रांची। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बीमारी को देखते हुए रांची हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उनके प्रोविजनल बेल की अवधि पांच दिनों के लिए बढ़ा दी। यानी 20 अगस्त तक लालू प्रोविजन बेल पर रहेंगे। अगली सुनवाई हाईकोर्ट में 17 अगस्त को होगी।
लालू प्रसाद यादव की जमानत अवधि पर झारखंड हाईकोर्ट ने राजद सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री व चारा घोटाले के सजायाफ्ता लालू प्रसाद के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने सजायाफ्ता होने के बावजूद उनके घर पर होने के औचित्य पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने कहा- या तो वे अस्पताल में हों, या फिर जेल में। उच्च न्यायालय के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट में शुक्रवार को लालू प्रसाद के प्रोविजनल बेल को बढ़ाए जाने के मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में लालू यादव की मेडिकल रिपोर्ट पर सीबीआइ को जांच कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
इसके साथ ही लालू यादव की प्रोविजनल बेल 20 अगस्त तक बढ़ा दी गई। लालू यादव की प्रोविजनल बेल 14 अगस्त को समाप्त हो रही थी। इस मामले में सुनवाई 17 अगस्त को होगी। सुनवाई के दौरान लालू के अधिवक्ता ने बताया कि मुंबई स्थित एशियन हार्ट इंस्टिट्यूट में लालू यादव 6 अगस्त को ही भर्ती हो गए हैं। उनको यूरिन, डायबिटीज सहित अन्य बीमारियां हैं। जिनका इलाज चल रहा है। उनका डायबिटीज कंट्रोल नहीं हो रहा है और उन्हें प्रतिदिन 70 यूनिट इंसुलिन लेनी पड़ रही है। लालू यादव को क्रोनिक किडनी की बीमारी है। इसका इलाज चल रहा है।
अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि लालू प्रसाद सजायाफ्ता हैं। वह इलाज कराने के बाद घर में नहीं रह सकते। साथ ही अदालत ने सीबीआई को डिस्चार्ज समरी जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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