हम काम में यकीन करते हैं, ताकि हर वर्ग का विकास होः नीतीश

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नीतीश कुमार पर उनकी ही सरकार के साझीदार दल बीजेपी का दबाव बढ़ने लगा है कि वे कोटा में फंसे बिह7ार के बच्चों को लाने की पहल करें।
नीतीश कुमार पर उनकी ही सरकार के साझीदार दल बीजेपी का दबाव बढ़ने लगा है कि वे कोटा में फंसे बिह7ार के बच्चों को लाने की पहल करें।

पटना।  मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अधिवेशन भवन में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं से जुड़ी कई योजनाओं का माउस के जरिए लोकार्पण किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्रावास अनुदान योजना, मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रावास अनुदान योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास अनुदान योजना एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा अल्पसंख्यक वर्ग कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित छात्रावासों में खाद्यान्न आपूर्ति योजना का शुभारंभ किया।

इस अवसर  पर कार्यक्रम  को  संबोधित  करते हुए  मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  आज  अनेक योजनाओं का लोकार्पण हुआ है, जिनका संबंध युवा छात्र-छात्राओं से है। शिक्षा के क्षेत्र में हमारी सरकार ने प्रारंभ से ही कई योजनाएं चलायी हैं, उसी दिशा में वंचित तबकों के लिए इन  योजनाओं की शुरुआत की  गई  है।  उन्होंने  कहा कि  सत्ता  ग्रहण करने  के  बाद  जब सर्वेक्षण कराया गया तो पता चला कि 12.50 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं, उसमें से सबसे ज्यादा अल्पसंख्यक और दलित समुदाय के बच्चे थे। अल्पसंख्यक समुदाय और अनुसूचित जातियों के बच्चों को साक्षर करने के लिए टोला सेवक एवं तालिमी मरकज बहाल किए गए। अब इनकी ड्राॅप आउट संख्या एक प्रतिशत से भी कम रह गई है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, महिलाओं के लिए साक्षरता अभियान भी चलाया गया। हमारा उद्देश्य है कि जो भी उपेक्षित ह,ै हाशिए पर हैं, उन्हें शिक्षित किया जाय।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए नए छात्रावासों का निर्माण करवाया जा रहा है, जो पुराने एवं जर्जर छात्रावास हैं, उनकी जगह पर नये छात्रावास बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे छात्र-छात्राओं को अध्ययन के लिए नया वातावरण मिलेगा और उम्मीद है कि वे बेहतर ढंग

से अध्ययन करेंगे। हमारी सरकार बनने के पहले छात्रावासों की जो हालत थी, वो किसी से छुपी हुई नहीं है। छात्रों को शौच तक के लिए बाहर जाना पड़ता था। अब जो नए भवन बने हैं,  वहां छात्रों के लिए सारी  मौलिक  सुविधाएं  उपलब्ध  करा  दी  गई  हैं। जननायक  कर्पूरी ठाकुर के नाम पर अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए छात्रावास योजना की शुरुआत की गई। उन छात्रावासों में पढ़ने वाले छात्रों में उत्साह एवं लगन देखने को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं को कई तरह की छात्रवृति का लाभ मिल रहा है। छात्रावास में रहने के दौरान छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह 1000 रुपए सहायता राशि दी जाएगी। छात्रावास में रहने वाले छात्रों को राशि सीधे अकाउंट में मिलेगी। केंद्र सरकार ने इनके लिए बी0पी0एल0 के दर पर अनाज उपलब्ध कराने की सहमति दी गयी किन्तु हमलोगों ने मुफ्त में 15 किलो अनाज जिसमें 9 किलो चावल और 6 किलो गेहूं प्रति विद्यार्थी, प्रतिमाह छात्रावास तक पहुंचा देने की योजना को लागू किया। अब छात्र बिना किसी परेशानी के मन लगाकर पढ़ सकेंगे, अब न उन्हें खाने की चिंता करनी है और न ही पैसे की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्रा, जो बी0पी0एस0सी0 प्रारंभिक परीक्षा पास करेंगे, उन्हें इस वर्ष से 50 हजार रुपये और राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राएं, जो यू0पी0एस0सी0 की प्रारंभिक परीक्षा पास करेंगे उन्हें एक लाख की राशि सरकार उपलब्ध कराएगी ताकि वे मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार की तैयारी बेहतर ढंग से कर सकें और फाइनल रुप से चयनित हो सकें। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थी इन योजनाओं का लाभ उठाएं और अधिक से अधिक संख्या में पदाधिकारी बनें। मैं लोगों के लिए सकारात्मक ढंग से काम करने में विश्वास करता हूॅ, जिन्हें नकारात्मक बातें करने की आदत है, वे करते रहें। सात निश्चय के अंतर्गत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत सभी वर्ग के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए 4 लाख रुपए तक शिक्षा ऋण दिया जा रहा है।

लड़कों को यह राशि 4 प्रतिशत दर पर, जबकि लड़कियों, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेंडरों को यह राशि 01 प्रतिशत दर पर उपलब्ध होगा। जो छात्रवृति का लाभ उठा रहे हैं, उन सबको भी शिक्षा ऋण का लाभ मिल सकेगा। मेरा उद्देश्य है कि सभी मन से पढ़ें और आगे बढ़ें। समाज में विभेद है, उसका खात्मा हो। सब क्षेत्र, सब वर्ग का विकास हो, इसके लिए न्याय के साथ विकास के पथ पर हम अग्रसर हैं। चंद कल कारखाने लग जाएं, कुछ लोगों की आमदनी बढ़ जाए यही विकास नहीं है बल्कि विकास का लाभ हर लोग, हर वर्ग, हर क्षेत्र को मिले। बिहार की जनता की अपेक्षाओं को हम समझते हैं, उस पर निरंतर काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार के काम के अंतर्गत शराबबंदी लागू की गई। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं। शराबबंदी के बाद राज्य में किसी वर्ग से पूछिए इसका कितना अच्छा प्रभाव पड़ा है और वातावरण में कैसा बदलाव आया है। पांच नई योजनाओं की शुरुआत कर उसे मूत्र्तरुप दिया गया है, इसके लिए माॅनसून सत्र में ही अनुपूरक बजट की व्यवस्था कर सभी योजनाओं के लिए बजट स्कीम लागू कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का गौरवशाली इतिहास रहा है, उसे फिर से प्राप्त करना है। 2000 वर्ष पूर्व यहां का इतिहास गौरवशाली था, यही आर्यावर्त का इतिहास था और यूं कहिए यह मानव जाति का इतिहास था। आप सबको प्रेम, सद्भाव के साथ रहकर एक दूसरे की इज्जत करनी है और मन लगाकर पढ़ना है। आप सभी युवाओं को तकनीक का सदुपयोग करना चाहिए। सोशल मीडिया में अफवाह और नकारात्मक खबरों का चलन हो गया है, उससे बचने की जरुरत है। मनोबल और उत्साह के साथ आदर का भाव रखते हुए आगे बढ़ना है। इन योजनाओं का लाभ उठाकर आप सब सिर्फ बड़े पदाधिकारी ही नहीं बनें बल्कि उससे और आगे जाएं, काबिलियत प्राप्त करें, विद्वान बनें। उन्होंने कहा कि आप सब को डॉ0 भीमराव अंबेडकर से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने यह सिद्ध किया कि किसी वर्ग में जन्म लेने पर भी संघर्ष कर उच्च शिक्षा प्राप्त की जा सकती है और अंत में वे देश के संविधान निर्माता बने। मैं आप सबसे यही कहूंगा की सारी योजना पढ़ने के लिए है, जिसका आप लोग लाभ उठाएं।

कार्यक्रम की शुरुआत के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा कल्याणकारी संस्थान एवं छात्रावास योजना कें अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं हेतु खाद्यान्न वितरण की डोर स्टेट डिलिवरी के माध्यम से आपूर्ति वाहनों को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री का स्वागत पुष्प-गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया गया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान सांकेतिक रुप से लाभार्थियों को चेक प्रदान किया।

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कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री रमेश ऋषिदेव, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्री ब्रजकिशोर बिंद, मुख्यमंत्री के परामर्शी श्री अंजनी कुमार सिंह, गृह, सामान्य प्रषासन, मद्य निषेध,उत्पाद एवं निबंधन तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री आमिर सुबहानी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव श्री प्रेम सिंह मीणा ने भी संबोधित किया।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, बिहार महादलित विकास मिशन के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के निदेशक श्री मिथिलेश कुमार सहित संबंधित विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं अन्य लाभार्थी उपस्थित थे।

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