कभी कैमरा मैन थे, अब भोजपुरी फिल्मों के नायक है राहुल

0
591
  • अनूप नारायण सिंह

सपने तो सभी देखते हैं, पर उन सपनों को साकार करने की कोशिश में कई लोगों के सपने टूट जाते हैं। कुछ ऐसे जीवट लोग होते हैं, जो खुद के दम पर अपने सपनों को साकार करते हैं। ऐसे ही जीवटता की जीती जागती मिसाल हैं भोजपुरी सिनेमा के स्टार कॉमेडियन राहुल श्रीवास्तव।

मूल रूप से सीवान जिले के गोरिया कोठी प्रखंड के रहने वाले राहुल की शिक्षा-दीक्षा रांची व पटना में हुई। राहुल के माता-पिता BSNL में पदाधिकारी थे, इस कारण से शहरों में ही ज्यादा समय व्यतीत हुआ। चार बहनों के बीच इकलौते भाई राहुल श्रीवास्तव ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका मुकाम सिनेमा का रुपहला पर्दा होगा।

- Advertisement -

वे बताते हैं कि पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने रंगमंच की तरफ रुख किया, पर उन्हें कालिदास रंगालय से भगा दिया गया कि आप अभिनय नहीं कर सकते। यह बात उनके दिल को छू गयी थी। उन्होंने हार नहीं मानी तथा दूसरे सेक्टर में अपनी किस्मत आजमाने लगे। इन्होंने बतौर कैमरामैन अपने करियर की शुरुआत ईटीवी बिहार से की। साथ ही साथ उन्होंने कई क्षेत्रीय न्यूज़ चैनलों के लिए भी काम किया। इसी दौरान वह आईने के सामने खड़े होकर फिल्मी कलाकारों की नक़ल उतारते थे। उनके दोस्तों ने सुना तो उन्होंने कहा कि तुम जॉनी लीवर की नकल कर लेते हो।

उसके बाद उन्होंने किशोर कुमार समेत सभी बड़े कलाकारों की मिमिक्री करनी शुरू कर दी। साथ ही साथ स्टेज शो का हिस्सा बनने लगे। किशोर कुमार के गाने भी गाते थे। साथ ही साथ लोगों को हंसाने का काम भी करते। लेकिन दिल में कहीं न कहीं अभिनय करने की कसक लगी हुई थी। इसी दौरान पटना में भोजपुरी फिल्म चाचा-भतीजा की शूटिंग हो रही थी। किसी माध्यम से वह फिल्म के निर्देशक से मिले। इन्हें एक सीन करने का मौका मिला।

उसके बाद राहुल ने मुंबई के तरफ रुख किया, पर सब कुछ इतना आसान नहीं था। कोई काम देना नहीं चाहता था।  जो परिचित थे, उन्होंने भरोसा नहीं दिखाया। इसी बीच वह पटना वापस आकर स्टेज शो करने लगे। इसी दौरान राहुल की एक हिंदी फिल्म निर्माता  से मुलाकात हुई, जिन्होंने उन्हें मुंबई बुलाया।

यह भी पढ़ेंः मुल्कः अनुभव का कमाल और ऋषि कपूर का निखार

छोटी मोटी भूमिकाएं करते करते रहे। उन्होंने खुद को  कॉमेडियन के रूप में भोजपुरिया रुपहले पर्दे पर स्थापित कर दिया। रवि किशन, मनोज तिवारी, निरहुआ, खेसारी लाल यादव, विनय, आनंद कृष्णा, अभिषेक से लेकर  पवन सिंह, सुदीप पांडे बाली जैसे कलाकारों के साथ उन्होंने स्क्रीन शेयर किया। राहुल कहते हैं कि भोजपुरी सिनेमा में वैसे तो बहुत कॉमेडियन है, पर दर्शकों ने जिस हिसाब से इन्हें प्यार और सम्मान दिया, उससे वे अभिभूत हैं और कुछ नया करने की कोशिश में लगे रहते हैं।

यह भी पढ़ेंः हरिवंश की जीत को राजग की 2019 में कामयाबी का ट्रेलर समझें

उनकी हालिया प्रदर्शित फिल्म थी यह इश्क बड़ा बेदर्दी है। राहुल इन दिनों बिहार में दो फिल्मों की शूटिंग कर रहे हैं। इनकी फिल्म है साली मिलल बा दहेज में व दहेज दानव। दर्जनभर से ज्यादा राज्यस्तरीय राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित राहुल का कहना है कि दिल में कसक है कि भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान मिले। भोजपुरी फिल्मों को भी मल्टीप्लेक्स में दिखाया जाए। राज्य सरकारों द्वारा भोजपुरी सिनेमा को संरक्षण प्रदान किया जाए ।साफ-सुथरी और पारिवारिक फिल्में बने कलाकारों को भी सरकार द्वारा संरक्षण मिले।

अपने फिल्मी करियर में उन्होंने मुन्नी बाई नौटंकी वाली, निरहुआ चलल ससुराल, गंगा तोहरा देश में,कसम धरती मैया की, बाज गईल डंका, लाडला, जिद्दी, साथिया, जो जीता वहीं सिकंदर, ये इश्क बड़ा बेदर्दी है व अगले महीने प्रदर्शन को तैयार यादव पान भंडार जैसी यादगार फिल्में की है।

यह भी पढ़ेंः वही सबके घर की घंटी बजाते हैं, और फिर होता है यह काम

- Advertisement -