाओं को हुनरमंद बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। युवाओं को दक्ष एवं रोजगारपरक बनाने हेतु सरकार ने सात निश्चय कार्यक्रम के तहत नयी पीढी को शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार का अवसर प्रदान कर सक्षम बनाने के लिए आर्थिक हल, युवाओं को बल समेकित कार्य योजना के तहत युवाओं को लाभ पहुँचाने का काम पूरे बिहार में युद्धस्तर पर जारी है। इस समेकित कार्य योजना के 5 घटक हैं, जिसमें बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, 500 करोड रुपये का वेंचर कैपिटल फंड तथा राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में निःशुल्क वाई-फाई की व्यवस्था मुहैया करायी गयी है।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री छात्रावास अनुदान योजना, छात्रावास खाद्यान्न योजना, सतत् जीविकोपार्जन योजना, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना सहित अन्य विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार हर वर्ग के युवाओं को शिक्षित एवं रोजगारपरक बनाने में पूरी तन्मयता से जुटी है।
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत राज्य के इच्छुक 12 वीं पास विद्यार्थी को 4 लाख रुपये तक शिक्षा ऋण की गारंटी दी जा रही है ताकि बिहार के अधिक से अधिक छात्र उच्चतर शिक्षा हासिल कर सकें। बैंकों के ढुलमुल रवैये के कारण राज्य सरकार अपना शिक्षा वित्त निगम बनाकर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत युवाओं को चार प्रतिशत ब्याज पर शिक्षा ऋण उपलब्ध करा रही है। सामान्य छात्रों के मुकाबले लड़कियों एवं दिव्यांगों को यह ऋण एक प्रतिशत दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
देश के विकसित राज्यों एवं विदेशों में दक्ष युवाओं की काफी मांग है। बिहार में सात निश्चय योजना के तहत युवाओं के लिए पांच अवयवों पर काम जारी है, जिसमे से एक “कुशल युवा कार्यक्रम” है। इसके तहत युवाओं को 240 घंटे का बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में संवाद कौशल और व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। “मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना” के जरिये 20 से 25 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को रोजगार तलाशने के दौरान सहायता के तौर पर दो वर्ष तक 1000 रुपया प्रतिमाह की दर से सहायता प्रदान किया जा रहा है। स्वयं सहायता भत्ता प्राप्त करने वाले युवाओं को 240 घंटे का प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है। युवाओं की उद्यमिता के लिए 500 करोड़ रूपये का वेंचर कैपिटल फंड बनाया गया है।
मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के माध्यम से बिहार लोकसेवा आयोग, पटना द्वारा आयोजित संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा (PT)में उतीर्ण होने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग (इस योजना के तहत अल्पसंख्यक समाज के विद्यार्थी भी लाभान्वित हो सकेंगे) के अभ्यर्थियों को आगे की तैयारी के लिए एकमुश्त 50,000 रुपया तथा संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली द्वारा आयोजित सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा (PT)में उत्तीर्ण होने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग (इस योजना के तहत अल्पसंख्यक समाज के विद्यार्थी भी लाभान्वित हो सकेंगे) के अभ्यर्थियों को एकमुश्त 1,00,000 का लाभ दिया जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं के संरक्षण-स्वास्थ्य-शिक्षा-स्वावलंबन पर आधारित “मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना” लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना, कन्याओं के जन्म, निबंधन एवं संपूर्ण टीकाकरण को प्रोत्साहित करना, लिंग अनुपात में वृद्धि लाना, बालिका शिशु मृत्यु दर को कम करना, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना, बाल विवाह पर अंकुश लगाना तथा कुल प्रजनन दर में कमी लाना है। यह योजना बालिकाओं को शिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने, सम्मानपूर्वक जीवन यापन करने का अवसर प्रदान करने तथा परिवार एवं समाज को उनके आर्थिक योगदान को बढ़ाने में भी सहायक होगी। इस योजना के अतंर्गत राज्य की कन्याओं को जन्म से लेकर स्नातक तक सरकार 54100 रुपया खर्च कर रही है। इस योजना का लाभ परिवार के दो बच्चों तक सीमित रहेगा। इसके अतिरिक्त अन्य योजनाएं जैसेः- छात्रवृति योजना, कन्या विवाह योजना के तहत लाभ कन्याओं के पूर्व की भांति मिलता रहेगा। इतना ही नहीं इसके लिए अधिक जानकारी हेतु टॉल फ्री नंबर 181 अथवा समाज कल्याण निदेशालय के दूरभाष 0612-2211718 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
“मुख्यमंत्री छात्रावास अनुदान योजना” के माध्यम से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में अध्ययनरत छात्र/ छात्राओं को कॉट, मैट्रेस, चादर, पठन-पाठन हेतु टेबल कुर्सी, खाना बनाने हेतु बर्तन एवं रसोईया इत्यादि की सुविधाओं के अलावा प्रति छात्र/ छात्रा 1000 रूपये प्रतिमाह की दर से छात्रावास अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। इन छात्रों को पूर्व में दी जा रही सभी सुविधाएं एवं सहूलियतें यथावत रहेंगी|
यह भी पढ़ेंः एससी-एसटी छात्रों को बिहार में मिल रहीं कई सहूलियतें
“छात्रावास खाद्यान्न योजना” के जरिये अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित छात्रावासों में आवासित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक के छात्र/ छात्राओं को 15 किलो मुफ्त खाद्यान्न (गेहूं एवं चावल) दिया जाएगा। खाद्यान्न के क्रय, हथालन एवं परिवहन पर होने वाला राज्य सरकार वहन करेगी। छात्र/ छात्राओं की रुचि को देखते हुए 15 किलो में से 9 किलो चावल एवं 6 किलो गेहूं की आपूर्ति की जाएगी। बिहार राज्य खाद्य आपूर्ति निगम द्वारा खाद्यान्न की डोर स्टेप डिलीवरी सीधे छात्रावास में की जाएगी।
यह भी पढ़ेंः एससी/एसटी छात्रों पर मेहरबान बिहार की नीतीश सरकार